‘एग फ्रीज’ : किसी भी उम्र में मां बनने की सुविधा

Edited By ,Updated: 17 Sep, 2024 05:12 AM

egg freeze  facility to become a mother at any age

पिछले दिनों 2 मित्रों की परिचित लड़कियों से मुलाकात हुई। उनके माता-पिता से अक्सर बात होती है। इन बच्चियों को जन्म से देखा है। दोनों लड़कियों की शादी कुछ दिन पहले ही हुई है। वे दोनों सहेलियां भी हैं। अन्य बातों के अलावा जो खबर उन्होंने दी, वह थी कि...

पिछले दिनों 2 मित्रों की परिचित लड़कियों से मुलाकात हुई। उनके माता-पिता से अक्सर बात होती है। इन बच्चियों को जन्म से देखा है। दोनों लड़कियों की शादी कुछ दिन पहले ही हुई है। वे दोनों सहेलियां भी हैं। अन्य बातों के अलावा जो खबर उन्होंने दी, वह थी कि उन्होंने अपने एग्स फ्रीज करा दिए हैं। कुछ आश्चर्य भी हुआ।

बातों ही बातों में वे बोलीं कि उनकी शादी अभी-अभी हुई है। पता नहीं शादीशुदा जिंदगी कैसी रहने वाली है। यदि पति से नहीं बनी, तो वे अलग होने का विकल्प भी चुनेंगी। उनकी नौकरी नई है। पहले वे अपने करियर पर ध्यान देना चाहती हैं, तब बच्चे की जिम्मेदारी उठाएंगी। एग फ्रीज होने से यह सुविधा भी होगी कि दोबारा शादी करें न करें, बच्चे को आई.वी. एफ. के जरिए जन्म दे सकती हैं। अपने देश में जब शादी होती है, तो आज भी थोड़े दिनों बाद ही कहा जाने लगता है कि भाई अच्छी खबर कब सुना रही हो। अच्छी खबर, यानी कि बच्चे का जन्म। यह पुराना मुहावरा तब का है जब महिलाएं घरों में रहती थीं, मगर आज तक चल रहा है। 

आजकल जब लड़कियों की प्राथमिकता शिक्षा, करियर फिर शादी की हो गई है, ऐसे में उनसे यह उम्मीद करना कि वे शादी के तुरंत बाद बच्चे को जन्म दें, इस पीढ़ी की लड़कियों को पसंद नहीं आता। वैसे भी कुछ दशक पहले, 20 की उम्र होते ही लड़कियों की शादी की बात की जाने लगती थी।उनकी पढ़ाई पूरी हुई है या नहीं, इस बात की ङ्क्षचता किसी को नहीं होती थी। लड़कियों की शादी अन्य बातों के मुकाबले पहले नम्बर पर रहती थी। और फिर बच्चा। लड़कियां भी नौकरी कर सकती हैं, वे आत्मनिर्भर हो सकती हैं, इस बारे में शायद ही कोई सोचता था। इन दिनों बहुत-सी बहुराष्ट्रीय कम्पनियां, अपनी महिला कर्मचारियों को एग फ्रीज करने की सुविधा भी प्रदान करने लगी हैं। यानी कि यह लड़कियों का अपना चुनाव है कि वे कब मां बनना चाहती हैं। इसमें उम्र कोई बाधा नहीं बननी चाहिए। 

जब बड़ी संख्या में लड़कियां उच्च शिक्षा पा रही हैं, वे अपने घरों से निकलकर नौकरी के लिए न केवल दूसरे शहरों, बल्कि विदेशों तक जा रही हैं, ऐसे में लड़कियों की पुरानी तस्वीर को बदलना ही चाहिए। यह भी है कि पहले की शादी की उम्र 20, अब 30, 35, 40 तक जा पहुंची है। लड़कियां कहती हैं कि उनके जीवन में अच्छे लड़कों की कमी नहीं है, मगर वे इस बात को ठोक-बजाकर देखना चाहती हैं कि जिस लड़के से विवाह करें, वह अच्छा जीवन साथी भी हो। उसके साथ उम्र बिताई जा सके। इस चुनाव को करते-करते कई बार उम्र निकल जाती है। बहुत-सी लड़कियां शादी भी नहीं करतीं मगर वे बच्चे को जन्म देने के सुख को चाहती हैं। आज के वक्त ने उन्हें यह सुविधा दी है कि वे जब चाहें मां बन सकें। कई लड़कियां लोगों के इन सवालों से भी तंग आ जाती हैं कि कब शादी करोगी, कब मां बनोगी और परिवार संभालोगी। जिन लड़कियों का ऊपर जिक्र किया उन्होंने भी कहा कि वे काम क्या करती हैं, इस बारे में कोई नहीं पूछता। उनका कहना है कि शादी का भविष्य जो भी हो, एग फ्रीज कराने का फायदा यह होगा कि वे जब चाहें मां बन सकेंगी। जो लड़कियां एग फ्रीज कराती हैं, वे यह भी कहती हैं कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। डाक्टरों का कहना है कि इसलिए उनके एग्स की क्वालिटी भी अभी ठीक होगी। 

2007 में डायना हैडन ने भारत में पहली बार ऐसा किया था। तब से एग फ्रीज कराने वाली लड़कियों की संख्या दोगुनी हो गई है। एक महिला डाक्टर का कहना है कि उनके क्लीनिक में हर हफ्ते कम से कम 3 महिलाएं ऐसा करने आती हैं।
आमतौर पर इनकी उम्र 28 वर्ष से लेकर 35 साल तक होती है। 35 साल से ऊपर की भी बहुत-सी महिलाएं आती हैं। इनमें से कई ऐसी होती हैं जो तलाकशुदा हैं। अधिकाश महिलाएं गर्भ धारण करने के लिए लौटकर आती हैं। इनमें से कई ऐसी भी होती हैं, जो किसी साथी के साथ नहीं रहतीं, मगर मां बनना चाहती हैं।

डाक्टरों का कहना है कि अच्छी बात यह है कि अब लड़कियों को अपने परिवार का समर्थन भी मिल रहा है। डाक्टर यह भी कहते हैं कि एग फ्रीज कराने के बाद मां बनने में सफलता मिलेगी या नहीं इसका प्रतिशत तीस से साठ प्रतिशत तक होता है। इस सफलता में और भी बहुत से कारण होते हैं जैसे कि उम्र,स्वास्थ्य और एग्स की क्वालिटी। अपने देश में ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां साठ-सत्तर की उम्र में महिलाओं ने आई.वी.एफ. की मदद से बच्चों को जन्म दिया है। वे बच्चे स्वस्थ भी हैं। 72 साल की जिस महिला ने बच्चे को जन्म दिया, उसने कहा कि जीवन भर उसने बांझ होने के बोझ को ढोया है। घर वालों से लेकर बाहर वालों के ताने सुने हैं। अब इस उम्र में जाकर इन बातों से छुटकारा मिला है।-क्षमा शर्मा
 

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