Edited By ,Updated: 28 May, 2024 05:29 AM
आज देश में जहां एक ओर भ्रष्टाचार तथा महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न माफियाओं तथा गुंडा तत्वों द्वारा देश में हिंसा तथा रक्तपात लगातार जारी है। ये अपने मार्ग में रुकावट बनने वाले किसी भी व्यक्ति की हत्या करने या उसे...
आज देश में जहां एक ओर भ्रष्टाचार तथा महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न माफियाओं तथा गुंडा तत्वों द्वारा देश में हिंसा तथा रक्तपात लगातार जारी है। ये अपने मार्ग में रुकावट बनने वाले किसी भी व्यक्ति की हत्या करने या उसे क्षति पहुंचाने मेें जरा भी संकोच नहीं करते, जिसके इसी महीने के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
* 5 मई, 2024 को मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में रेत माफिया ने अवैध रूप से खनन की गई रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली रोकने की कोशिश करने पर एक असिस्टैंट सब इंस्पैक्टर को कुचल कर मार डाला।
* 6 मई की रात को बिहार में मुंगेर जिले के ‘विक्रमपुर-दरियापुर’ गांव में छापा मारने गई पुलिस टीम पर शराब माफिया ने गांव वालों के साथ मिल कर हमला कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने एक्साइज विभाग की गाड़ी के ड्राइवर राकेश कुमार पर हमला कर दिया तो जान बचाने के लिए भागे ड्राइवर की कुएं में गिर कर मौत हो गई।
* 14 मई को राजस्थान में सूरजगढ़ के ‘बालौदा’ गांव में हुए मामूली विवाद में शराब माफिया के गुंडों ने एक युवक के हाथ-पैर बांध कर उसे उलटा लटका कर तब तक पीटा जब तक कि उसकी जान नहीं चली गई।
* 21 मई को उत्तर प्रदेश में हाथरस के ‘सिकंदरा राऊ’ कोतवाली क्षेत्र के गांव ‘नगलामणि’ में अवैध मिट्टी खनन रोकने गई पुलिस की टीम पर हमला करके महिलाओं सहित माफिया के लगभग तीन दर्जन गुंडे गोलियां चलाते हुए पुलिस द्वारा जब्त की गई अवैध खनन से भरी ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ा कर ले गए।
* 23 मई को सुबह-सवेरे बिहार में काराकट थाना क्षेत्र के चिकसील बाजार से अवैध रेत से लदी ट्राली को जब्त करके ले जा रही पुलिस की टीम पर ‘पिपरा’ गांव के निकट मोटरसाइकिलों पर आए रेत माफिया के लगभग आधा दर्जन गुंडे मारपीट करके अपनी ट्राली छुड़ा कर ले जाने में सफल हो गए। उन्होंने पुलिस टीम में शामिल महिला सिपाही के साथ अभद्रता भी की।
* 24 मई शाम को हरियाणा में फरीदाबाद के गांव राजपुर फुलेरा के निकट ‘कावड़ा मोड़’ पर गश्त कर रहे पुलिस कर्मियों ने जब यमुना नदी से रेत चुरा कर ले जा रहे माफियाओं के ट्रैक्टर-ट्राली को रोक कर पूछताछ करनी चाही तो पलक झपकते ही वहां आ पहुंचे आधा दर्जन युवकों ने पुलिस कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और उनकी ïवर्दी तक फाडऩे के अलावा रेत से भरी अपनी ट्रैक्टर-ट्राली भी छुड़ा कर ले गए। इस हमले में 3 पुलिस कर्मियों को चोटें भी आईं।
* 25 मई को राजस्थान के बालोतरा जिले में नदी में अवैध खनन करने वाले बजरी तस्करों को पकडऩे गए ‘समदड़ी’ के पुलिस दल पर बदमाशों ने हमला कर दिया और उन पर डम्पर चढ़ाने की कोशिश भी की।
* 25 मई को ही बिहार के ‘गया’ जिले के ‘बहेरा’ थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार 5 लोगों तथा उनसे जब्त की गई शराब और 4 मोटरसाइकिलों को छुड़वाने के लिए शराब तस्करों की टीम ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिससे ‘बहेरा’ थाना के एक सब-इंस्पैक्टर और एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
* 26 मई को शाहकोट में सतलुज दरिया के निकट किए जा रहे अवैध खनन पर फरीदकोट से छापा मारने आई खनन विभाग के 10 अधिकारियों की टीम पर खनन माफिया के तेजधार हथियारों से लैस 30 लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया और उनके वाहनों की तोड़-फोड़ करने के अलावा एक लैपटॉप, नकदी, 2 पर्स और अन्य सामान गाड़ी से चुरा लिया।
उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि आज विभिन्न समाज विरोधी माफियाओं और गुंडा तत्वों के हौसले व गतिविधियां इस कदर बढ़ चुकी हैं कि प्रशासन भी माफिया के सामने बेबस होकर रह गया है। लिहाजा इस संबंध में माफिया के विरुद्ध कड़ा अभियान छेडऩे के साथ-साथ उन्हें शरण देने वाले राजनीतिज्ञों और पुलिस कर्मचारियों, अधिकारियों आदि का पता लगा कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई किए बगैर इस समस्या का हल कतई संभव नहीं।—विजय कुमार