Edited By ,Updated: 18 Dec, 2024 05:12 AM
तकनीकी सहायता देने, नौकरी आदि दिलवाने के नाम पर फर्जी मैसेज और लिंक भेज कर लोगों को फर्जी कॉल सैंटरों के माध्यम से ठगने वाले गिरोह देश में तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
तकनीकी सहायता देने, नौकरी आदि दिलवाने के नाम पर फर्जी मैसेज और लिंक भेज कर लोगों को फर्जी कॉल सैंटरों के माध्यम से ठगने वाले गिरोह देश में तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
* 8 अगस्त को राजपुर (उत्तराखंड) पुलिस ने विदेशी नागरिकों को ठगने वाले एक फर्जी कॉल सैंटर का पर्दाफाश करके 8 लोगों को गिरफ्तार किया जो स्वयं को ‘इंटरनैशनल एंटी हैकिंग डिपार्टमैंट’ के वरिष्ठ अधिकारी बताकर अमरीका और कनाडा के नागरिकों से ठगी कर रहे थे। छापे के दौरान इनसे 81 लैपटॉप और 42 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए।
* 25 अगस्त को साइबर पुलिस ने सोहना (हरियाणा) में 2 फ्लैटों से चलाए जा रहे फर्जी कॉल सैंटर का भंडाफोड़ करके तकनीकी सहायता देने के नाम पर मुख्यत: विदेशी नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने के आरोप में 4 महिलाओं सहित 20 लोगों को गिरफ्तार करके वहां से 16 लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन और हजारों रुपए की नकद राशि बरामद की।
* 8 सितम्बर को नोएडा पुलिस ने लोगों को कनाडा और सर्बिया समेत विभिन्न देशों में भेजने और नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सैंटर का पर्दाफाश करके 6 महिलाओं सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जो अब तक 300 से अधिक लोगों को ठग चुके हैं। पुलिस ने वहां से 24 लैपटॉप, स्वाइप मशीन, 10 मोबाइल फोन तथा अन्य सामान बरामद किया।
गिरोह के सदस्य फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि से विदेश जाने के इच्छुकों का डाटा निकाल कर फोन कॉल तथा व्हाट्सएप के जरिए उनसे सम्पर्क करते और विदेश में ‘स्टोर कीपर’, ‘स्टोर सुपरवाइजर’, ‘एडमिन’ आदि पदों पर नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगते थे।
* 4 अक्तूबर को जयपुर पुलिस ने ‘स्मार्ट डिजीटल सेवा केंद्र’ की आड़ में चलाए जा रहे एक फर्जी कॉल सैंटर का भंडाफोड़ किया। ये जालसाज फोन करके लोगों को ‘मित्र केंद्र’ या ‘आधार कार्ड फ्रैंचाइजी’ देने का झांसा देते और उसके बदले में उनसे भारी-भरकम रकमें वसूल करते थे।
* 16 अक्तूबर को भुवनेश्वर (ओडिशा) के ‘सुंदरपाड़ा’ इलाके में पुलिस ने विदेश में रहने वाले एक पीड़ित की शिकायत पर एक फर्जी कॉल सैंटर का भंडाफोड़ करके 6 लोगों को हिरासत में लिया।
* 19 अक्तूबर को लखनऊ के पी.जी.आई. थाना इलाके के एक फ्लैट में चल रहे फर्जी इंटरनैशनल कॉल सैंटर का कमिश्नरेट पुलिस ने भंडाफोड़ करके 12 लोगों को गिरफ्तार किया।
* 25 नवम्बर को गोवा पुलिस ने जरूरतमंदों से, जिनमें अधिकांश विदेशी थे, एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके ‘जुआरी नगर’ में एक अवैध कॉल सैंटर का भंडाफोड़ करके 24 लोगों को गिरफ्तार किया।
* 4 दिसम्बर को गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक मकान में फर्जी तरीके से कॉल सैंटर चलाकर अमरीकी नागरिकों को तकनीकी सहायता और कस्टमर सॢवस देने के नाम पर, धोखाधड़ी करने के आरोप में कॉल सैंटर के मालिक सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया।
* और अब 14 दिसम्बर को नोएडा पुलिस ने विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता आदि के नाम पर फर्जी मैसेज ङ्क्षलक एवं कॉल के माध्यम से लाखों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करके 9 महिलाओं सहित 76 लोगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल फोन तथा अन्य इलैक्ट्रिक उपकरण बरामद किए। ये लोग बदल-बदल कर लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल करते थे ताकि पकड़े न जाएं।
छापेमारी के दौरान पकड़े गए ये फर्जी कॉल सैंटर तो धोखाधड़ी रूपी सागर में एक बूंद के समान हैं जबकि देश में ऐसे फर्जी कॉल सैंटरों की भरमार है जो लोगों को लूट कर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं।
अत: जहां लोगों को ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने की जरूरत है, वहीं ऐसी धोखाधड़ी करने वालों को शीघ्र और कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि उनका अंजाम देखकर दूसरों को नसीहत मिले और वे ऐसी करतूतों से बाज आएं व जरूरतमंद लोग ठगे जाने से बच सकें।—विजय कुमार