Edited By ,Updated: 24 Nov, 2024 05:41 AM
प्यू रिसर्च सैंटर द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 प्रतिशत अमरीकी और रिपब्लिकन और डैमोक्रेट नियमित रूप से डिजिटल प्रभावशाली लोगों से समाचार प्राप्त करते हैं, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पाए जाने की अधिक संभावना है।
प्यू रिसर्च सैंटर द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 प्रतिशत अमरीकी और रिपब्लिकन और डैमोक्रेट नियमित रूप से डिजिटल प्रभावशाली लोगों से समाचार प्राप्त करते हैं, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पाए जाने की अधिक संभावना है। 10,000 से अधिक अमरीकी वयस्कों के सर्वेक्षण और इस गर्मी में प्रभावशाली लोगों द्वारा पोस्ट किए गए सोशल मीडिया पोस्ट के विश्लेषण से निकाले गए निष्कर्ष इस बात का संकेत देते हैं कि अमरीकी राष्ट्रपति अभियान के चरम पर अमरीकियों ने किस तरह से समाचारों का उपभोग किया, जिसमें राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प ने अंतत: जीत हासिल की।
अध्ययन में ऐसे लोगों द्वारा चलाए जा रहे खातों की जांच की गई जो नियमित रूप से वर्तमान घटनाओं के बारे में पोस्ट करते हैं और बात करते हैं जिसमें पॉडकास्ट और न्यूजलैटर्स के माध्यम भी शामिल हैं और जिनके फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब, एक्स या टिकटॉक पर 100,000 से अधिक फॉलोअर हैं। उनमें राजनीतिक स्पैक्ट्रम के लोग शामिल हैं, जैसे कि प्रगतिशील पॉडकास्ट होस्ट ब्रायन टायलर कोहेन और रूढि़वादी पॉडकास्टर बेन शापिरो। साथ ही क्रिस सिलिजा जैसे गैर-पक्षपाती व्यक्तित्व भी शामिल हैं, जो एक पूर्व सी.एन.एन. विश्लेषक हैं और अब अपना स्वयं का न्यूजलैटर चलाते हैं।
रिपोर्ट में पाया गया कि प्रभावशाली लोगों ने ज्यादातर राजनीति और चुनाव के बारे में समाचार पोस्ट किया, उसके बाद जाति और गर्भपात जैसे सामाजिक मुद्दे और अंतर्राष्ट्रीय घटनाएं, जैसे कि इसराईल-हमास युद्ध पर पोस्ट किया। उनमें से ज्यादातर 63 प्रतिशत पुरुष हैं और 77 प्रतिशत बहुसंख्यक का किसी मीडिया संगठन से कोई जुड़ाव या पृष्ठभूमि नहीं है। प्यू ने कहा कि जिन प्रभावशाली लोगों का उसने नमूना लिया, उनमें से लगभग आधे ने स्पष्ट राजनीतिक रुझान नहीं दिखाया। जिन लोगों ने दिखाया, उनमें से थोड़े ज्यादा ने खुद को उदारवादी की तुलना में रूढि़वादी बताया। राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान, दोनों पार्टियों ने ऐसे प्रभावशाली लोगों को आकर्षित किया, जिनमें ऐसे निर्माता भी शामिल थे जो बहुत राजनीतिक नहीं थे। ऐसा इसलिए किया ताकि उन मतदाताओं के लिए प्रतिस्पर्धा की जा सके जो अपनी अधिकांश खबरें गैर-पारंपरिक स्रोतों से प्राप्त कर रहे हैं।
रिपब्लिकन और डैमोक्रेटिक राष्ट्रीय सम्मेलनों ने पिछली गर्मियों में अपने कार्यक्रमों को कवर करने के लिए प्रभावशाली लोगों को मान्यता दी थी। उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने एलैक्स कूपर के साथ बैठकर ‘कॉल हर डैडी’ पॉडकास्ट पर चर्चा की और ‘ऑल द स्मॉक’ पर साथियों के साथ बे एरिया बास्केटबॉल पर थोड़ी चर्चा की। इस बीच ट्रम्प ने युवा पुरुष मतदाताओं को लक्षित करने वाली प्रस्तुतियों की एक शृंखला के हिस्से के रूप में ‘बुसिन विद द ब्वॉयज’, ‘फ्लैग्रेंट’ और लोकप्रिय पॉडकास्टर जो रोगन पर अपने साथियों के साथ समय बिताया। प्यू रिसर्च सैंटर के वरिष्ठ कम्प्यूटेशनल सोशल साइंटिस्ट गैलेन स्टॉकिंग ने एक बयान में कहा, ‘‘इस साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इन प्रभावशाली लोगों ने वास्तव में ध्यान और प्रमुखता के नए स्तर को छुआ है। हमें लगा कि यह देखना वास्तव में महत्वपूर्ण है कि कुछ सबसे लोकप्रिय खातों के पीछे कौन हैं, वे जो समाचार संगठन नहीं हैं, बल्कि वास्तविक लोग हैं।’’
भले ही 85 प्रतिशत समाचार प्रभावशाली लोगों की ‘एक्स’ पर उपस्थिति है, उनमें से कई के पास फेसबुक, इंस्टाग्राम,यू-ट्यूब और टिकटॉक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, नस्लीय अल्पसंख्यक, युवा वयस्क और कम आय वाले वयस्कों को प्रभावशाली लोगों से समाचार प्राप्त करने की अधिक संभावना थी। प्यू द्वारा सर्वेक्षण किए गए अधिकांश लोगों ने कहा कि प्रभावशाली लोगों ने उन्हें वर्तमान घटनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है, जबकि लगभग एक चौथाई लोगों का कहना है कि उन्होंने जो सुना है उससे बहुत फर्क नहीं पड़ा है। 9 प्रतिशत का कहना है कि प्रभावशाली लोगों ने उन्हें और अधिक भ्रमित किया है। मीडिया विश्लेषक लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कैसे प्रभावशाली लोग जिनमें से अधिकांश को संपादकीय मानकों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है, गलत सूचना को बढ़ावा दे सकते हैं, या यहां तक कि अमरीका के विरोधियों द्वारा उनके हितों के अनुकूल सामग्री तैयार करने के लिए उनका उपयोग किया जा सकता है।-डेविड बाऊडर