‘केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी’‘क्या कह रहे हैं और क्यों कह रहे हैं!’

Edited By ,Updated: 03 Oct, 2024 05:02 AM

what is union minister nitin gadkari saying and why is he saying it

भाजपा के स्पष्टवादी नेताओं में से एक, केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी अपने काम का प्रचार करने की बजाय चुपचाप काम करने में विश्वास रखते हैं तथा पार्टी द्वारा तय मापदंडों के भीतर रह कर अपनी बात बेबाकी से कहते रहते हैं जिसके चंद...

भाजपा के स्पष्टवादी नेताओं में से एक, केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी अपने काम का प्रचार करने की बजाय चुपचाप काम करने में विश्वास रखते हैं तथा पार्टी द्वारा तय मापदंडों के भीतर रह कर अपनी बात बेबाकी से कहते रहते हैं जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 27 जून, 2024 को उन्होंने हाईवे पर यात्रा करने वाले लोगों की परेशानियों को देखते हुए जोर देकर कहा ‘‘यदि सड़कें अच्छी हालत में नहीं हैं तो राजमार्ग एजैंसियों को ‘टोल’ नहीं लगाना चाहिए। टोल तभी वसूला जाना चाहिए जब बेहतरीन गुणवत्ता वाली सड़कें प्रदान की जाएं।’’
* 28 जुलाई को श्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिख कर जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर लागू 18 प्रतिशत जी.एस.टी. हटाने की मांग करते हुए लिखा,  ‘‘जो व्यक्ति जीवन की अनिश्चितताओं से अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बीमा प्रीमियम और चिकित्सा बीमा प्रीमियम अदा करता है, उस पर यह टैक्स नहीं लगाना चाहिए।’’ ‘‘जीवन बीमा प्रीमियम पर जी.एस.टी. लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है। अत: जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जी.एस.टी. वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता से विचार करें।’’ 

* 14 सितम्बर को श्री गडकरी ने सार्वजनिक रूप से खुलासा किया, ‘‘विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने मुझे प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी, लेकिन मैंने इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि मैं एक विचारधारा और विश्वास का पालन करने वाला व्यक्ति हूं। मैं एक ऐसी पार्टी में हूं जिसने मुझे वह सब कुछ दिया है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। कोई भी प्रस्ताव मुझे लुभा नहीं सकता।’’ (उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनावों के समय माना जा रहा था कि भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी और सरकार बनाने के लिए उसे कुछ विपक्षी दलों के समर्थन की सहायता लेनी पड़ सकती है।) 
* 23 सितम्बर को उन्होंने नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘केंद्र में भाजपा चौथी बार सरकार बनाए इसकी कोई गारंटी नहीं है।’’
* 27 सितम्बर को जब एक कार्यक्रम में एक वरिष्ठï विपक्षी नेता द्वारा उन्हें दी गई प्रधानमंत्री पद की पेशकश के विषय में पूछा गया तो उन्होंने इसकी पुष्टि की कि, ‘‘लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में कई बार प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव मिल चुका है परंतु प्रधानमंत्री बनना मेरा लक्ष्य नहीं है अत: प्रस्ताव स्वीकार करने का सवाल ही नहीं था।’’ अलबत्ता उन्होंने इतना अवश्य कहा कि यदि वह योग्य हैं तो उन्हें यह पद मिलेगा। 

* 27 सितम्बर को ही श्री गडकरी ने छत्रपति संभाजी नगर में एक समारोह में कहा, ‘‘राजनीति समाज सेवा, राष्ट्र निर्माण व विकास का दूसरा नाम है पर आज इसका अर्थ केवल ‘सत्ता की राजनीति’ ही रह गया है। ’’ और अब 1 अक्तूबर को उन्होंने विदर्भ क्षेत्र में निवेश की कमी को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है।

निवेशकों से बातचीत में उन्होंने कहा :‘‘वंचित महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए हाल ही में महाराष्ट्र की सरकार द्वारा शुरू की गई ‘लाडकी (लाडली) बहन योजना’ के लिए राज्य सरकार को अलग से कुछ फंड उपलब्ध करवाना होगा। इसलिए अन्य सैक्टरों को मिलने वाली सबसिडी प्रभावित होगी। इस हालत में इस बात का कोई भरोसा नहीं है कि निवेशकों को सबसिडी का भुगतान समय पर मिलेगा।’’ निवेशकों को निवेश के लिए स्वयं आगे आने को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप लोग सरकार पर निर्भर न रहें। किसी भी पार्टी की सरकार हो, उससे दूरी बना कर रखनी चाहिए। सरकार ‘विष कन्या’ होती है, जिसके साथ जाती है उसे डुबो देती है, अत: इस पचड़े में मत पड़ो।’’ 

श्री गडकरी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब महाराष्ट्र में महायुति सरकार इसी वर्ष संभावित राज्य विधानसभा के चुनावों के दृष्टिïगत अपनी इस योजना का जोर-शोर से प्रचार कर रही है।
‘लाडकी बहन योजना’ पर श्री गडकरी की टिप्पणियों पर निशाना साधते हुए विपक्षी राष्ट्रपति कांग्रेस पार्टी (एस.पी.) और शिवसेना (यू.बी.टी.) ने कहा है कि यदि सरकार में शामिल लोग ही कह रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था संकट में है तो यह चिंता का विषय है। श्री नितिन गडकरी की उपरोक्त बेबाक टिप्पणियों के दृष्टिगत निस्संकोच कहा जा सकता है कि उनकी अच्छी और सच्ची बातें किसी स्वार्थ से नहीं बल्कि राष्ट्रवाद की भावना से ही प्रेरित हैं।—विजय कुमार 

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