अंतरिम सरकार से बंगलादेश नहीं संभल रहा

Edited By ,Updated: 27 Dec, 2024 05:42 AM

bangladesh is not being managed by the interim government

बंगलादेश की वर्तमान अंतरिम  यूनुस सरकार ने स्वीकार किया है कि शेख हसीना सरकार के जाने के बाद अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर हमले की  घटनाएं हुई हैं। किंतु इसमें भी मोटा-मोटा उन्होंने उन घटनाओं को स्वीकार किया है जो बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की...

बंगलादेश की वर्तमान अंतरिम  यूनुस सरकार ने स्वीकार किया है कि शेख हसीना सरकार के जाने के बाद अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर हमले की घटनाएं हुई हैं। किंतु इसमें भी मोटा-मोटा उन्होंने उन घटनाओं को स्वीकार किया है जो बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की दृष्टि में है। कहा है कि ऐसी 88 घटनाओं में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यानी घटनाएं बहुत कम हुईं और इनमें पुलिस प्रशासन ने कार्रवाइयां की हैं। हालांकि भारत की ओर से इसे उठाने के बावजूद हिंदू मंदिरों पर हमले और ङ्क्षहदुओं के विरुद्ध ङ्क्षहसा का सिलसिला रुक नहीं रहा। पिछले दिनों मैमन सिंह और दिनाजपुर जिले में आठ देव प्रतिमाओं को खंडित किया गया और पुलिस ने इनकी पुष्टि की है।

हिंदुओं के श्मशान घाट तक सुरक्षित नहीं हैं। नाटोर के कासिमपुर सैंट्रल श्मशान घाट के मंदिर के पुजारी की हत्या का भी समाचार आया है। पुजारी की हत्या के बाद लूटपाट हुई और पुलिस इसे डकैती बता रही है। अंतरिम सरकार से बंगलादेश नहीं संभल रहा है या वह हिंदुओं पर हमले को रोकना नहीं चाहती क्योंकि जिस तरह अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं और उनके धर्म स्थलों को लगातार इस्लामी कट्टरपंथी निशाना बना रहे हैं उसका क्या निष्कर्ष हो सकता है।  बंगलादेश का लगातार स्टैंड है कि भारत बातें बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहा है। भारत को उत्तेजित करने जैसे आधारहीन आरोप तक यूनुस सरकार लगा रही है। अंतरिम सरकार द्वारा वहां के सेवानिवृत न्यायाधीश मैनुल इस्लाम चौधरी की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट बंगलादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफैसर मोहम्मद यूनुस को सौंपी जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासनकाल में जबरन लोगों को गायब करने की घटनाओं में भारत संलिप्त था।

विरोधी शेख हसीना पर लोगों को गायब करने का आरोप लगाते रहे हैं और आयोग ने अपनी रिपोर्ट ‘अनफोल्डिंग द ट्रूथ ‘ में इनकी संख्या करीब 3000 बताई है। यहां तक कह दिया है कि बंगलादेश के कुछ कैदी अभी भारत की जेल में हो सकते हैं।
जरा सोचिए, हम भारतीयों के पाकिस्तान की जेल में बंद होने की बात करते रहे हैं और अब बंगलादेश आरोप लगा रहा है कि शेख हसीना के साथ लोगों को गायब कर जेल में रखने का अपराध भारत ने किया है। भारत सरकार, चाहे वहां हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों की सुरक्षा के लिए जितनी आवाज उठाए या संयम दिखाए बंगलादेश के वर्तमान सत्ताधीश हर स्तर पर भारत को आरोपित करने और उसे उत्तेजित करने की कोशिश जारी रखने वाला है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री बंगलादेश की यात्रा पर गए थे। उन्होंने संसद की स्थायी समिति के समक्ष पूरी बात रखी। उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन जैसा स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने बताया कि बंगलादेश की अंतरिम सरकार ने अपने देश में ङ्क्षहदुओं के विरुद्ध ङ्क्षहसा करने वालों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है। 

भारत एक गंभीर और परिपक्व देश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को भान है कि किसी आक्रामक प्रत्युत्तर और वक्तव्य का वहां के ङ्क्षहदुओं पर क्या असर पड़ेगा, इसलिए अत्यंत संयत रवैया अपनाया जा रहा है। विक्रम मिस्री ने बंगलादेश की यात्रा के दौरान मोहम्मद यूनुस विदेशी सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के साथ बातचीत की। वस्तुत: अगस्त में शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फैंके जाने के बाद भारत के किसी उच्च अधिकारी की पहली यात्रा थी। राजधानी दिल्ली सहित भारत के प्रमुख स्थानों पर लगातार बंगलादेश के हिंदुओं पर हिंसा के विरुद्ध स्वत:स्फूर्त प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें लोगों का क्रोध साफ दिखाई देता है। एक सीमा तक यह बंगलादेश का आंतरिक मामला है लेकिन हर देश की जिम्मेवारी अल्पसंख्यक नागरिकों को उनके धार्मिक पहचान के साथ जान-माल की रक्षा करने की है। अगर कोई देश इस जिम्मेदारी का पालन नहीं करता तो क्या किया जाए? 

बंगलादेश में हिंदुओं और उनसे जुड़े स्थलों पर हमले के विरुद्ध दुनिया भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। अमरीका में भी भारतीयों ने ‘हमें न्याय चाहिए और हिंदुओं की रक्षा करो’ का नारा लगाते हुए व्हाइट हाऊस से लेकर पूरी राजधानी में प्रदर्शन किया।
पूरे बंगलादेश में इस समय हिंदुओं के लिए स्वतंत्रतापूर्वक बाहर निकलना कठिन हो गया है। ऐसे दिल दहलाने वाले दृश्य आते हैं जब कोई हिंदू बाहर निकलता है और  समूह जंगली जानवर की तरह उन्हें खदेड़ते हैं, बेरहमी से पीटते हैं, खुलेआम हिंदुओं को काटने और उन्हें मुसलमान बनाने का नारे लगाते हैं, घर जलाते हैं संपत्तियां लूटते हैं, लड़कियों-महिलाओं के साथ गन्दे व्यवहार करते हैं तथा पुलिस व सुरक्षा बल कुछ नहीं कर पाते। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से हिंदुओं की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेवा भेजने की पहल करने की मांग की है। उन्हें कहना पड़ा है कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार हिंदुओं की रक्षा करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने बंगलादेश से आए लोगों को अपने यहां शरण देने और उनके लिए सारी व्यवस्था का भी आश्वासन दिया है। कम से कम अब समय है कि सब एक साथ आएं सच को स्वीकार करें और संपूर्ण भारत की सामूहिक आवाज एक हो।-अवधेश कुमार 
 

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