शांति और विकास के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री में तालमेल जरूरी

Edited By ,Updated: 06 Sep, 2024 05:28 AM

coordination between the governor and cm is essential for peace development

हाल ही में राष्ट्रपति ने पंजाब के पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का नया राज्यपाल नियुक्त किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी इस नियुक्ति का स्वागत किया।

हाल ही में राष्ट्रपति ने पंजाब के पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का नया राज्यपाल नियुक्त किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी इस नियुक्ति का स्वागत किया। हालांकि, जब नए राज्यपाल ने पंजाब के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, तो एक बार फिर यह महसूस हुआ कि पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के लिए पहले की तरह बातचीत करना मुश्किल होगा। लेकिन हाल ही में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के अमृतसर दौरे की खबर से यह उम्मीद फिर से जागी है कि पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भवन के बीच पिछले अढ़ाई साल से चली आ रही राजनीतिक कड़वाहट दूर हो जाएगी। 

इससे पहले पंजाब के पूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तालमेल की कमी के कारण पंजाब का राजनीतिक माहौल अक्सर बंटा रहता था और मामला कभी-कभी अलगाव तक पहुंच जाता था। ऐसा व्यवहार पंजाब में भगवंत सिंह मान की सरकार बनने से करीब एक साल बाद ही शुरू हो गया था जब मान सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार पर ‘ऑप्रेशन लोटस’ का आरोप लगाकर विश्वास मत हासिल करने के लिए सत्र की मंजूरी ली लेकिन बाद में पंजाब के राज्यपाल ने विपक्षी दलों की इस मांग कि संविधान में इस तरह के विश्वास मत का कोई प्रावधान नहीं है, को स्वीकार करते हुए इस अनुमति को खारिज कर दिया। 

इस कदम से नाराज पंजाब सरकार ने इसे कैबिनेट बैठक में पारित कर दिया और नियमित सत्र के लिए मंजूरी मांगी, लेकिन सरकार ने फिर भी इस सत्र में विश्वास मत पारित करवा दिया और 75 वर्षों में यह दूसरी बार था कि किसी सरकार ने इस तरह से विश्वास मत पारित करवाया हो। इससे पहले 1981 में दरबारा सिंह सरकार की ओर से विश्वास मत पेश किया गया था। गौरतलब है कि सत्र शुरू होने से पहले पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा और 11 अन्य विधायकों ने पंजाब के डी.जी.पी. को एक लिखित शिकायत सौंपी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। 

इसके अलावा कई मुद्दों जैसे राज्यपाल पुरोहित के सीमावर्ती इलाकों के दौरे के दिन मुख्यमंत्री द्वारा सभी एस.एस.पी. और डी.सी. को चंडीगढ़ बुलाना, सरकार की ओर से प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजने के फैसले पर राज्यपाल द्वारा स्पष्टीकरण मांगना, राज्यपाल की ओर से पंजाब सरकार की तरफ से बुलाए गए बजट सत्र की स्वीकृति देने से मना करने पर पंजाब सरकार का सुप्रीमकोर्ट में पहुंच कर सत्र की मंजूरी लेने जैसे कारणों के कारण पंजाब सरकार और राज्यपाल के मध्य टकराव की स्थिति बनी रही। 

इन्हीं कारणों से राज्यपाल ने पंजाब सरकार द्वारा पारित कई विधेयकों को पारित करने से इन्कार कर दिया, जिनमें विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, पंजाब पुलिस संशोधन विधेयक, एस.जी.पी.सी. संशोधन विधेयक शामिल हैं और उन्हें राष्ट्रपति के पास भेज दिया। इनमें से पंजाब पुलिस संशोधन विधेयक के अलावा बाकी सभी विधेयक अभी तक कानून नहीं बन सके। इन कारणों से पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि दोनों मौखिक बयानबाजी करने लगे। मुख्यमंत्री राज्यपाल को चयनित व्यक्ति कहने लगे और राज्यपाल अपने संवैधानिक अधिकारों की बात करते रहे। इस बीच राज्यपाल ने राष्ट्रपति को इस्तीफा भेज दिया, जिसे 28 जुलाई को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी और गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का नया राज्यपाल नियुक्त किया। 

चर्चा है कि बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार करने और गुलाब चंद कटारिया को राज्यपाल बनाने के पीछे केंद्र सरकार की मंशा पंजाब में किसान आंदोलन, कानून-व्यवस्था, नशे और अन्य मुद्दों का समाधान करना तथा पंजाब व केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय बनाना है। यही वजह है कि पंजाब के नए राज्यपाल काफी सतर्क चल रहे हैं। इसी कड़ी के तहत राज्यपाल और मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ श्री दरबार साहिब, श्री दुग्र्याना मंदिर और जलियांवाला बाग के दर्शन के लिए अमृतसर पहुंचे। 

यहां तक कि खाद मुद्दे पर अब मुख्यमंत्री ने भी केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की तारीफ की है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या यह सौहार्द इसी तरह कायम रहेगा या फिर राज्यपाल और मुख्यमंत्री खुद को सुप्रीमो साबित करने की कोशिश करेंगे। लेकिन दोनों ने जो सद्भावना दिखाई है, उससे उम्मीद की जानी चाहिए कि अब पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री सौहार्दपूर्ण तरीके से पंजाब के विकास और महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए काम करेंगे।-इकबाल सिंह चन्नी(भाजपा प्रवक्ता पंजाब)
 

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