Edited By ,Updated: 20 Sep, 2024 05:20 AM
इस समय जहां जनसंख्या विस्फोट से जूझ रहे विश्व के अनेक देशों में जनसंख्या नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर अपनी घटती जनसंख्या से परेशान कुछ देश जनसंख्या बढ़ाने के उपाय कर रहे हैं। इटली, जापान, ईरान, ब्राजील आदि देशों में घटती जनसंख्या के...
इस समय जहां जनसंख्या विस्फोट से जूझ रहे विश्व के अनेक देशों में जनसंख्या नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर अपनी घटती जनसंख्या से परेशान कुछ देश जनसंख्या बढ़ाने के उपाय कर रहे हैं। इटली, जापान, ईरान, ब्राजील आदि देशों में घटती जनसंख्या के कारण बच्चे पैदा करने को बढ़ावा देने के लिए दम्पतियों को आर्थिक सहायता तक दी जा रही है। कहीं-कहीं नसबंदी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन में बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने के लिए 1979 में ‘एक बच्चा नीति’ लागू करके इसे सख्ती से लागू किया गया था और इसका उल्लंघन करने पर दम्पति को जेल तक भेजने का प्रावधान किया गया था।
आज ‘एक बच्चा नीति’ के कारण चीन सरकार को जन्म दर की कमी का सामना करना पड़ रहा है इसलिए उसने 2016 में ‘एक बच्चा नीति’ में ढील देकर 2 बच्चे पैदा करने की अनुमति दी और फिर 2021 में इसमें और भी ढील देकर इसे 3 बच्चे पैदा करने की छूट दे दी गई है। इसके बावजूद चूंकि चीन की युवा पीढ़ी शादी और बच्चे पैदा करने में कम दिलचस्पी ले रही है इसलिए चीन सरकार ने युवाओं को आर्थिक सहायता और टैक्स छूट जैसे प्रोत्साहन देने की योजना भी शुरू कर दी है। जहां तक चीन के पड़ोसी रूस का सम्बन्ध है, यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझी रूस सरकार भी जनसंख्या में कमी पर ङ्क्षचतित है। इस समय रूस में जन्म दर 1999 के बाद से अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। एक तो वहां दम्पति कम बच्चे पैदा कर रहे हैं और दूसरे यूक्रेन से युद्ध के कारण भी बड़ी संख्या में रूसी युवाओं द्वारा देश छोड़ देने के कारण यह संकट और भी बढ़ गया है। वहां प्रजनन दर घटकर प्रति महिला 1.5 के ङ्क्षचताजनक स्तर तक पहुंच गई है जबकि किसी देश की जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए भी वहां प्रजनन दर कम से कम 2.1 होनी चाहिए।
रूस ने 2024 की पहली छमाही के लिए 25 वर्षों में अपनी सबसे कम जन्म दर दर्ज की है। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि जून में जन्म दर पहली बार 1 लाख से नीचे गिर गई जो एक बड़ी गिरावट दर्शाती है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 18 से 40 वर्ष की आयु की महिलाओं को उनके प्रजनन स्वास्थ्य और क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए नि:शुल्क प्रजनन जांच में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इतना ही नहीं रूस के ‘चेल्याबिस्क’ इलाके में अधिकारियों ने जन्म दर बढ़ाने के लिए लोगों की आर्थिक मदद करना भी शुरू कर दिया है। वहां 24 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को उनके पहले बच्चे के जन्म पर 1.02 लाख रूबल (9.40 लाख रुपए) दिए जा रहे हैं। रूस में गर्भपात करवाने के रुझान पर लगातार प्रतिबंध लगाया जा रहा है तथा सार्वजनिक हस्तियों और धार्मिक नेताओं द्वारा दम्पतियों को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि महिलाओं की पहली जिम्मेदारी बच्चों को जन्म देना और उनका पालन-पोषण करना है। इसीलिए रूस में तलाक को हतोत्साहित करने के लिए अदालत की फीस भी बढ़ा दी गई है।
इस बीच घटती जन्म दर की समस्या से निपटने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक अनूठी तरकीब निकाली है और रूस के नागरिकों को आफिस में लंच और काफी ब्रेक के दौरान सैक्स करने की सलाह तक दे डाली है। स्वास्थ्य मंत्री डा. येवगेनी शेस्टोपालोव ने भी रूस के लोगों को परिवार बढ़ाने के लिए लंच और काफी ब्रेक के समय का लाभ उठाने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि बच्चे पैदा करने की इस प्रक्रिया में कार्यालय का काम बाधा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘काम में ज्यादा व्यस्त होना सैक्स न करने का कोई वैध कारण नहीं है। यह एक बेकार बहाना है, आप ब्रेक के बीच सैक्स कर सकते हैं क्योंकि जीवन बहुत तेजी से बीतता है।’’उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति पुतिन अपने देश में गिरती जन्म दर पर पहले भी चिंता जता चुके हैं और वहां रूसी महिलाओं को कम से कम 8 बच्चों को जन्म देने और बड़े परिवार बनाने की अपील कर चुके हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनसंख्या बढ़ाने का राष्ट्रपति पुतिन का यह अनूठा तरीका कितना सफल हो पाता है।—विजय कुमार