विपक्षी दलों को ऐसे काम करना चाहिए जैसे वे सरकार हों

Edited By ,Updated: 23 Jun, 2024 05:24 AM

opposition parties should act as if they are the government

18वीं लोकसभा के चुनावों के नतीजों ने एक मजबूत संसदीय विपक्ष को सामने ला दिया है जो 16वीं और 17वीं लोकसभा में गायब था। 2014 और 2019 के पिछले 2 चुनावों में कांग्रेस क्रमश: 44 और 52 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल थी और वह विपक्ष के नेता का पद नहीं जीत...

18वीं लोकसभा के चुनावों के नतीजों ने एक मजबूत संसदीय विपक्ष को सामने ला दिया है जो 16वीं और 17वीं लोकसभा में गायब था। 2014 और 2019 के पिछले 2 चुनावों में कांग्रेस क्रमश: 44 और 52 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल थी और वह विपक्ष के नेता का पद नहीं जीत सकी। अन्य सभी गैर-भाजपा दलों ने कम सीटें जीतीं। विपक्ष की आवाज भाजपा, उसके चुनाव-पूर्व सहयोगियों और अघोषित सहयोगियों (वाई.एस.आर. सी.पी. और बीजद) द्वारा मचाए गए शोर में डूब गई। 

भाजपा ने इस बात पर विचार करने के लिए समय नहीं निकाला कि संख्या में असंतुलन को देखते हुए, संसद की पवित्र परंपराओं को कैसे बनाए रखा जा सकता है। विपक्षी दलों ने बार-बार शिकायत की कि परंपराओं का पालन नहीं किया गया। कई निष्पक्ष पर्यवेक्षकों के अनुसार संसद के दोनों सदन निष्क्रिय हो गए। 2024 के लोकसभा चुनावों ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को संसद की महान परंपराओं को पुनर्जीवित करने का अवसर दिया है। विपक्ष 236 सीटों के साथ मजबूती से अपनी जगह पर है। विपक्ष को अरुण जेतली की इस धारणा को भुला देना चाहिए कि सदन में बाधा डालना एक वैध संसदीय साधन है और यह ‘लोकतंत्र के पक्ष में’ है। यह एक कल्पना थी इसका उलटा सच है। 

उल्लेखनीय वायदे : विपक्ष कांग्रेस के घोषणापत्र 2024, ‘न्याय पत्र’ से शुरूआत कर सकता है, जिसमें निम्नलिखित वायदे शामिल हैं।
-हम वायदा करते हैं कि संसद के दोनों सदन साल में 100 दिन बैठेंगे और अतीत में प्रचलित संसद की महान परंपराओं को पुनर्जीवित किया जाएगा और उनका ईमानदारी से पालन किया जाएगा।
-हम वायदा करते हैं कि सप्ताह में एक दिन प्रत्येक सदन में विपक्षी बैंचों द्वारा सुझाए गए एजैंडे पर चर्चा के लिए समर्पित होगा।
-हम वायदा करते हैं कि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को किसी भी राजनीतिक दल से अपना संबंध तोडऩा होगा। तटस्थ रहना होगा और सदियों पुरानी इस परंपरा का पालन करना होगा कि ‘अध्यक्ष बोलते नहीं हैं’।
इंडिया ब्लॉक इन वायदों को अपनाने और उन्हें पूरा करने के लिए दृढ़ता से लडऩे पर विचार कर सकता है। भाजपा को 100 दिनों की बैठकों पर कोई वैध आपत्ति नहीं हो सकती। सप्ताह में एक दिन विपक्ष के एजैंडे और तटस्थ पीठासीन अधिकारियों के लिए होना चाहिए। 

दलबदल को रोकें : नरेन्द्र मोदी और उनकी वजह से भाजपा ने 370 और एन.डी.ए. के लिए 400+ के लक्ष्य के मुकाबले 240 सीटों के झटके से उभार लिया है। उन्होंने जश्न मनाने की कोशिश की लेकिन आम लोग जश्न मनाने के मूड में नहीं थे। अल्पसंख्यक का ठप्पा भाजपा के नेतृत्व को परेशान करेगा और वे इससे छुटकारा पाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। लुभावने लक्ष्य वाई.एस.आर.सी.पी. (4 सदस्य), ‘आप’ (3), रालोद (2), जद(एस) (2), ए.जी.पी. (1), ए.जे.एस.यू. (1), एच.ए.एम. (1) और एस.के.एम. (1) हैं। जद(यू) (12) भी सुरक्षित नहीं है। इनमें से कुछ पार्टियां पहले से ही एन.डी.ए. का हिस्सा हैं लेकिन इससे भाजपा नहीं रुकेगी (याद रखें कि शिवसेना के साथ क्या हुआ था।) संविधान की 10वीं अनुसूची में बहुत सारे छेद हैं जिनमें छोटी पाॢटयों के सांसद गिर सकते हैं और गायब हो सकते हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र 2024 में एक सुंदर सूत्रीकरण था जो भाजपा की योजना को विफल कर देगा।
 हम संविधान की 10वीं अनुसूची में संशोधन करने और दलबदल (जिस मूल पार्टी से विधायक या सांसद चुने गए थे उसे छोडऩा) को विधानसभा या संसद की सदस्यता के लिए स्वत: अयोग्य ठहराने का वायदा करते हैं।
-विपक्ष को 10वीं अनुसूची में संशोधन लाना चाहिए। यदि वे संशोधन विधेयक का विरोध करते हैं तो सत्ता पक्ष मतदाताओं की नजर में बदनाम हो जाएगा। 

नौकरी के एजैंडे  को आगे बढ़ाएं : अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के मुद्दे पर भाजपा सबसे कमजोर है। जबकि कोई भी राजकोषीय विवेक या बुनियादी ढांचे के विकास से झगड़ा नहीं कर सकता है। सभी आर्थिक नीतियों का लक्ष्य लाखों नौकरियां पैदा करना और मुद्रास्फीति को रोकना होना चाहिए। भाजपा-एन.डी.ए. दोनों मामलों में विफल रही और लोकसभा चुनावों में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। क्या भाजपा का नेतृत्व अपना रास्ता बदलेगा, यह राष्ट्रपति के भाषण और बजट में पता चलेगा। इस बीच, कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक को निम्नलिखित रोजगार एजैंडे पर जोर देना चाहिए (कांग्रेस के घोषणापत्र 2024 से लिया गया)। 

-हम एकाधिकार और अल्पाधिकार तथा क्रोनी पूंजीवाद के विरोधी हैं।
-हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी कंपनी या व्यक्ति वित्तीय या भौतिक संसाधनों या व्यावसायिक अवसरों या रियायतों को अपने लिए न हथिया ले, जो हर उद्यमी को उपलब्ध होनी चाहिए।
-हमारी नीतिगत प्राथमिकता उन व्यावसायिक उद्यमों के पक्ष में होगी जो बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करते हैं।
-केंद्र सरकार में विभिन्न स्तरों पर स्वीकृत पदों में लगभग 30 लाख रिक्तियों को भरें।
-नियमित गुणवत्ता वाली नौकरियों के बदले अतिरिक्त भर्ती के लिए कर क्रैडिट जीतने के लिए कॉर्पोरेट्स के लिए एक नई रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन (ई.एल.आई.) योजना बनाएं।
-हम शहरी बुनियादी ढांचे के पुनॢनर्माण और नवीनीकरण में शहरी गरीबों के लिए काम की गारंटी देने वाला शहरी रोजगार कार्यक्रम शुरू करेंगे।
-जल निकायों की बहाली कार्यक्रम और बंजर भूमि पुनर्जनन कार्यक्रम शुरू करके कम शिक्षा, कम कौशल वाले युवाओं को रोजगार प्रदान करें, जिसे ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं के माध्यम से लागू किया जाएगा।
विपक्षी दलों को ऐसे काम करना चाहिए जैसे कि वे सरकार हों। उन्हें अवसर का लाभ उठाना चाहिए और सरकार के लिए कथानक तय करना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि बहुमत से दूर भाजपा नए और ऊर्जावान विपक्ष का किस तरह से जवाब देती है।-पी. चिदम्बरम

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