Edited By ,Updated: 05 Oct, 2024 03:37 AM
देश में चल रही बलात्कारों की आंधी में बसों में यात्रा करने वाली महिलाएं और पढऩे के लिए स्कूल वैनों में स्कूल जाने वाली बच्चियां तक अब सुरक्षित नहीं हैं।
देश में चल रही बलात्कारों की आंधी में बसों में यात्रा करने वाली महिलाएं और पढऩे के लिए स्कूल वैनों में स्कूल जाने वाली बच्चियां तक अब सुरक्षित नहीं हैं जिनके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
- 16 जून को कोझीकोड (केरल) में ‘केरल स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन’ की बस में एक व्यक्ति ने महिला सहयात्री से छेड़छाड़ की।
- 31 जुलाई को हैदराबाद (तेलंगाना) में चलती प्राइवेट स्लीपर बस के दो चालकों में से एक चालक ने एक महिला यात्री से बलात्कार कर डाला।
- 30 अगस्त को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के ‘गायत्रीपुरम’ स्थित एक प्राइमरी स्कूल की एल.के.जी. की छात्रा से गलत हरकत करने के आरोप में वैन ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया।
- 22 सितम्बर को सीतापुर (उत्तर प्रदेश) के ‘बिसवां’ कोतवाली क्षेत्र के एक स्कूल वैन ड्राइवर को 6 वर्षीय एक बच्ची से गलत हरकतें करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- 25 सितम्बर को गाजियाबाद में एक स्कूल वैन में 5 वर्षीय बच्ची से छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस ने स्कूल वैन के ड्राइवर को गिरफ्तार किया।
- 26 सितम्बर को इंदौर (मध्य प्रदेश) में एक प्रसिद्ध निजी स्कूल की वैन में 3 वर्षीय बच्ची से गंदी हरकत करने के आरोप में वैन के कंडक्टर को गिरफ्तार किया गया। बच्ची ने बताया कि ‘अंकल इस तरह छूते थे’।
- 30 सितम्बर को पुणे (महाराष्टï्र) पुलिस ने 6 वर्षीय 2 छात्राओं का यौन उत्पीडऩ और उनके निजी अंगों को छूने के आरोप में एक स्कूल वैन के चालक को गिरफ्तार किया।
- 2 अक्तूबर को आगरा (उत्तर प्रदेश) में एक स्लीपर बस के सहायक चालक को सीट पर सो रही एक युवती को दबोच कर उसके साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
बसों और स्कूल वैनों के चालक दल द्वारा इस तरह की हरकतें करने की कतई उम्मीद नहीं की जाती। अत: ऐसा करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि बसों में महिला यात्री और स्कूल वैनों में यात्रा करने वाली बच्चियां सुरक्षित रहें। -विजय कुमार