Edited By ,Updated: 28 Jun, 2024 05:58 AM
काठमांडू के एक स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्रतिष्ठित रैपर और राजनीतिक नौसिखिया 34 वर्षीय मेयर बालेंद्र शाह (जिन्हें लोकप्रिय नाम बालेन से जाना जाता है) और 72 वर्षीय हाईस्कूल ड्राप आऊट, दो बार के प्रधानमंत्री, राजनीतिक दिग्गज और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी...
काठमांडू के एक स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्रतिष्ठित रैपर और राजनीतिक नौसिखिया 34 वर्षीय मेयर बालेंद्र शाह (जिन्हें लोकप्रिय नाम बालेन से जाना जाता है) और 72 वर्षीय हाईस्कूल ड्राप आऊट, दो बार के प्रधानमंत्री, राजनीतिक दिग्गज और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूनाइटेड माक्र्सवादी लैनिन) के अध्यक्ष खडग़ प्रसाद शर्मा ओली के बीच संघर्ष चल रहा है। इस द्वंद्व ने कई समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और यू-ट्यूबर्स को अपनी ओर आकर्षित किया है। बालेन पर हमला करने के लिए अपनी पूरी पार्टी को संगठित करने में आखिर ओली का मकसद क्या है और बिना किसी राजनीतिक अनुभव और राजनीतिक अनुयायियों वाला बालेन ओली के साथ लड़ाई क्यों कर रहा है। इस द्वंद्व का ओली की पार्टी और बालेन पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह सब आकांक्षाएं आगे की ओर बढ़ रही हैं। बालेन-ओली की लड़ाई तब शुरू हुई जब महानगरीय शहर ने नगर निगम की भूमि या अवैध रूप से बनी इमारतों पर व्यावसायिक विज्ञापनों को हटाना शुरू कर दिया जो नगर निगम के नियमों का पालन नहीं करते थे।
मेयर ने आपत्तिजनक इमारतों में रहने वालों या व्यवसाय मालिकों को कानून का पालन करने और परिसर खाली करने का आदेश दिया। ज्यादातर मामलों में रहने वालों ने इस आदेश की अनदेखी की। पुराने समय की तरह उन्होंने कानून को तोडऩा जारी रखने के लिए अपने राजनीतिक संबंधों पर भरोसा जताया। हालांकि बालेन के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने अतिक्रमण और अनुपालन न करने वाले विज्ञापनों को ध्वस्त करने के लिए नगर निगम का बल भेजा। मेयर की कार्रवाई में खारिज की गई पहली सम्पत्ति यू.एम.एल. से जुड़े किसी व्यक्ति की थी। सार्वजनिक भूमि विशेषकर नदी तट में संघर्ष को और तीव्र कर दिया। सभी ने गरीब अतिक्रमणकारियों द्वारा बनाए गए प्लास्टिक शैड को ध्वस्त करने के लिए बुलियनजर्स का उपयोग करने के लिए सार्वजनिक रूप से बालेन का मजाक उड़ाया।
माना जाता है कि कुछ लोगों ने सार्वजनिक भूमि पर निर्मित बहुमंजिला बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया और लाखों रुपए का व्यवसाय किया। एक बालेन समर्थक का कहना है कि उनमें से अधिकांश लोग यू.एम.एल. के समर्थक हैं जो यू.एम.एल. का वोट बैंक हैं। अतिक्रमण की समस्या कोई नई नहीं है। पिछली सरकारों ने जिनमें ओली के नेतृत्व वाली सरकार भी शामिल है, ने इसे मान्यता दी थी। जब बालेन ने धरहारा के बेसमंैट को कार पार्किंग के लिए खोल दिया तो संघर्ष और अधिक उग्र हो गया। सरकार ने इसका पुन: निर्माण करने का तर्क देते हुए आपत्ति जताई। धरहारा अभी भी अधूरा है और कार पार्किंग का उपयोग करना असुरक्षित है। बालेन ने जवाब दिया, ‘‘धरहारा का उद्घाटन चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ओली द्वारा एक पूर्ण परियोजना के रूप में किया गया था इसलिए यह अधूरा कैसे हो सकता है?’’
ओली के आलोचकों ने बालेन की तुलना ‘एक पिल्ला’ (एक बेकार और कमजोर व्यक्ति) से की और कहा कि हमारे सम्मानित अध्यक्ष को बदनाम करने की कोशिश की। ओली ने स्वयं बालेन को एक ‘बुलबुला’ के रूप में वर्णित किया है जिसका उल्लेख किया गया है। बालेन समर्थकों का कहना है कि ओली बूढ़ा है, बुद्धिमान है, चालाक है और आलोचना में निपुण है। अन्य सभी राजनेताओं की तरह जनता की नजरों में वह भ्रष्ट है। वहीं, बालेन एक युवा और गुस्सैल हैं। काठमांडू के लिए महत्वाकांक्षी, साहसी, निर्भीक, आवेज्ञी, केंद्रित और भ्रष्टाचार से बेदाग दृष्टिकोण वाले बालेन काठमांडू को स्वच्छ, कार्यशील और सुंदर शहर बनाना चाहते हैं। उनके मेयर बनने के लगभग 2 साल बाद काठमांडू अपेक्षाकृत साफ-सुथरा और हरा-भरा हो गया है।
इसकी सड़कें स्थायी गंदगी से मुक्त हो गई हैं। इसके फुटपाथ चलने योग्य हैं। सार्वजनिक स्कूलों में शिक्षण मानकों में सुधार हुआ है। आपातकालीन एम्बुलैंस सेवा अधिक भरोसेमंद हो गई है। सभी को राजनीतिक दलों और सरकार से समर्थन की कमी है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बालेन की उपलब्धियों ने उन्हें पूरे देश में बेहद लोकप्रिय बना दिया है। अगर हमारे पास बालेन जैसे 10 नेता हों तो हम देश को बदल सकते हैं। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय प्रैस ने भी बालेन के नेतृत्व पर ध्यान दिया है। अमरीका में प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध टाइम पत्रिका द्वारा उन्हें 2023 में 100 आगामी नेताओं में से एक नामित किया गया था।-नरेश कोइराला