Edited By ,Updated: 20 Jul, 2023 06:04 AM
पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड का गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट, रूपनगर राज्य के प्रमुख थर्मल प्लांटों में से एक है। इस थर्मल प्लांट का कुल क्षेत्रफल 2274 एकड़ है जिसमें कोयला मुख्य ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस थर्मल प्लांट की...
पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड का गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट, रूपनगर राज्य के प्रमुख थर्मल प्लांटों में से एक है। इस थर्मल प्लांट का कुल क्षेत्रफल 2274 एकड़ है जिसमें कोयला मुख्य ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस थर्मल प्लांट की 3 स्टेजें हैं। इसकी पहले कुल क्षमता 1260 मैगावाट थी। इस थर्मल प्लांट की पहली स्टेज के 2 यूनिटों (1 व 2) को 2018 में केंद्रीय बिजली अथॉरिटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार 25 वर्ष से अधिक समय तक कार्यशील तथा आर्थिक तौर पर गैर-व्यवहारिक के अंतर्गत होने के कारण बंद कर दिया गया था। अब वर्तमान में इस थर्मल प्लांट के 4 यूनिट कार्यशील हैं तथा कुल क्षमता 210&4=840 मैगावाट है, जिसकी वितरण विंग के माध्यम से पंजाब के बिजली खपतकारों को बिजली आपूर्ति की जाती है।
गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट का नींव-पत्थर स्टेज-1 तथा स्टेज-2 के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 30 दिसम्बर, 1980 में रखा गया था। थर्मल प्लांट की पहली स्टेज ने वर्ष 1984-85 में बिजली उत्पादन शुरू कर लिया था तथा दूसरी स्टेज ने वर्ष 1988-89 में। तीसरी स्टेज (5वां-6वां यूनिट) पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह द्वारा 16 नवम्बर 1992 को पंजाब वासियों को समॢपत की गई, जो 1992-93 में पूरी हो गई और बिजली की पैदावार शुरू कर दी थी। यह थर्मल प्लांट वर्ष 1993 में एशिया महाद्वीप का सर्वाधिक बिजली उत्पादन वाला सरकारी अदारा रहा है।
थर्मल प्लांट की वर्ष 2009-10 में सबसे अधिक बिजली पैदावार 10056.35 मिलियन यूनिट रही है जिसका प्लांट लोड फैक्टर 91.11 प्रतिशत रहा तथा 29 अक्तूबर 2009 को एक दिन की सर्वाधिक विद्युत पैदावार 31.13 मिलियन यूनिट रही, प्लांट का लोड फैक्टर 102.94 प्रतिशत रहा। एक दिन में कोयले की वैगन अन-लोडिंग 21 फरवरी 2010 को 11 कोल रैक (622 वैगन) खाली की गई थीं। इस थर्मल प्लांट के यूनिट नं. 5 का लगातार चलने का 126 दिन 9 घंटे 50 मिनट का रिकार्ड रहा है। इस दौरान 5 नं. यूनिट की कोई ट्रिपिंग नहीं हुई। इसके अतिरिक्त इस थर्मल प्लांट के सभी 6 यूनिट चलने का रिकार्ड 32 दिन 2 घंटे 20 मिनट रहा। इस दौरान कोई भी ट्रिपिंग/आऊटेज नहीं हुई। इस थर्मल प्लांट के यूनिट नं. 4 का सबसे बढिय़ा बिजली उत्पादन का रिकार्ड 162.14 मिलियन यूनिट तथा प्लांट लोड फैक्टर 107.24 प्रतिशत रहा।
गुरु गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट, रूपनगर ने वर्ष 2023-24 (जून 2023) को 859.32 मिलियन बिजली यूनिटों की पैदावार करके बिजली की मांग तथा आपूर्ति के बीच का अंतर घटाया है जिसका प्लांट लोड फैक्टर 46.84 प्रतिशत है। इस थर्मल प्लांट की एक दिन की बिजली की पैदावार 624.96 मिलियन यूनिट है। यदि प्लांट के 4 यूनिट पूरी क्षमता से बिजली की पैदावार करते हैं तो कोयले की 14000 मिट्रिक टन (अनुमानित) एक दिन की खपत होती है। प्लांट को चालू रखने के लिए 27 दिनों के कोयले का भंडार उपलब्ध है। इस प्लांट में इस्तेमाल किए गए पानी से माइक्रो हाइडल भी चलाया जा रहा है जिसके 2 यूनिट हैं। प्रत्येक यूनिट 750 किलोवाट का है। कुल क्षमता 1500 किलोवाट है। यह माइक्रो हाइडल 27 मई 2007 से अब तक बिजली उत्पादन कर रहा है।
थर्मल प्लांट के मुख्य इंजीनियर/ओ एंड एम मंजीत सिंह के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट की समय-समय पर की गई उपलब्धियों के कारण मिले अवार्डों तथा सम्मानों का मुख्य सेहरा प्लांट में समय-समय पर तैनात रहे अधिकारियों/कर्मचारियों की अनथक मेहनत का नतीजा है। इस थर्मल प्लांट को राष्ट्रीय स्तर पर क्वालिटी कंसैप्ट में उत्तमता ईनाम भारत सरकार द्वारा वर्ष 1985-86, 1987-88, 1997-98 तथा 1999-2000 दौरान देश भर में सबसे अधिक बिजली उत्पादन करने के लिए मिले हैं। इसके अतिरिक्त रूपनगर थर्मल प्लांट ने वर्ष 2010 में डायरैक्टोरेट ऑफ फैक्टरीज पंजाब तथा पंजाब इंडस्ट्री सेफ्टी कौंसिल, चंडीगढ़ द्वारा पहला ईनाम प्राप्त किया। वर्ष 2014 तथा 2015 में इस थर्मल प्लांट ने क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया, हरिद्वार चैप्टर द्वारा गोल्ड अवार्ड प्राप्त किए हैं।-मनमोहन सिंह (उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)