Edited By ,Updated: 22 Feb, 2025 05:49 AM
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कांग्रेस अपने परंपरागत वोटरों को वापस पाने पर जोर दे रही है और जय भीम जैसे कार्यक्रमों के जरिए दलित समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है और बसपा सुप्रीमो मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने...
कांग्रेस अपने परंपरागत वोटरों को वापस पाने पर जोर दे रही है और जय भीम जैसे कार्यक्रमों के जरिए दलित समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है और बसपा सुप्रीमो मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि देश का हर दलित आंबेडकर है, जबकि उन्होंने अपना आरोप दोहराया कि संविधान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने मायावती के मौजूदा राजनीतिक रुख पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘मैं चाहता था कि बहन जी हमारे साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ें, लेकिन किसी कारण से उन्होंने ऐसा नहीं किया।
यह बेहद निराशाजनक है। अगर तीनों पाॢटयां एक हो जातीं, तो भाजपा कभी नहीं जीत पाती।’’ राहुल ने यह टिप्पणी अपने लोकसभा क्षेत्र रायबरेली के दौरे के दौरान दलित छात्रों के एक समूह से बातचीत के दौरान की। हालांकि, मायावती ने तुरंत जवाब देते हुए कांग्रेस पर ‘दोहरे चरित्र और जातिवादी मानसिकता’ का आरोप लगाया। यू.पी. में दलित समुदाय के मतदाताओं की संख्या 21 फीसदी है और 2027 के विधानसभा चुनाव में इसका बड़ा असर होने वाला है। कांग्रेस दलितों को फिर से अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है, जो कांग्रेस के मुताबिक बसपा द्वारा अपहृत किए जाने से पहले उनके पारंपरिक मतदाता थे।
अपने आंतरिक संगठनात्मक चुनावों को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही भाजपा : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने आंतरिक संगठनात्मक चुनावों को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही है। जबकि भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि फरवरी के अंत तक आधे राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पूरे हो जाएंगे, जिससे मार्च में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा। जबकि जे.पी. नड्डा जनवरी 2020 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके प्रतिस्थापन के चुनाव की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए उनके 3 साल के कार्यकाल को बढ़ाया गया था। पार्टी संविधान के अनुसार, आम सहमति से चुने जाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है। दूसरी ओर, भाजपा का ‘थिंक टैंक’ ओ.बी.सी. या एस.सी. राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उत्सुक है क्योंकि इससे उन्हें उत्तर प्रदेश और बिहार में अपनी ताकत बढ़ाने की उम्मीद है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की मंजूरी से होगा।
पटना में राजद ने लगाए पोस्टर : पटना में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं क्योंकि राजद ने पोस्टर लगाए हैं जिसमें एन.डी.ए. सरकार को मरीज के रूप में वैंटीलेटर पर लेटा हुआ दिखाया गया है जबकि विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को बीमारी का इलाज करने वाले डाक्टर के रूप में दिखाया गया है। पोस्टरों में तेजस्वी द्वारा पार्टी कार्यकत्र्ताओं के साथ हाल ही में की गई बैठकों के दौरान राज्य के लोगों से किए गए वायदों पर भी प्रकाश डाला गया है। उन्होंने अन्य चुनावी वायदों के अलावा 200 यूनिट मुफ्त बिजली, वृद्धावस्था पैंशन योजना को 400 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए करने और माई-बहन सम्मान योजना के तहत महिलाओं को नकद लाभ देने के बारे में चर्चा की।
भविष्य में चुनाव परिणामों के लिए नेताओं को जवाबदेह ठहराएगी कांग्रेस : हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में महत्वपूर्ण चुनावी हार के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से कहा कि भविष्य में चुनाव परिणामों के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा और उन्हें दल-बदलुओं के खिलाफ चेतावनी दी। इंदिरा भवन में पार्टी के मुख्यालय में आयोजित बैठक में नए पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने पार्टी नेताओं से जमीनी स्तर पर काम करने और बूथ स्तर से पार्टी को मजबूत करने और ऐसे लोगों को बढ़ावा देने का आग्रह किया जो संगठन के लिए वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध हैं। खरगे ने संगठन में कुछ और बदलावों के संकेत भी दिए।
अब सदन की कार्रवाई की अध्यक्षता करेंगे विजेंद्र गुप्ता : दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हुई और वरिष्ठ भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का अगला अध्यक्ष नामित किया गया है। गौरतलब है कि पूर्व अध्यक्ष राम निवास गोयल और पूर्व सी.एम. अरविंद केजरीवाल दोनों अब विधानसभा का हिस्सा नहीं हैं। विजेंद्र गुप्ता, जिन्होंने 2015 और 2020 में केजरीवाल लहर के बीच जीत हासिल की, जहां ‘आप’ ने दिल्ली में भारी बहुमत से जीत हासिल की, अब सदन की कार्रवाई की अध्यक्षता करेंगे। बनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले गुप्ता ने रोहिणी विधानसभा सीट पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। उन्होंने ‘आप’ के प्रदीप मित्तल को 37,000 से ज्यादा वोटों से हराया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे गुप्ता दिल्ली भाजपा इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अब गुप्ता विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की एक और यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हैं।-राहिल नोरा चोपड़ा