नशा तस्करी के लिए तस्कर अपना रहे कैसे-कैसे खतरनाक तरीके!

Edited By ,Updated: 25 Mar, 2025 05:39 AM

what kind of dangerous methods are smugglers adopting for drug smuggling

हाल ही के वर्षों में भारत में नशा तस्करी के मामलों में न सिर्फ तेजी से वृद्धि हुई है, बल्कि नशा तस्कर पुरुष और महिलाएं इसके लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं जिनके पिछले 3 महीनों में सामने आए 4 अनूठे मामले निम्न में दर्ज किए जा रहे हैं

हाल ही के वर्षों में भारत में नशा तस्करी के मामलों में न सिर्फ तेजी से वृद्धि हुई है, बल्कि नशा तस्कर पुरुष और महिलाएं इसके लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं जिनके पिछले 3 महीनों में सामने आए 4 अनूठे मामले निम्न में दर्ज किए जा रहे हैं : 

* 2 जनवरी को ‘बेतिया’ (बिहार) स्थित ‘गवर्नमैंट मैडीकल कालेज अस्पताल’ (जी.एम.सी.एच.) के निकट से पुलिस से बचने के लिए तालाब में कूद जाने वाली महिला तस्कर ‘अनीता देवी’ को गिरफ्तार किया गया। 
जब पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से उसे तालाब से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया तो इसी बीच उसके  प्राइवेट पार्ट में छिपाई हुई 20 ग्राम चरस की पुडिय़ा निकल कर फर्श पर गिर गई। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। महिला की निशानदेही पर उसके साथी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। 

* 2 मार्च को मुम्बई में ‘डायरैक्टोरेट ऑफ रैवेन्यू इंटैलीजैंस’ (डी.आर.आई.) के अधिकारियों ने ‘मुम्बई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे’ पर ‘साओ पाउलो’ से आई एक ब्राजीलियाई महिला को कोकीन वाले 100 कैप्सूल निगल कर भारत लाने के आरोप में गिरफ्तार किया। कुल 1,096 ग्राम वजनी इन कैप्सूलों की बाजार में कीमत 10.96 करोड़ रुपए बताई जाती है। ‘साओ पाउलो’ (ब्राजील) से आई इस महिला से शुरूआती जांच में तो कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई परंतु सख्ती से पड़ताल तथा पूछताछ करने पर  महिला ने कोकीन से भरे कैप्सूल निगलने का आरोप स्वीकार कर लिया। (उल्लेखनीय है कि नशीले पदार्थों की तस्करी करने का यह तरीका अत्यंत खतरनाक है क्योंकि कैप्सूल के टूटने से व्यक्ति की जान भी जा सकती है।) 

* 22 मार्च को ‘कोल्लम’ (केरल) में अधिकारियों ने लाखों रुपए मूल्य के मादक पदार्थ ‘एम.डी.एम.ए.’ की तस्करी करने के आरोप में ‘अनिला रवींद्रन’ नामक 34 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान ‘अनिला रवींद्रन’  के कब्जे से कुल  90 ग्राम ‘एम.डी.एम.ए. बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि पहले उसकी कार की तलाशी लिए जाने के दौरान 50 ग्राम ‘एम.डी.एम.ए.’ बरामद हुआ और बाद में संदेह होने पर उसके शरीर की डाक्टरी जांच के दौरान उसके गुप्तांग में छिपाकर रखा गया 40 ग्राम ‘एम.डी.एम.ए.’ बरामद किया गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह महिला ‘कोल्लम’ शहर के स्कूल व कालेज के छात्रों को ड्रग्स सप्लाई करती थी। ‘एम.डी.एम.ए.’  को ‘एक्स्टेसी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक टैबलेट जैसी दवाई है जो इस्तेमाल करने वाले के मूड को बदल देती है। इसे ‘पार्टी ड्रग’ भी कहा जाता है।

* 23 मार्च को ‘मुजफ्फरपुर’ (बिहार) की ‘रेलवे प्रोटैक्शन फोर्स’ ने ‘बरौनी-कलोन एक्सप्रैस’ में यात्रा कर रहे ‘विवेक कुमार’ नामक युवक को अनोखे तरीके से शराब की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया। उसने 2 बनियानें पहन रखी थीं। नीचे वाली बनियान पर उसने सफेद टेप से चिपका कर विदेशी शराब के 58 ‘टैट्रा पैक’ छिपा रखे थे और ऊपर दूसरी बनियान तथा शर्ट पहन रखी थी ताकि किसी को शक न हो। उक्त घटनाएं दर्शाती हैं कि समाज विरोधी तत्व कानून की आंखों में धूल झोंक कर नशों की तस्करी करने के लिए कैसे-कैसे नए तरीके खोज रहे हैं। इनमें से कानून लागू करने वाली एजैंसियों की सतर्कता के कारण कुछ नशा तस्कर पकड़े जाते हैं जबकि कुछ बच कर निकल भी जाते हैं। नशा तस्कर आम तौर पर लोगों को लालच में फंसा कर इस काम के लिए चुनते हैं। इस तरह के हालात में नशा तस्करों की चालों को नाकाम करने के लिए पुलिस एवं कानून लागू करने वाली अन्य एजैंसियों को अधिक मुस्तैद होने की आवश्यकता है।इसके साथ ही ऐसे मामलों में पकड़े जाने वालों के विरुद्ध ‘फास्ट ट्रैक’ अदालतों में तेजी से मुकद्दमे चला कर उन्हें शीघ्र व कठोरतम सजा देने की जरूरत है ताकि दूसरों को भी सबक मिले।—विजय कुमार   

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