मालदीव में बदलता भू-राजनीतिक परिदृश्य

Edited By ,Updated: 22 Oct, 2023 05:07 AM

changing geopolitical scenario in maldives

मालदीव के चुनाव में भारत विरोधी और चीन समर्थक राजनेता डा. मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई। यह जीत इस बात की याद दिलाती है कि 3 नवम्बर 1988 को भारत द्वारा किए गए जबरदस्त आप्रेशन ‘कैक्टस’ के बाद से भारत-मालदीव संबंधों में कितना बदलाव आया है।

मालदीव के चुनाव में भारत विरोधी और चीन समर्थक राजनेता डा. मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई। यह जीत इस बात की याद दिलाती है कि 3 नवम्बर 1988 को भारत द्वारा किए गए जबरदस्त आप्रेशन ‘कैक्टस’ के बाद से भारत-मालदीव संबंधों में कितना बदलाव आया है। 35 साल पहले यह भारत का एक सर्जीकल हस्तक्षेप था जिसने न केवल मालदीव में लोकतंत्र को संरक्षित किया बल्कि अब्दुल्ला लुथुफी और उनके भाड़े के श्रीलंकाई तमिल सैनिकों के तख्तापलट को बेअसर कर दिया जो राष्ट्रपति अब्दुल गयूम को उखाड़ फैंकना चाहते थे। 

1988 में शीत युद्ध के तनाव और आंतरिक रूप से कड़वे घरेलू विभाजन के बावजूद स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी के व्यक्तिगत उदाहरण पर निष्पादित आप्रेशन को पश्चिम से, विशेष रूप से रोनाल्ड रीगन और मार्गेट थैचर जैसे नेताओं से आलोचनात्मक अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा मिली। दोनों ने भारत की सराहना की। चीन समर्थक का भारत विरोधी होना जरूरी नहीं है। यह कोई दोहरा व रैखिक समीकरण नहीं है। हालांकि सार्वजनिक कार्यक्षेत्र में रिपोर्टों के अनुसार डा. मोहम्मद मुइज्जू के मामले में फिलहाल यही प्रतीत होता है। 

डा. मोहम्मद मुइज्जू के भारत विरोध ने एक अनावश्यक भू-राजनीतिक स्थिति पैदा कर दी है और हिंद महासागर में भारतीय प्रभाव के लिए एक स्पष्ट चुनौती पेश की है। भारत और मालदीव घनिष्ठ जातीय, भाषायी, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंध सांझा करते हैं। मालदीव का नाम संस्कृत शब्द माल (माला) और दीव (द्वीप) से लिया गया है। इसके अलावा मालदीव की आधिकारिक भाषा धिवेही का संस्कृत, प्राकृत और तमिल जैसी भाषाओं से गहरा संबंध है। जब 26 जुलाई 1965 को मालदीव अंग्रेजों से स्वतंत्र हुआ तो भारत इस द्वीप समूह को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। 1981 में दोनों देशों ने एक व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसने दशकों के वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत किया। 

दोनों देश दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) और दक्षिण एशियाई आर्थिक संघ (एस.ए.ई.यू) के संस्थापक सदस्य हैं। 2004 की अभूतपूर्व सुनामी के दौरान भारत मालदीव को राहत भेजने वाले पहले  देशों में से एक था। आप्रेशन वैक्सीन मैत्री के तहत मालदीव भारत से अनुदान के रूप में कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने वाला पहला देश था। हालांकि मालदीव की राजनीति में कट्टर भारत विरोधी और इस्लामवादी तत्वों ने इन संबंधों का उपयोग भारत विरोधी कहानी बनाने के लिए किया है। उन्होंने मालदीव में भारत की सौम्य उपस्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की है और यहां तक कि मालदीव को भारत द्वारा प्रदान की गई अच्छी आॢथक सहायता का भी राजनीतिकरण किया है। 

2013 में अब्दुल्ला यामीन सत्ता में आए और पारम्परिक भारत समर्थक रुख से हट गए जो वस्तुत: मालदीव की डिफाल्ट सैटिंग थी। उन्होंने जेनोफोबिक और अंधराष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने के प्रयास में भारत विरोधी बयानबाजी को और तेज कर दिया और बीजिंग से निकटता बढ़ाने के लिए इन मनगढ़ंत कथाओं का लाभ उठाया। परिणामस्वरूप मालदीव बैल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बी.आर.आई.) का सदस्य बन गया और भारत की भरपाई के लिए इस क्षेत्र में चीनी निवेश को आमंत्रित किया। 

2018 में जब इब्राहीम सोलिह ने उन्हें राष्ट्रपति के रूप में प्रतिस्थापित किया तो उन्होंने अपने पूर्ववर्ती द्वारा की गई गलतियों को तुरन्त सुधारा और ‘इंडिया फस्र्ट’ नीति शुरू करके भारत के साथ संबंधों में सुधार करने की मांग की। जवाब में, विपक्षी गठबंधन जिसमें पीपुल्स नैशनल कांग्रेस (वह पार्टी जिससे डा. मोहम्मद मुइज्जू संबंधित हैं) और मालदीव की प्रोग्रैसिव पार्टी शामिल थीं, ने ‘इंडिया आऊट’ अभियान नामक एक नीति शुरू की।  मालदीव एक बहुत ही रूढि़वादी समाज है जिसका राज्य धर्म इस्लाम है इसलिए भारत से आने वाली ङ्क्षहदू समर्थक और मुस्लिम विरोधी बयानबाजी का इस्तेमाल मालदीव विरोधी गठबंधन (अब कार्यालय में) द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने और विरोधी आधार पर अपना मतदाता आधार बनाने के लिए किया गया था। दुर्भाग्य से डा. मोहम्मद मुइज्जू भारत विरोधी बयानबाजी करके न तो भारत के लिए और न ही खुद के लिए इसे आसान बना रहे हैं।-मनीष तिवारी 
 

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Lucknow Super Giants

    Punjab Kings

    Teams will be announced at the toss

    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!