Edited By ,Updated: 23 Jun, 2024 05:53 AM
मैडीकल प्रवेश के लिए नीट-यू.जी. तथा यू.जी.सी. नैट परीक्षाओं के पेपर लीक के आरोपों के बीच पूरे देश में हंगामा मचा है। आक्रोषित युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह उनके भविष्य से खिलवाड़ है। मंगलवार को 2 चरणों में हुई नैट परीक्षा को तो अगले ही दिन बुधवार को...
मैडीकल प्रवेश के लिए नीट-यू.जी. तथा यू.जी.सी. नैट परीक्षाओं के पेपर लीक के आरोपों के बीच पूरे देश में हंगामा मचा है। आक्रोषित युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह उनके भविष्य से खिलवाड़ है। मंगलवार को 2 चरणों में हुई नैट परीक्षा को तो अगले ही दिन बुधवार को सरकार ने स्वयं ही रद्द कर दिया। सी.बी.आई. जांच के आदेश भी दे दिए। मगर नीट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। नीट की 5 मई को हुई परीक्षा रद्द होगी या नहीं, यह अब सुप्रीम कोर्ट को तय करना है।
इन दोनों परीक्षाओं का आयोजन करने वाली संस्था राष्ट्रीय परीक्षा एजैंसी (एन.टी.ए.),( जिसे सोशल मीडिया पर लगातार नैशनल ठगी एजैंंसी कहकर उलाहना दी जा रही है) ने नीट पेपर लीक से इन्कार किया है। मगर बिहार और गुजरात के गोधरा से पेपर लीक और फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के मामले में 25 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। बिहार पुलिस ने जिन 19 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें से 2 लोग राजस्थान के थे, जो डमी अभ्यर्थी के रूप में बिहार पहुंचे थे। गुजरात के दाहोद में भी पुलिस ने पेपर आऊट करवाने वाले गिरोह के 7 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद न एन.टी.ए. और न केंद्र सरकार यह मानने को राजी है कि नीट-यू.जी. की परीक्षा लीक हुई। हां, यह जरूर स्वीकार किया कि यू.जी.सी. नैट परीक्षा में कुछ गड़बड़ी टैलीग्राम मीडिया पर हुई और प्रश्नपत्र का एक हिस्सा डार्कनैट पर जारी हुआ। (डार्कनैट वैबसाइट गूगल आदि सर्च इंजन और सामान्य ब्राऊजिंग के दायरे से परे होती है।)
असल में पेपर लीक देश में करोड़ों का धंधा है और इस परीक्षा माफिया के तार नेताओं से जुड़े नजर आते हैं। इसलिए हर पेपर लीक के बाद एक जांच कमेटी बना दी जाती है, जो पूरे मामले की लीपापोती करती रहती है। इस तरह हर पेपर लीक ठंडे बस्ते में चला जाता है। यह कोई इन्हीं 2 पेपर लीक की बात नहीं। पिछले 5 सालों में हमारे देश में सरकारी भर्ती से जुड़ीं 45 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। यह पेपर लीक देश के 15 राज्यों में हुए हैं। इससे 1.4 करोड़ अभ्यर्थियों के भविष्य पर असर पड़ा।यह सीधे-सीधे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। पेपर माफिया खुलकर युवाओं से खेल रहा है और चाहे वह भाजपा की हों या कांग्रेस की सरकारें सुधारने को राजी नहीं है। उत्तर प्रदेश में इसी साल सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ। 60244 पदों के लिए यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी को 2 शिफ्ट में हुई थी। पेपर लीक होने के बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया। इससे पहले 11 फरवरी को यू.पी. लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक में परीक्षा केंद्र के प्रबंधक और यू.पी. पुलिस के एक कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया था।
जम्मू-कश्मीर सर्विस सिलैक्शन बोर्ड ने 2022 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में सब इंस्पैक्टर पद के लिए भर्ती परीक्षा कराई थी। इसका पेपर जालंधर की एक पिं्रटिंग प्रैस में छपा और वहीं से लीक हो गया। यह पेपर जम्मू में 10 से 15 हजार रुपए में बेचा गया। यह भी कहा गया कि मुख्य आरोपी ने इसे 15 लाख में बेचा। बाद में इसकी कापियां करके उन्हें 10-15 हजार रुपए में बेचा गया। व्यापम घोटाले के लिए बदनाम मध्य प्रदेश में एम.पी. प्रोफैशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से प्राथमिक शिक्षक पात्रता (वर्ग-3) परीक्षा आयोजित की गई थी। 25 मार्च 2022 को हुई इस परीक्षा के प्रश्नपत्र का कम्प्यूटर स्क्रीन शॉट इंटरनैट पर वायरल हुआ। उसके बाद यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इसमें प्रदेश भर से करीब 9 लाख 37 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे। इससे पहले एम.पी. प्रोफैशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से 10-11 फरवरी 2020 में कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के करीब 800 पदों के लिए ली गई परीक्षा में बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों के अंक समान आए थे। इसका प्रश्न पत्र भी इंटरनैट पर वायरल होने पर इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था।
सरकार को इस खतरे को समझते हुए बड़े कदम उठाने होंगे। अगर सरकार अब भी नहीं संभली तो आगे गहरी खाई है। ऐसी खाई से फिर निकल पाना भी आसान नहीं होगा। युवा को जोडऩे का सपना धरा रह जाएगा और वो सत्ता में रहने के लोगों के शौक को अपनी बर्बादी के साथ उनको भी बर्बाद कर देगा।-अकु श्रीवास्तव