हरियाणा की राजनीति में चौथे ‘लाल’ का वर्चस्व

Edited By ,Updated: 21 Jun, 2024 05:28 AM

dominance of the fourth  lal  in haryana politics

हरियाणा के तीनों ‘लालों’ के ‘लाल’ अब पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की शरण में आ चुके हैं। वह सभी मुक्त कंठ से मनोहर लाल की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर धन्य हो रहे हैं। ऐसे में मनोहर लाल का सिर गर्व...

हरियाणा के तीनों ‘लालों’ के ‘लाल’ अब पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की शरण में आ चुके हैं। वह सभी मुक्त कंठ से मनोहर लाल की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर धन्य हो रहे हैं। ऐसे में मनोहर लाल का सिर गर्व से ऊंचा होना स्वाभाविक है। जब कभी देश की राजनीति में चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल व चौधरी भजनलाल की तूती बोलती थी तब मनोहर लाल लाइमलाइट में भी नहीं थे, लेकिन बदले राजनीतिक परिदृश्य में आज मनोहर लाल राजनीति के सरताज माने जाने लगे हैं। सभी उनका और वरद हस्त पाने के लिए तीनों लालों के ‘लाल’ में होड़ लगी हुई है।

हालांकि पूर्व में सभी 3 लालों का भाजपा के साथ संबंध रहा है, लेकिन उनके अनुभव कड़वे और खट्टे ही रहे हैं। चौधरी देवीलाल ने 1987 में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन में सरकार बनाई। काफी उतार-चढ़ाव के बाद इतने बड़े बहुमत वाली सरकार बनी और इसी बीच चौधरी ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन तोड़ लिया और सरकार अल्पमत में चली गई थी। अंतत सरकार गिरी। इसके बाद 1996 में चौधरी बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी का गठन किया और भाजपा के साथ गठबंधन में 1997 में सरकार बनी। 1999 में भाजपा ने फिर बंसीलाल सरकार से समर्थन वापस लिया, फिर सरकार औंधे मुंह गिरी। 

इसकी परिणीति चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई फिर 1999 में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा सरकार बनी लेकिन ओम प्रकाश चौटाला द्वारा केंद्र सरकार से समर्थन वापस देने के बाद गठबंधन टूटा और 2004 में इनैलो पार्टी ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इसके बाद चौधरी भजन लाल के लाल कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित पार्टी के साथ भाजपा का गठबंधन हुआ।

2014 के चुनाव से पहले ही यह गठबंधन तार-तार हो गया। वर्ष 2019 में जब हरियाणा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी 40 सीटों तक सिमट गई थी तब फिर सरकार बनाने के लिए चौधरी देवीलाल के लाल की जरूरत पड़ी और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जे जे पी ने 10 सीटों के साथ अपना समर्थन दिया और सरकार का गठन हुआ।  इस गठबंधन  का भी समय से पूर्व अबॉर्शन हो गया। कुछ दिन पूर्व  ही पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आशीर्वाद से चौधरी देवीलाल के लाल चौधरी रणजीत सिंह भाजपा में शामिल हुए और उन्हें भाजपा का हिसार लोकसभा से उम्मीदवार बनाया गया  लेकिन लोकसभा की सीट पर अपनी जीत दर्ज नहीं कर पाए। 

अब एक बार फिर चौधरी बंसीलाल लाल परिवार ने भाजपा में एंट्री मारी है। चौधरी देवीलाल व चौधरी भजनलाल परिवार की तरह ही चौधरी बंसीलाल की बहू किरण चौधरी वह पौत्री श्रुति चौधरी भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री तरुण चुघ की उपस्थिति व मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हुई हैं। इन तीनों लालों के गठबंधन के तो खट्टे-मीठे और कड़वे ही अनुभव रहे हैं लेकिन देखना यह है कि इन तीनों ‘लाल’ परिवारों की भाजपा एंट्री कितनी सुखदायक रहती है। एक बात तो तय है कि इन लाल परिवारों ने मनोहर लाल को नेता मानकर चौथे ‘लाल’ मनोहर लाल को हरियाणा की लाल राजनीति में एक बड़े मुकाम पर ला खड़ा कर दिया है। इसका लिटमस टैस्ट तो आगामी विधानसभा चुनाव में होगा।-सतीश मेहरा (पूर्व उपनिदेशक  हरियाणा राज भवन)

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