mahakumb

लगातार चुनावी हार से ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ धरातल पर दिखने लगा

Edited By ,Updated: 12 Feb, 2025 05:48 AM

congress mukt bharat  started becoming visible on the ground

चुनावी सफलताओं के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा के लिए मजबूत जन समर्थन से पिछला समय काफी शानदार रहा। वहीं परिवारवादी, भ्रष्टाचारी कांग्रेस कमजोर नेतृत्व व वोट बैंक की राजनीति करने के लिए अपने जातिवाद व धार्मिक तुष्टीकरण की राजनीति करने के कारण देश में...

चुनावी सफलताओं के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा के लिए मजबूत जन समर्थन से पिछला समय काफी शानदार रहा। वहीं परिवारवादी, भ्रष्टाचारी कांग्रेस कमजोर नेतृत्व व वोट बैंक की राजनीति करने के लिए अपने जातिवाद व धार्मिक तुष्टीकरण की राजनीति करने के कारण देश में अपने न्यूनतम स्तर पर आ पहुंची है व ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा धरातल पर दिख रहा है। भारतीय राजनीति की ‘वयोवृद्ध पार्टी’ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 2014 के चुनावों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा/एन.डी.ए. के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। पांच साल बाद 2019 में मोदी ने अपने नेतृत्व में भाजपा/एन.डी.ए. को उससे भी बड़ी जीत दिलाई व 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की केंद्र में सरकार बनी है। 

‘इंडिया टुडे’ के सर्वे में 57.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस अपने अंत की ओर बढ़ रही है। एक अन्य सर्वे में 71.4 प्रतिशत ने कहा कि भारतीय मतदाताओं ने निर्णायक रूप से वंशवादी कांग्रेस की राजनीति को खारिज कर दिया है। ऐसे ही कराए गए एक अन्य सर्वे में 68.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस अपने सबसे बड़े नेतृत्व संकट से गुजर रही है व अपने अंत के करीब है। लेकिन अब तक भी 140 साल पुरानी पार्टी के पुनर्जीवित होने के संकेत नहीं दिखते। 
7 अगस्त, 2020 को कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने गांधी परिवार के खिलाफ आवाज उठाई वपार्टी के अध्यक्ष पद समेत विभिन्न संगठनों के चुनाव कराए जाने की मांग के साथ ही नेहरू-गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया। श्रीमती सोनिया गांधी ने डमी मल्लिकार्जुन खरगे को अध्यक्ष तो बनाया, पर संगठन की चाबी अपने पास रखी व अब अपने गांधी परिवार को 3 सांसदों का तोहफा देकर फिर कार्यकत्र्ताओं की अनदेखी की।
लगातार चुनावों में हार मिलने के बाद भी पार्टी में नेतृत्व के संकट को दूर करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठता नहीं दिखा। ‘बागियों’ और ‘परिवार के तथाकथित वफादारों’ के बीच की दरार कांग्रेस पार्टी को लगातार डरा रही है। कांग्रेस पार्टी की आजादी के बाद इतनी बड़ी दुर्गति पहले कभी नहीं हुई। पतन के कारण तो बहुत हैं, लेकिन मैं संक्षिप्त में बात करूंगा-

1. कांग्रेस पार्टी का मुखिया बस गांधी ही हो, भले ही उसको भारत की जमीनी हकीकत पता न हो, पतन के कारण में पहले स्थान पर है।
2. राहुल गांधी पतन के दूसरे नम्बर पर फिट बैठते हैं। इनको राजनीति का ‘र’ भी नहीं पता, बस गांधी होने का टैग है। वह सीधे पी.एम. की कुर्सी के हकदार, बाकी कर्मठ नेताओं का अनुभव गांधी टैग के सामने कुछ भी नहीं।
3. मुस्लिम तुष्टीकरण : ङ्क्षहदू बहुल भारत में ङ्क्षहदुओं को उनके ही देश में दूसरे स्थान पर रखना।
4. इटली में जन्मी श्रीमती सोनिया गांधी, वह सिंहासन पर बैठ कर जनता से सीधे संवाद नहीं करना चाहतीं क्योंकि उनको ङ्क्षहदी नहीं आती, देश की सम्माननीय राष्ट्रपति को गरीब महिला संबोधित कर देश का अपमान करती हैं। 
5. चाटुकार नेताओं को पार्टी में जगह देना, जो जमीन पर नहीं जाना चाहते, बस कांग्रेस में ऊंचे पद पर बैठ कर गांधी परिवार की चापलूसी करते हैं।
6. कांग्रेस के 70 साल के शासन में देश के पैसों को विदेशों में भेजना, जिसे काला धन कहते हैं।
7. कांग्रेसियों को पाकिस्तान से आए हिन्दू से कोई मतलब नहीं, पर रोहिंग्या, बंगलादेशीयों से इतनी हमदर्दी जनता की आंखों में सीधे गढ़ती है।
8. इनकी ऐसी क्या मजबूरी है, जो ये देशद्रोह कानून को खत्म करना चाहते हैं।
9. भाजपा जैसे राष्ट्रभक्त संगठन व कार्यकत्र्ताओं का न होना पतन का बहुत बड़ा कारण।
10. देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर देश के साथ धोखा करना, आज मोदी जी सरकार में आधुनिक हथियार हैं, व देश का दुनिया में सम्मान बढ़ा. जो कांग्रेस राज में नहीं था।
11. कश्मीर जैसे मुद्दे को सुलझाने में कोई भी योगदान नहीं देना। 
12. देश में कांग्रेस शासन में बड़े-बड़े आतंकवादी हमले, जिनपर लगाम लगाने में पूरी तरह फेल होना।
13. देश की जनता को जातियों में बांट कर राज करो का षड्यंत्र किया। 
14. देश के हिन्दू मंदिरों का ध्यान न कर सरकारी धन मस्जिदों को बांट हिंदुओं से अन्याय किया व वोट बैंक के लिए वक्फ बोर्ड के भ्रष्टाचार का समर्थन। 
15. सेना के चीफ को गाली व गुंडा कहा। देश के पी.एम., विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता मोदी जी को निरंतर गाली देना।
16. राहुल गांधी, सोनिया गांधी द्वारा बड़े-बड़े घोटाले करना, जो कोर्ट से जमानत पर रिहा हैं।
17. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से देश  को कठपुतली की तरह चलवाना।
18. सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना, सेना से पाकिस्तान पर सॢजकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक के सबूत मांगना।
19. भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह जैसे विवाद में राहुल गांधी का सीधे जे.एन.यू. में  जाकर देश के गद्दारों का समर्थन करना।
20. चीन के साथ डोकलाम विवाद के वक्त चुपके से चीन के राजदूत से राहुल गांधी का मिलना।
21.  आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल की खरीद पर राहुल गांधी का झूठ, बाद में उच्चतम न्यालय में माफी मांगी। 
22. स्वामीनाथन आयोग द्वारा फसल की न्यूनतम मूल्य वृद्धि करने की सिफारिश को किसान विरोधी कांग्रेस ने 9 वर्ष लागू नहीं किया।
23. 1984 में दिल्ली सिख नरसंहार में कांग्रेस नेताओं की संलिप्तता होना।
24. देश को धर्म के आधार पर बांटने के लिए कांग्रेस शासन में हर दिन हिंदू-मुस्लिम दंगे होना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का उनका नारा राजनीतिक रूप से मुख्य विपक्षी दल को समाप्त करने का नहीं, बल्कि देश को कांग्रेस संस्कृति से छुटकारा दिलाने के लिए है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि कांग्रेस खुद भी कांग्रेस संस्कृति से मुक्त हो, यह देश के हित में होगा और एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है।-श्वेत मलिक(पूर्व सांसद व पूर्व पंजाब भाजपा अध्यक्ष)  

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!