Edited By Radhika,Updated: 15 Jun, 2024 11:04 AM
दक्षिण कोरिया की Hyundai motors अपनी भारतीय इकाई हुंडई मोटर इंडिया का IPO लाने का प्लान बना रही है। कंपनी IPO में 17.5 % हिस्सेदारी बेचकर 3 अरब डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) जुटाना चाह रही है।
ऑटो डेस्क: दक्षिण कोरिया की hyundai motors अपनी भारतीय इकाई हुंडई मोटर इंडिया का IPO लाने का प्लान बना रही है। कंपनी IPO में 17.5 % हिस्सेदारी बेचकर 3 अरब डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) जुटाना चाह रही है। अगर हुंडई अपनी योजना पर आगे बढ़ती है तो यह भारत का अभी तक का सबसे बड़ा IPO होगा। यह दो साल पहले आए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के 21,000 करोड़ रुपये के IPO को भी पीछे छोड़ देगा। सूत्रों ने कहा कि hyundai IPO की मंजूरी के लिए जल्द ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास मसौदा दाखिल कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ में नए शेयर जारी नहीं करेगी और इसमें ऑफर फॉर सेल के जरिये मूल कंपनी हुंडई मोटर की हिस्सेदारी बेची जाएगी। इस बारे में हुंडई मोटर इंडिया ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। हुंडई का आईपीओ भारतीय वाहन उद्योग के लिए मील का महत्त्वपूर्ण पत्थर साबित होगा।
देश की सबसे बड़ी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी के वर्ष 2003 में सूचीबद्ध होने के बाद हुंडई आईपीओ लाने वाली पहली वाहन विनिर्माता कंपनी होगी। इस सप्ताह की शुरुआत में इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक को आईपीओ लाने के लिए बाजार नियामक सेबी कीमंजूरी मिली है। सूत्रों ने कहा कि हुंडई आईपीओ के जरिये 17.5 % तक हिस्सेदारी बेचने के लिए मंजूरी लेना चाह रही है मगर शेयरों की बिक्री इससे कम हो सकती है। सूत्रों ने पहले अनुमान लगाया था कि हुंडई इंडिया का मूल्यांकन 30 अरब डॉलर तक हो सकता है।
विश्लेषकों के अनुसार हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ से मिलने वाले पैसों का उपयोग भारत में अपनी विस्तार योजना को बढ़ाने में कर सकती है। कंपनी ने अगले 10 साल में 32,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का पूंजीगत खर्च करने की योजना बनाई है। हुंडई मोटर इंडिया ने हाल ही में जनरल मोटर्स के तलेगांव संयंत्र का अधिग्रहण किया है और कंपनी की उस पर 6,000 करोड़ रुपये निवेश करने वाली है। कंपनी तमिलनाडु में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर 26,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
सूचीबद्ध होने से हुंडई मोटर इंडिया को पूंजी के लिए अपनी कोरियाई प्रवर्तक पर निर्भर नहीं रहना होगा और टाटा मोटर्स जैसी स्थानीय कंपनियों से मुकाबला करने में वह आर्थिक रूप से ज्यादा सुदृढ़ होगी। हुंडई मोटर इंडिया की स्थानीय स्तर पर विनिर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करने के साथ ही चार्जिंग नेटवर्क बनाने और बैटरी कारखाना लगाने की भी योजना है। कंपनी भारत में अपनी उत्पादन क्षमता भी बढ़ाना चाह रही है।