Edited By ,Updated: 13 Oct, 2024 05:14 AM
जैसा कि हम लिखते रहते हैं, अपने अस्तित्व में आने के समय से ही पाकिस्तान के शासकों ने अपना भारत विरोधी रवैया जारी रखा हुआ है और भारत में अशांति फैलाने के लिए अपने पाले हुए आतंकवादियों के जरिए जम्मू-कश्मीर में लगातार हिंसा करवा रहे हैं।
जैसा कि हम लिखते रहते हैं, अपने अस्तित्व में आने के समय से ही पाकिस्तान के शासकों ने अपना भारत विरोधी रवैया जारी रखा हुआ है और भारत में अशांति फैलाने के लिए अपने पाले हुए आतंकवादियों के जरिए जम्मू-कश्मीर में लगातार हिंसा करवा रहे हैं।
अब जबकि जम्मू-कश्मीर में नैकां और कांग्रेस गठबंधन की सरकार शीघ्र ही उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में शपथ ग्रहण करने जा रही है, पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों की वकालत करने वाले नैकां सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि पाकिस्तान से बातचीत शुरू करने या न करने का फैसला करना हमारा नहीं केंद्र सरकार का काम है। हम भाईचारा चाहते हैं और हमें अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिएं। इसके साथ ही डा. फारूक अब्दुल्ला ने आशा व्यक्त की है कि ‘‘केंद्र सरकार ‘दक्षिण एशियाई क्षेत्र सहयोग संगठन’ (सार्क) को फिर से शुरू करेगी ताकि हम खुशी से जी सकें, हम इन देशों के बड़े भाई हैं।’’
इस बीच जहां जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारी हो रही है, वहीं बी.एस.एफ. के महानिरीक्षक (कश्मीर फ्रंटियर) अशोक यादव ने कहा है कि सर्दियां आते ही एल.ओ.सी. के निकट 130 से 150 के बीच आतंकवादी कश्मीर घाटी में घुसपैठ के लिए लांच पैड पर इंतजार कर रहे हैं। सुरक्षा बल इस बात को यकीनी बनाएंगे कि घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम किया जाए। श्री अशोक यादव के अनुसार एल.ओ.सी. के निकट कुछ गांव हैं।
तंगधार और केरन सैक्टर जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्र हैं। वहां मोबाइल बंकर और महिला सैनिकों को भी तैनात किया गया है क्योंकि ऐसी सूचना थी कि पाकिस्तानी कुछ महिलाओं को कोरियर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह के हालात में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि सशस्त्र बलों को चुनौतियों से निपटने और अप्रत्याशित चुनौतियों के लिए हर समय तैयार रहने की जरूरत है जो अत्यंत आवश्यक है ताकि आतंकवादी रंग में भंग न डाल पाएं।-विजय कुमार