अपनी कीमत खो चुकी वेनेजुएला की करंसी के बनाए जा रहे हैं ‘हैंडबैग’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 02:49 AM

handbags are being made for venezuelas lost currency

बहुत बुरे दौर में से गुजर रहे दक्षिण अमरीकी देश वेनेजुएला की करंसी अपना मूल्य इस हद तक खो चुकी है कि लोग अपने नोटों को रद्दी कागजों की तरह फैंक देते हैं। ऐसे में 25 वर्षीय विल्मर रोजस ही एक ऐसा नागरिक है जिसके लिए ये नोट अमूल्य निधि जैसे हैं। वह...

बहुत बुरे दौर में से गुजर रहे दक्षिण अमरीकी देश वेनेजुएला की करंसी अपना मूल्य इस हद तक खो चुकी है कि लोग अपने नोटों को रद्दी कागजों की तरह फैंक देते हैं। 

ऐसे में 25 वर्षीय विल्मर रोजस ही एक ऐसा नागरिक है जिसके लिए ये नोट अमूल्य निधि जैसे हैं। वह लोगों द्वारा जहां-तहां फैंके गए नोटों को इकट्ठा करता है और ओरीगैमी की फोल्डिंग तकनीक प्रयुक्त करते हुए-सुई-धागे से इन नोटों से शानदार हैंडबैग बनाता है ताकि वह इन्हें बेच सके। वह खास तौर पर विदेशों पर नजरें जमाए हुए है जहां लोगों के पास सचमुच के नोट होते हैं। रोजस इस तरह का एक हैंडबैग बनाने के लिए औसतन 800 नोट प्रयुक्त करता है और यदि इन सभी नोटों के ऊपर दर्ज कीमत को जोड़ दिया जाए तो वेनेजुएला में केवल आधा किलो चावल ही खरीदे जा सकते हैं। रोजस ने बताया, ‘‘लोग इन नोटों को इसलिए फैंक देते हैं कि इनसे कोई चीज खरीदी तो जा नहीं सकती।’’ 

इसी बीच तेल के भंडार पर बैठे लेकिन नकदी की तंगी से जूझ रहे इस देश को मुद्रास्फीति बहुत बुरी तरह धुन रही है। केवल गत अगस्त माह में ही इसकी करंसी ‘बोलिवर’ की कीमत यूरो की तुलना में 87 प्रतिशत लुढ़क गई थी। आई.एम.एफ. ने भविष्यवाणी की है कि चालू वर्ष में वेनेजुएला की मुद्रास्फीति दर 13 हजार प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। 2, 5 और 10 के बोलिवर नोटों से आप एक टॉफी तक नहीं खरीद सकते और इसी तरह के नोटों को इकट्ठा करके रोजस छोटे-छोटे हैंडबैग्स बनाता है। उसने कहा, ‘‘आप किसी मैगजीन या अखबार के कागज का तो मलीदा प्रयुक्त करने की कल्पना कर सकते हैं लेकिन इनकी तुलना में करंसी नोट अधिक बेहतर हैं क्योंकि उनका मूल्य तो रद्दी से भी कम है। ऊपर से सभी नोटों का आकार एक जैसा होता है इसलिए उनकी काट-छांट करने पर समय बर्बाद नहीं करना पड़ता।’’ 

वेनेजुएला की राजधानी कराकस के संभ्रांत इलाकों में रोजस जैसे भुखमरी से जूझ रहे कई अन्य कलाकार भी इसी प्रकार से नोटों से हैंडबैग बनाकर बेचते हैं। एक बैग के लिए उन्हें अधिक से अधिक 3 लाख बोलिवर तक मिल जाते हैं और इतने पैसों से वे केवल एक किलो मीट खरीद पाते हैं। अर्थशास्त्री तमारा हरेरा ने कहा कि उपरोक्त तथ्य यह सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है कि वेनेजुएला की करंसी कितनी बेकार हो चुकी है। 2-2 बोलिवर के एक हजार नोटों से 26 वर्षीय डिजानर जोस लिओन ने 2016 में इंस्टाग्राम पर एक रोष की शुरूआत की थी जिसका हैशटैग था # venezueladevaluda यानी कि ‘कौडिय़ों के भाव वेनेजुएला।’ उसने मार्वल कॉमिक्स के एंटी हीरो ‘डैडपूल’ से प्रेरित होकर करंसी नोटों से नए-नए प्रयोग करने शुरू किए थे। लिओन के अधिकतर ग्राहक विदेशों में रहते हैं और उसे प्रत्येक ‘मनी आर्ट’ के लिए 20 डालर तक अदा करते हैं।

लिओन का दावा है कि वह अपने देश की करंसी लगभग 5 हजार प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। इसके विपरीत रोजस अभी भी कमाई करने के लिए संघर्ष कर रहा है। इसी बीच वह करंसी नोटों से अपनी बेटी के लिए त्यौहारी पोशाक तैयार कर रहा है। उसका कहना है कि जब नोट किसी काम के नहीं रह गए तो वह कम से कम इतना तो कर ही रहा है कि इन्हें किसी काम के लिए प्रयुक्त कर रहा है। 

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