Edited By ,Updated: 21 Mar, 2025 05:35 AM

धर्म -दर्शन, कला, विज्ञान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश कई शताब्दियों तक विश्व के मानचित्र पर चमकता रहा है। राम, कृष्ण और बुद्ध का अवतार इस भूमि पर हुआ था। अनादिकाल से काशी भी शिव की आराधना का केन्द्र रही है। भगवान महावीर की भी उत्तर प्रदेश कर्मभूमि...
धर्म -दर्शन, कला, विज्ञान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश कई शताब्दियों तक विश्व के मानचित्र पर चमकता रहा है। राम, कृष्ण और बुद्ध का अवतार इस भूमि पर हुआ था। अनादिकाल से काशी भी शिव की आराधना का केन्द्र रही है। भगवान महावीर की भी उत्तर प्रदेश कर्मभूमि रही है। प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों में उत्तर प्रदेश कभी पिछड़ा प्रदेश नहीं रहा है। यहां तक कि मुगल आक्रांताओं और ब्रिटिश शासन में भी उत्तर प्रदेश की गिनती पिछड़े प्रदेशों में नहीं होती थी। लेकिन देश की आजादी के बाद यह प्रदेश धीरे-धीरे पिछड़ता चला गया और पिछली गैर-भाजपा सरकारों के कार्यकाल में इस प्रदेश की गिनती पिछड़े प्रदेशों में होने लगी।
समाजवादी पार्टी के शासनकाल में तो उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार, लूटपाट और अराजकता का केन्द्र बन गया था। कोई भी उद्यमी यहां पर उद्योग-धंधों को लगाने से कतराता था। लेकिन योगी आदित्यनाथ के सत्ता की बागडोर संभालने के बाद इस प्रदेश की तस्वीर बदलने लगी। आज यहां पूरी तरह से कानून का शासन है और बड़े-बड़े अपराधियों, माफिया गिरोहों की दुकानें बंद हो गई हैं। अमन चैन के साथ आप इस पूरे प्रदेश में कोई भी कारोबार कहीं भी कर सकते हैं। इसका परिणाम आज सबके सामने है। देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान 9$2 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है। पिछले 8 साल में उत्तर प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। आज योगी आदित्यनाथ की सरकार देश में मिसाल के तौर पर पेश की जाती है।
आज उत्तर प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट नहीं है। वे चाहे जहां जाएं। 6 साल में 5 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गईं। इनमें से कई में प्रोडक्शन भी हो रहा है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 35 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आएंगे।
बेरोजगारी दर जो 2016 में 18 फीसदी थी वह आज 3 से 4 फीसदी है। जितना गन्ना मूल्य भुगतान 2007 से 2017 के बीच हुआ उसका दोगुना योगी सरकार ने 2017 के बाद किया। सरकार 2 लाख 2 हजार करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान कर चुकी है। एथनॉल उत्पादन में प्रदेश देश में नंबर 1 पर है। आज 118 करोड़ लीटर एथनॉल उत्पादन यू.पी. कर रहा है। देश के सर्वाधिक स्मार्टफोन का उत्पादन यू.पी. में हो रहा है। देश का सबसे बड़ा डाटा सैंटर यू.पी. में है। विपक्षी दलों की सरकारों के उदासीन रवैये से संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार सुस्त रही। वहीं 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आने के बाद प्रदेश में विकास का पहिया तेजी से घूमा है और देश की जी.डी.पी. में प्रदेश की हिस्सेदारी दूसरे नम्बर पर पहुंच गई।
देश का सबसे बड़ा राज्य और सबसे अधिक संसाधन होने के बावजूद 1950 से 2017 तक प्रदेश की जी.एस.टी.पी. 12$75 लाख करोड़ तक पहुंच सकी, जबकि 2017 में जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों पर विश्वास जताया और पिछले 8 वर्षों में प्रदेश की जी.एस.डी.पी. दोगुना से अधिक होकर 2024-25 में 27$51 लाख करोड़ होने जा रही है। वर्ष 2023-2024 में देश की जी.डी.पी. की वृद्धि दर 9$6 प्रतिशत है, जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही है। 2016-2017 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 52$ 271 रुपए थी, वर्ष 2023-2024 में 93$ 514 रुपए है। 2016-2017 में कुल राजस्व प्राप्तियां 2 लाख 56 हजार रुपए हुई थीं, जबकि चालू वित्तीय वर्ष के जनवरी माह तक ही 4 लाख 10 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हो चुका है। आज उत्तर प्रदेश रैवेन्यू सरप्लस स्टेट है। कर अपवंचन को रोका गया है। रैवेन्यू लीकेज को समाप्त किया गया है। बीते 8 वर्ष में एक भी नया टैक्स नहीं लगाया गया। प्रदेश में डीजल-पैट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश रैवेन्यू सरप्लस स्टेट है।
आज टैक्स का इस्तेमाल जनता के हित में हो रहा है, जैसे हाईवे बने, पुल बने, स्कूल-कालेज बने, अस्पताल बने हैं। उत्तर प्रदेश डिजिटल क्रांति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बनकर उभरा है। 2017-18 में यू.पी. में जहां 122.84 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे, वहीं 2024-25 में दिसम्बर 2024 तक 1024$ 41 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हो चुके हैं। यू.पी. डिजिटल लेन-देन अपनाने में नंबर एक है। आधे से अधिक लेन-देन यू.पी.आई. से हुए। इसकी वजह डिजिटल बैंकिंग की आसान पहुंच, गांवों तक इंटरनैट, वित्तीय जागरूकता और उपकरणों की पर्याप्त संख्या है। आज प्रदेश मेें बैंकों की 20416 शाखाओं, 4,00,932 बैंक मित्र एवं बीसी सखी, 18747 ए.टी.एम. और 4,40,095 बैंकिंग केन्द्रों के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार और बेईमानी पर कठोर प्रहार कर रही है। 11 विभागों की 207 योजनाओं की धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से दी जा रही है। इसमें 113 केंद्रीय योजनाएं और 94 राज्य सैक्टर की योजनाएं हैं। डी.बी.टी. से 9 करोड़ 8 लाख से अधिक लोगों को 1 लाख 11 हजार 637 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इससे प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है।-निरंकार सिंह