Edited By ,Updated: 12 Sep, 2024 05:46 AM
जनता पार्टी से अलग हो कर 6 अप्रैल, 1980 को एक नए संगठन ‘भारतीय जनता पार्टी’ की घोषणा की गई। इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई।
जनता पार्टी से अलग हो कर 6 अप्रैल, 1980 को एक नए संगठन ‘भारतीय जनता पार्टी’ की घोषणा की गई। इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई।
विचार एवं दर्शन : भारतीय जनता पार्टी एक सुदृढ़, सशक्त, समृद्ध, समर्थ एवं स्वावलम्बी भारत के निर्माण हेतु निरंतर सक्रिय है। पार्टी की कल्पना एक ऐसे राष्ट्र की है जो आधुनिक दृष्टिकोण से युक्त एक प्रगतिशील एवं प्रबुद्ध समाज का प्रतिनिधित्व करता हो तथा प्राचीन भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति तथा उसके मूल्यों से प्रेरणा लेते हुए महान ‘विश्वशक्ति’ एवं ‘विश्व गुरु’ के रूप में विश्व पटल पर स्थापित हो। इसके साथ ही विश्व शांति तथा न्याययुक्त अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को स्थापित करने के लिए विश्व के राष्ट्रों को प्रभावित करने की क्षमता रखे।
भाजपा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित ‘एकात्म-मानवदर्शन’ को अपने वैचारिक दर्शन के रूप में अपनाया है। साथ ही पार्टी का अंत्योदय, सुशासन, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, विकास एवं सुरक्षा पर भी विशेष जोर है। पार्टी ने 5 प्रमुख सिद्धांतों के प्रति भी अपनी निष्ठा व्यक्त की, जिन्हें ‘पंचनिष्ठा’ कहते हैं। ये 5 सिद्धांत (पंच निष्ठा) हैं-राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रीय अखंडता, लोकतंत्र, सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता (सर्वधर्म समभाव), गांधीवादी समाजवाद (सामाजिक-आॢथक विषयों पर गांधीवादी दृष्टिकोण द्वारा शोषण मुक्त समरस समाज की स्थापना) तथा मूल्य आधारित राजनीति।
उपलब्धियां : अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के प्रथम अध्यक्ष निर्वाचित हुए। अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गई। 1996 के आम चुनावों में भाजपा को लोकसभा में 161 सीटें प्राप्त हुईं। भाजपा ने लोकसभा में 1989 में 85, 1991 में 120 तथा 1996 में 161 सीटें प्राप्त कीं। भाजपा का जनसमर्थन लगातार बढ़ रहा था। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार भाजपा सरकार ने 1996 में शपथ ली, परन्तु पर्याप्त समर्थन के अभाव में यह सरकार मात्र 13 दिन ही चल पाई।
इसके बाद 1998 के आम चुनावों में भाजपा ने 182 सीटों पर जीत दर्ज की और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने शपथ ली। परन्तु जयललिता के नेतृत्व में अन्नाद्रमुक द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के कारण सरकार लोकसभा में विश्वासमत के दौरान एक वोट से गिर गई, जिसके पीछे वह अनैतिक आचरण था, जिसमें उड़ीसा के तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री गिरिधर गोमांग ने पद पर रहते हुए भी लोकसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी तथा विश्वासमत के दौरान सरकार के विरुद्ध मतदान किया।
कांग्रेस के इस अवैध और अनैतिक आचरण के कारण ही देश को पुन: आम चुनावों का सामना करना पड़ा। 1999 में भाजपा को 182 सीटों पर पुन: विजय मिली तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 306 सीटें प्राप्त हुईं। एक बार पुन: अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा-नीत राजग की सरकार बनी। भारत-पाक संबंधों को सुधारने, देश की आंतरिक समस्याओं जैसे नक्सलवाद, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर तथा उत्तर पूर्व के राज्यों में अलगाववाद पर कई प्रभावी कदम उठाए गए। राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को सुदृढ़ कर सुशासन एवं सुरक्षा को केन्द्र में रखकर देश को समृद्ध एवं समर्थ बनाने की दिशा में अनेक निर्णायक कदम उठाए गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण अडवानी के नेतृत्व में राजग शासन ने देश में विकास की एक नई राजनीति का सूत्रपात किया।
वर्तमान स्थिति : आज भाजपा देश में एक प्रमुख राष्ट्रवादी शक्ति के रूप में उभर चुकी है एवं देश के सुशासन, विकास, एकता एवं अखंडता के लिए कृतसंकल्प है। 10 साल पार्टी ने मनमोहन सरकार के समय विपक्ष की सक्रिय और शानदार भूमिका निभाई व कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया। 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में पहली बार भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी, जो आज ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की उद्घोषणा के साथ गौरव सम्पन्न भारत का पुनॢनर्माण कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा लगभग 11 करोड़ सदस्यों वाली विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी के नेतृत्व में भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है।
26 मई, 2014 को नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कम समय में ही अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने विश्व में भारत की गरिमा को पुन: स्थापित किया, राजनीति पर लोगों के विश्वास को फिर से स्थापित किया। अनेक अभिनव योजनाओं के माध्यम से नए युग की शुरूआत की। अन्त्योदय, सुशासन, विकास एवं समृद्धि के रास्ते पर देश बढ़ चला है। आर्थिक और सामाजिक सुधार सुरक्षित जीवन जीने का मार्ग उपलब्ध करा रहे हैं।
किसानों के लिए ऋण से लेकर खाद तक की नई नीतियां जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सॉयल हैल्थ कार्ड आदि ने कृषि के तीव्र विकास की अलख जगाई है। ये नया युग है सुशासन का। चाहे आदर्श ग्राम योजना हो, स्वच्छता अभियान या फिर योग के सहारे भारत को स्वस्थ बनाने का अभियान, इन सभी कदमों से देश को एक नई ऊर्जा मिली है।
भाजपा की मोदी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, अमृत मिशन, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, डिजिटल इंडिया, जी.एस.टी. जैसी योजनाओं से भारत को आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है। जनधन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, 5 लाख मुफ्त सेहत बीमा योजना, हर नल में जल, सौर ऊर्जा से मुफ्त बिजली, गरीब जनता को मुफ्त गैस कनैक्शन, मुफ्त आवास योजना, शौचालय जैसी अनेक योजनाएं देश में एक नई क्रांति का सूत्रपात कर रही हैं। भाजपा सरकार ने देशवासियों को विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना का उपहार दिया है।
सुशासन : ध्येयनिष्ठ कार्यकत्र्ताओं की शक्ति एवं सरकार का सुनियमन सुशासन की गारंटी है। 11 साल का केन्द्रीय शासन एवं प्रदेशों में भाजपा की सरकारों ने अन्य दलों की सरकारों की तुलना में अच्छा शासन दिया है। गत 11 वर्षों से लगातार तीसरे प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सकारात्मक सुशासन की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। राष्ट्रीय अखंडता, कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय, कबाइली वेश में पाकिस्तानी आक्रमण के प्रतिकार, परमिट व्यवस्था एवं धारा 370 की समाप्ति व पृथकतावाद से निरन्तर संघर्ष करने वाली एकमात्र पार्टी भारतीय जनसंघ या भाजपा है, अन्यथा कश्मीर का बचना कठिन था। आज भी देश में राष्ट्रीय अखंडता के मुद्दे उठाना पृथकतावाद से जूझना एवं इस निमित्त समाज को निरंतर जागृत रखने का काम भाजपा ही कर रही है। -श्वेत मलिक (पूर्व सांसद व पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पंजाब)