ममता ने ‘खेला होबे’ का आह्वान किया

Edited By ,Updated: 01 Mar, 2025 05:32 AM

mamata gave the call for khela hobe

तृणमूल  कांग्रेस (टी.एम.सी.) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में अपनी पार्टी की संगठनात्मक बैठक में 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाई और उन्होंने घोषणा की कि राज्य में राजनीतिक लड़ाई और भी तीव्र होगी और एक बार फिर अपने...

तृणमूल कांग्रेस (टी.एम.सी.) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में अपनी पार्टी की संगठनात्मक बैठक में 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाई और उन्होंने घोषणा की कि राज्य में राजनीतिक लड़ाई और भी तीव्र होगी और एक बार फिर अपने लोकप्रिय नारे  ‘खेला होबे ’ का आह्वान किया। ममता ने 294 सदस्यीय विधानसभा में 215 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखते हुए टी.एम.सी. के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था। उन्होंने भाजपा की सीटों की संख्या को कम करने की भी कसम खाई, जिसने 2021 के चुनावों में 77 सीटें हासिल की थीं। जबकि अभिषेक बनर्जी ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ उनके मतभेद हैं और उनके प्रति अपनी वफादारी की पुष्टि की। हालांकि ममता ने भाजपा पर बाहरी लोगों के नाम जोड़कर पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि डेटा में हेरफेर करने के लिए ‘एसोसिएशन ऑफ ब्रिलियंट माइंड्स’ नामक एक समूह का इस्तेमाल किया जा रहा है।


गोगोई के राज्य में शीर्ष नेता के रूप में उभरने की अटकलें : कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और ए.आई.सी.सी. के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को नई दिल्ली में असम पी.सी.सी. नेतृत्व के साथ बातचीत की और असम में पार्टी के आगे के रास्ते पर विस्तृत चर्चा की, जहां पार्टी 2016 से सत्ता से बाहर है। बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता (एल.ओ.पी.) राहुल गांधी ने कहा कि असम में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार का मुकाबला करने के लिए राज्य के नेताओं को सामूहिक और एकजुट मोर्चा बनाना चाहिए और आगे कहा कि अगर कोई पार्टी लाइन से बाहर निकलता है तो उसके खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए किसी चेहरे की घोषणा नहीं करेगी लेकिन दिवंगत मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई के राज्य में शीर्ष नेता के रूप में उभरने की अटकलें लगाई जा रही हैं। दूसरी ओर, नेतृत्व ने राज्य के नेताओं को यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य में भाजपा सरकार को उखाड़ फैंकने के लिए उन्हें एकजुट रहने की जरूरत है। राज्य में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के मुद्दे पर, ए.आई.सी.सी. नेतृत्व ने स्थानीय नेतृत्व को आश्वासन दिया कि वे मुख्य रूप से राज्य इकाई की सलाह पर ही चलेंगे। 

भाजपा के चहेते बने नीतीश : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को शेष सभी 7 मंत्री पद देकर अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और कुल संख्या 36 कर दी, जो 243 सदस्यीय विधानसभा वाले राज्य में अधिकतम स्वीकार्य है। इनमें से 3 ओ.बी.सी. (अन्य पिछड़ा वर्ग), 2 ई.बी.सी. (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) और 2 सवर्ण (उच्च जाति) हैं। यह विस्तार नीतीश द्वारा मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से मुलाकात के तुरंत बाद हुआ। हालांकि कुछ जद-यू नेताओं ने कहा कि अखिल भाजपा मंत्रिमंडल विस्तार नीतीश को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने और अक्तूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में सीटों का समान वितरण सुनिश्चित करने के सौदे का हिस्सा हो सकता है।

हरियाणा में कांग्रेस अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही : कांग्रेस पार्टी ए.आई.सी.सी. में नए सिरे से नियुक्तियों की उम्मीद कर रही है। चर्चा है कि अनुसूचित जाति के एक प्रमुख नेता और सिरसा के पूर्व सांसद अशोक तंवर को कांग्रेस आलाकमान द्वारा एक बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है और उन्हें राजेश लिलोठिया की जगह  ए.आई.सी.सी. एस.सी. विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। 

इस बीच हरियाणा में कांग्रेस अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है क्योंकि वह अक्तूबर 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथों अपनी चौंकाने वाली हार से उभरने के लिए संघर्ष कर रही है। पार्टी की निरंतर अनिर्णयता, विशेष रूप से हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता (एल.ओ.पी. की नियुक्ति) को लेकर ने इसके विधायकों और कार्यकत्र्ताओं का मनोबल गिरा दिया है। 90 विधायकों वाले सदन में 37 विधायकों के साथ, हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी नेतृत्व शून्यता में है, एक ऐसी स्थिति जिसने नवंबर में विधानसभा सत्र के दौरान सी.एल.पी. को नेता के बिना संघर्ष करना पड़ा और 7 मार्च को शुरू होने वाले बजट सत्र में भी यही स्थिति रहने की उम्मीद है।

अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया संसद में संजीव अरोड़ा की जगह ले सकते हैं : आम आदमी पार्टी ने लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को पार्टी उम्मीदवार बनाया जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया संसद में उनकी जगह ले सकते हैं। जबकि  ‘आप’ ने आधिकारिक तौर पर ऐसी अटकलों का खंडन किया है कि केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा नामांकन की मांग करेंगे। लुधियाना के उद्योगपति संजीव अरोड़ा 2022 से राज्यसभा के सदस्य हैं। 
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर अरोड़ा यह उप-चुनाव जीतते हैं और विधायक बनते हैं तो उन्हें भगवंत मान कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है।-राहिल नोरा चोपड़ा 
 

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