Edited By ,Updated: 01 Jan, 2025 04:53 AM
देश में पिछले काफी समय से महंगाई बढऩे के परिणामस्वरूप लोगों का घरेलू बजट गड़बड़ाया हुआ है। नवंबर, 2023 में टमाटर 40 रुपए प्रति किलो था जो एक वर्ष बाद नवंबर, 2024 में 35 प्रतिशत बढ़कर 53 रुपए प्रति किलो हो गया। आलू भी 25 रुपए प्रति किलो से 50 प्रतिशत...
देश में पिछले काफी समय से महंगाई बढऩे के परिणामस्वरूप लोगों का घरेलू बजट गड़बड़ाया हुआ है। नवंबर, 2023 में टमाटर 40 रुपए प्रति किलो था जो एक वर्ष बाद नवंबर, 2024 में 35 प्रतिशत बढ़कर 53 रुपए प्रति किलो हो गया। आलू भी 25 रुपए प्रति किलो से 50 प्रतिशत बढ़कर 37 रुपए प्रति किलो हो गया। आयात शुल्क में बढ़ौतरी के कारण वनस्पति तेल की कीमतों में वार्षिक आधार पर 13 प्रतिशत तथा दालों की कीमतों में 10 प्रतिशत वार्षिक की वृद्धि हुई है।
अब तो हालत यह हो गई है कि चाय की चुस्की भी महंगाई की चपेट में आने वाली है और आगामी दिनों में चायपत्ती के भाव में वृद्धि हो जाने की संभावना है। ‘भारतीय चाय संघ’ के चेयरमैन ‘हेमंत बांगड़’ के अनुसार मौसम की अनियमितता तथा चाय बागानों के समय से पहले बंद हो जाने के परिणामस्वरूप इस वर्ष चाय के उत्पादन में 10 करोड़ किलो से अधिक की गिरावट आई है। वर्ष 2023 में पहले 10 महीनों में लगभग 117.8 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हुआ था जबकि 2024 की इसी अवधि में यह घट कर 111.2 करोड़ किलो रह गया है। वर्ष 2024 में जनवरी-अक्तूबर के बीच चाय के उत्पादन में लगभग 6.6 करोड़ किलो की कमी आई जबकि नवम्बर के बाद चाय बागान बंद किए जाने से उत्पादन में 4.5 से 5 करोड़ किलो तक और गिरावट आने की आशंका है।
जहां वर्ष 2024 में चाय का उत्पादन कम रहा वहीं प्रति किलो उत्पादन लागत में भी वृद्धि हो गई। चाय उद्योग 2023 में घाटे में था। वर्ष 2024 में इसकी स्थिति पिछले वर्ष से कुछ बेहतर अवश्य रही परन्तु अभी भी यह घाटे में ही है। देश में बढ़ रही महंगाई के विरुद्ध लोगों में पहले ही असंतोष व्याप्त है। अत: सरकार को कठोर निवारक कदम उठाकर लोगों को महंगाई से राहत दिलाने की ओर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है ताकि उनका असंतोष दूर हो।—विजय कुमार