Edited By Parminder Kaur,Updated: 29 Jun, 2024 01:39 PM
भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के ट्रेंड्स में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। देश में लोग ईवी से दोगुनी कीमत होने के बावजूद हाइब्रिड कारों पर भरोसा कर रहे हैं। अप्रैल-जून के बीच हाइब्रिड वाहनों ने ईवी की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है। वाहन डैशबोर्ड के...
ऑटो डेस्क. भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के ट्रेंड्स में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। देश में लोग ईवी से दोगुनी कीमत होने के बावजूद हाइब्रिड कारों पर भरोसा कर रहे हैं। अप्रैल-जून के बीच हाइब्रिड वाहनों ने ईवी की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है। वाहन डैशबोर्ड के डेटा के मुताबिक, देश में अप्रैल से 11 जून के बीच 7500 प्रतिमाह के हिसाब से 15,000 ईवी बिकीं, जबकि हाइब्रिड की बिक्री 59,814 रही। प्योर इलेक्ट्रिक कारें 8 लाख रुपए से शुरू होती हैं, वहीं हाइब्रिड कारों की कीमत 17 लाख से शुरू है। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, फरवरी में अमेरिका में ईवी बिक्री की तुलना में हाइब्रिड की बिक्री पांच गुना तेजी से बढ़ी है।
ऑटो कंपनियां भी हाइब्रिड पर कर रहीं फोकस
ऑटो कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हाइब्रिड कारों की बिक्री पिछले साल 30% से ज्यादा बढ़ी है। यही वजह है कि मारुति सुजुकी, टोयोटा जैसे जापानी वाहन निर्माता ईवी के बजाय हाइब्रिड पर जोर दे रहे हैं। हुंडई भी 2026 तक भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कार लॉन्च करने की योजना बना रही है।
हाइब्रिड कार फ्यूल और बैटरी दोनों से चलती है
हाइब्रिड व्हीकल में पेट्रोल या डीजल जैसे इंटरनल कंबशन इंजन (आइस) के साथ ही इलेक्ट्रिक बैटरी भी होती है, जो वाहनों की रेंज और फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ाने में मददगार है। दुनिया में पेट्रोल-डीजल चलित वाहनों के अलावा स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, माइल्ड हाइब्रिड, प्लग इन हाइब्रिड और प्योर इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है।