Edited By ,Updated: 06 Jul, 2024 05:31 AM
जैसा कि मैं असंतुष्ट अजित पवार के बारे में सुनता रहता हूं जो इस बार लोकसभा में सिर्फ एक सीट लेकर आए हैं। मुझे याद है कि उन्होंने एक व्यक्ति को कुछ सही करने के लिए प्रेरित किया था और यह तब था जब महाराष्ट्र के एक उप-मुख्यमंत्री को तंबाकू चबाने की बुरी...
जैसा कि मैं असंतुष्ट अजित पवार के बारे में सुनता रहता हूं जो इस बार लोकसभा में सिर्फ एक सीट लेकर आए हैं। मुझे याद है कि उन्होंने एक व्यक्ति को कुछ सही करने के लिए प्रेरित किया था और यह तब था जब महाराष्ट्र के एक उप-मुख्यमंत्री को तंबाकू चबाने की बुरी आदत थी! सांगली के इस्लामपुर में एक मंच पर बैठे उप-मुख्यमंत्री आर.आर. पाटिल ने अजित पवार को उनकी बुरी आदत के लिए खुले तौर पर उपहास करते हुए सुना। उन्होंने कोई प्रतिक्रया नहीं दी। पाटिल ने बदला लेने की कसम नहीं खाई। वह बस घर गए और उन्होंने इस आदत को छोडऩे का फैसला किया।
जब मैंने रिपोर्ट सुनी तो दो चीजें थीं जिन्होंने मुझे प्रभावित किया। एक, कि वह रचनात्मक आलोचना को अच्छी तरह से स्वीकार करने में सक्षम थे, और दूसरा, कि उनमें एक बुरी आदत को छोडऩे की इच्छाशक्ति और साहस था। कई साल पहले, मेरे एक अच्छे दोस्त ने बदलाव लाने और एक भयानक आदत छोडऩे का फैसला किया। वह शराबी था और इससे बुरा मैंने अभी तक नहीं देखा। बार-बार उन लोगों का फोन आता था जो जानते थे कि हम दोस्त हैं और मुझे उसे किसी नाले से उठाना पड़ता था जहां वह रात भर शराब पीने के बाद गिर गया होता था या सो जाता था। शराब पीने के लिए पैसे जुटाने के लिए, वह एक पुल के पार एक ठेले को धकेलने में मदद करता था और कुछ रुपए प्राप्त करता था। ध्यान रहे, वह एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति था। एक दिन उसने इस आदत से छुटकारा पाने का फैसला किया। मैं उसे अपने घर ले गया और मुझे पहली रात याद है जब वह अपने वापसी के लक्षणों से गुजर रहा था तो उसके गले से भयानक आवाजें आ रही थीं।
अगले दिन मैंने उसे सायन अस्पताल में भर्ती कराया। वह पूरे पुनर्वास उपचार से गुजरा और आज तक, 35 वर्ष से अधिक समय के बाद भी उसने शराब की एक बूंद भी नहीं छुई। शराब, तम्बाकू, अश्लील साहित्य और न जाने कितने व्यसन हमें चारों ओर से लपेट लेते हैं। मेहनती कर्मचारी को अचानक पता चलता है कि उसे अपना पहला पैग लेने के लिए हर दिन 5 बजे बाहर निकलना पड़ता है। पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जल्द ही बॉस ने ध्यान दिया। सहकर्मियों ने उसके अजीब व्यवहार की शिकायत की और एक सफल करियर रुक गया। नशों की लत से परिवार टूट गए हैं और गटर या कब्र ही उनका अंतिम पड़ाव है। आज मैं 2 तरह के लोगों को संबोधित करता हूं, पहला वे जो धीरे-धीरे नशे की ओर बढ़ रहे हैं और दूसरे वे जो पहले से ही नशे के आदी हैं। उनका इलाज वही है जो महाराष्ट्र के दिवंगत डिप्टी सी.एम. ने किया।
पैग को फैंक दें, बोतल को न देखें, नशीली दवाओं की आदत को रोकें, या अश्लील सामग्री की ओर आकर्षित न हों। वापसी के लक्षण आपको जल्द दिखाई देंगे। कोई भी आदत छूटने पर दर्द होता है। लेकिन देखने वाली बात है कि आखिरकार आपके जीवन में जल्द बदलाव आएगा। चाहे आप पुरुष हों या महिला, दृढ़ रहें और आदत को जड़ से खत्म कर दें। बदलाव लाने में कभी देर नहीं होती...!-दूर की कौड़ीराबर्ट क्लीमैंट्स