उत्तर प्रदेश उप-चुनाव को मायावती ने पेचीदा बनाया

Edited By ,Updated: 02 Nov, 2024 05:58 AM

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उत्तर प्रदेश (यू.पी.) में एक दिलचस्प और पेचीदा परिदृश्य सामने आ रहा है, क्योंकि मायावती 13 नवम्बर को आगामी उपचुनाव में सभी 9 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का नेतृत्व कर रही हैं।  हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में बसपा...

उत्तर प्रदेश (यू.पी.) में एक दिलचस्प और पेचीदा परिदृश्य सामने आ रहा है, क्योंकि मायावती 13 नवम्बर को आगामी उपचुनाव में सभी 9 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का नेतृत्व कर रही हैं। 
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई थी और इसके मूल दलित वोटों के अन्य दलों की ओर जाने की प्रतिक्रिया के बाद, अब बसपा सुप्रीमो मायावती जड़ों की ओर लौटने और पार्टी की बहुजन रणनीति को फिर से तैयार करने की कोशिश कर रही हैं और वह एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस को दलितों का दुश्मन करार देते हुए, मायावती ने 29 अक्तूबर, 2024 को कहा कि दोनों पार्टियां दलितों की हितैषी होने की आड़ में आरक्षण को अप्रभावी बनाने की साजिश में शामिल हैं। 

चार बार उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर हरियाणा में भाजपा सरकार और तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस सरकारों द्वारा लागू दलितों के लिए उप-आरक्षण की नई प्रणाली पर ङ्क्षचता व्यक्त की। हालांकि, पार्टी के सामने चुनौती सिर्फ ब्राह्मण, मुस्लिम और गैर-यादव पिछड़े वर्ग के वोटों को वापस जीतने की नहीं है, जिसकी रणनीति ने 2007 में उसे सत्ता में पहुंचाया था, बल्कि करीब 21 फीसदी दलित वोटों को भी वापस जीतने की है, जिसमें 12 फीसदी जाटव हैं, जो मायावती की जाति है।

सपा-कांग्रेस ने हैरान किया : आगामी उप-चुनावों में न लडऩे और सभी सीटें सहयोगी समाजवादी पार्टी के लिए छोडऩे के कांग्रेस के फैसले ने न सिर्फ बाहरी लोगों को, बल्कि संगठन के भीतर भी कई लोगों को हैरान कर दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ऐसा करने की अनिच्छुक है और उसे लगता है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बढ़त देकर वह महाराष्ट्र में सीटें देने के खिलाफ तर्क दे सकती है, खासकर तब, जब उसने लोकसभा चुनाव में वहां अच्छा प्रदर्शन किया था और 13 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। दूसरी ओर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि गठबंधन सीटों के बंटवारे के गणित पर नहीं, बल्कि यू.पी. विधानसभा में भाजपा की बड़ी बढ़त को कम करने की अनिवार्यता पर आधारित है। सपा नेता ने कहा कि युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही, आरक्षण व्यवस्था से छेड़छाड़ की जा रही है और संविधान को कमजोर किया जा रहा है। 

सी. जोसेफ विजय की एंट्री : तमिल अभिनेता से नेता बने सी. जोसेफ विजय ने 27 अक्तूबर, 2024 को तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में एक मैगा रैली में अपनी पार्टी तमिलगा वेट्री कझगम (टी.वी.के.) लॉन्च की थी, जो अगला विधानसभा चुनाव लडऩे की स्पष्ट कोशिश थी। टी.वी.के. कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, विजय ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और द्रमुक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधा, अपनी पार्टी की जाति-विरोधी, धर्मनिरपेक्ष विचारधारा का संकेत देते हुए कहा कि ‘द्रविड़म और राष्ट्रवाद हमारी विचारधारा की दो आंखें हैं’। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पेरियार जैसे तमिल प्रतीकों की विचारधारा को अपनाएगी, लेकिन ‘ईश्वर-विरोधी स्थिति’ के बिना। विजय का राजनीतिक पदार्पण ऐसे समय में हुआ है जब प्रसिद्ध मंदिरों वाले राज्य तमिलनाडु में धार्मिक भावनाओं में पुनरुत्थान देखा जा रहा है।

‘आप’ के खिलाफ रिट : दिल्ली के भाजपा सांसदों ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल न होने के लिए ‘आप’ सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की। बुधवार को एक प्रैस कॉन्फ्रैंस को संबोधित करते हुए, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केंद्र की योजना से लाखों पात्र लोगों को वंचित करने के लिए ‘आप’ और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की आलोचना की।
जबकि पी.एम. मोदी ने मंगलवार को इस योजना को लागू न करने के लिए दिल्ली और पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की थी, जिससे भाजपा और ‘आप’ के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई थी। हालांकि, ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सहयोगियों ने आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत योजना भ्रष्टाचार से भरी हुई है। उन्होंने इसकी तुलना दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था से की, जो मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए सार्वजनिक धन भी देती है।

प्रियंका का आकर्षण : कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से शानदार जीत दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अपने प्रचार अभियान में प्रियंका मुख्य रूप से किसानों की समस्याओं या वायनाड भूस्खलन के पीड़ितों के पुनर्वास जैसे विभिन्न जन मुद्दों को उठा रही हैं। नामांकन दाखिल करने पहुंचीं प्रियंका ने भारी भीड़ जुटाई और उन लोगों को गलत साबित कर दिया, जो यह मानते हैं कि केरल में गांधी परिवार का आकर्षण खत्म हो गया है। 

पनामारम में अपनी सार्वजनिक रैली के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘‘उनके (राहुल गांधी) सबसे कठिन समय में, आप, वायनाड के लोग उनके साथ खड़े रहे। यह आप ही हैं जो देश के लोकतंत्र के साथ खड़े रहे... आप में से हर एक, आपके वोट ने उन्हें शांति और भाईचारे के नाम पर इस देश के एक छोर से दूसरे छोर तक चलने की ताकत, साहस और बहादुरी दी।’’ प्रियंका का मुकाबला सी.पी.आई. के सत्यन मोकेरी और भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास से है, जो एक स्थानीय पार्षद हैं और संघ परिवार से लंबे समय से जुड़ी हैं। निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 43 प्रतिशत मुस्लिम, 13 प्रतिशत ईसाई, 10 प्रतिशत आदिवासी और 7 प्रतिशत दलित हैं। इसे देश में कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित लोकसभा सीटों में से एक माना जाता है। आने वाले दिनों में प्रियंका के वायनाड में डेरा डालने की उम्मीद है। मतदान 13 नवंबर को होना है।-राहिल नोरा चोपड़ा
 

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