Edited By ,Updated: 23 Mar, 2025 06:14 AM

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन और रूस के बीच 3 साल से चल रहे युद्ध में 30 दिन के युद्ध विराम के लिए एक तरीका विकसित करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ लंबी बातचीत की। पुतिन ने इस बात पर सहमति जताई कि उक्त अवधि के दौरान यूक्रेन में...
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन और रूस के बीच 3 साल से चल रहे युद्ध में 30 दिन के युद्ध विराम के लिए एक तरीका विकसित करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ लंबी बातचीत की। पुतिन ने इस बात पर सहमति जताई कि उक्त अवधि के दौरान यूक्रेन में ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों पर हमला नहीं किया जाएगा।
फोन कॉल खत्म होते ही रूस और यूक्रेन ने एक-दूसरे पर ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला कर दिया, जिससे नागरिक और सैन्य लक्ष्य क्रमश: नष्ट हो गए। क्या युद्ध विराम होगा और यूक्रेन को इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि युद्ध अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और उसे अपने क्षेत्र का पांचवां हिस्सा खोना पड़ा है, ये सभी सवाल अभी भी खुले हैं। यूक्रेन की क्षेत्रीय बाधाएं, रूस के रणनीतिक उद्देश्य और पश्चिमी सहयोगियों की सुरक्षा प्रतिबद्धताएं सभी इस नाजुक और तनावपूर्ण वार्ता को आकार देंगी।
युद्ध की आर्थिक लागत : चल रहे संघर्ष ने युद्धरत देशों और उनके अंतर्राष्ट्रीय समर्थकों दोनों पर भारी आर्थिक दबाव डाला है। यूक्रेन विदेशी सहायता पर बहुत अधिक निर्भर रहा है, पिछले 3 वर्षों में दाता देशों ने लगभग 267 बिलियन यूरो का योगदान दिया है। लगभग आधा, 130 बिलियन यूरो (49 प्रतिशत) सैन्य सहायता के लिए आबंटित किया गया है जबकि 118 बिलियन यूरो 44 प्रतिशत वित्तीय सहायता के लिए और 19 बिलियन यूरो (7 प्रतिशत) मानवीय राहत के लिए दिया गया है। यूरोपीय राष्ट्र अब समग्र योगदान में संयुक्त राज्य अमरीका से आगे निकल गए हैं जो वैश्विक आर्थिक प्रतिक्रिया में बदलाव का संकेत देता है। यूरोपीय देशों ने वित्तीय और मानवीय सहायता के लिए 70 बिलियन यूरो और सैन्य सहायता के लिए 62 बिलियन यूरो देने का वादा किया है। इसके विपरीत अमरीकी योगदान में सैन्य सहायता के लिए 64 बिलियन यूरो और वित्तीय और मानवीय प्रयासों के लिए 50 बिलियन यूरो शामिल हैं।
दूसरी ओर, अमरीकी रक्षा सचिव के बयान के अनुसार, रूस ने 2022 में अपने पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद से अपने सैन्य अभियान, सैन्य तैनाती और रसद संचालन पर 200 बिलियन डालर से अधिक खर्च किए हैं। प्रत्यक्ष युद्ध व्यय के अलावा, मास्को को रद्द या विलंबित हथियार अनुबंधों से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, जिसका अनुमान 10 बिलियन डालर से अधिक है। मानवीय क्षति आर्थिक परिणामों से परे, युद्ध ने विनाशकारी मानवीय क्षति पहुंचाई है। यूक्रेन की अर्थव्यवस्था में लगभग 20 प्रतिशत की कमी आई है,जिससे रूस के साथ इसकी वित्तीय असमानता बढ़ गई है जो प्रतिबंधों के बावजूद 2.18 ट्रिलियन डॉलर से अधिक जी.डी.पी. बनाए रखता है। संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के पुनॢनर्माण की लागत 524 बिलियन डालर होने का अनुमान है जो इसके वार्षिक आर्थिक उत्पादन का लगभग 3 गुना है, जिसमें आवास, परिवहन और ऊर्जा बुनियादी ढांचे को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हताहतों के आंकड़े एक गंभीर तस्वीर पेश करते हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की ने 46,000 से अधिक सैन्य मौतों की सूचना दी थी हालांकि स्वतंत्र अनुमान अधिक संख्या का सुझाव देते हैं।
रूसी नुकसान की पुष्टि करना मुश्किल है लेकिन बहुत ही रूढि़वादी अनुमानों के अनुसार सैन्य हताहतों की संख्या 95,000 से अधिक है, जबकि एक अतिरंजित आंकड़ा इसे 4,27000 बताता है। सच्चाई इससे भी अधिक भयावह हो सकती है। नागरिकों ने संघर्ष का खामियाजा भुगता है। संयुक्त राष्ट्र ने 12,000 से अधिक नागरिकों की मृत्यु दर्ज की है हालांकि वास्तविक आंकड़ा संभवत: इससे कहीं अधिक है, विशेष रूप से रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों में जहां सत्यापन एक चुनौती बना हुआ है। अकेले मारियुपोल में, तीव्र शहरी युद्ध के बीच 8,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी। युद्ध ने आधुनिक इतिहास के सबसे बड़े शरणार्थी संकटों में से एक को भी जन्म दिया है, जिससे विदेशों में 6 मिलियन से अधिक यूक्रेनियन और देश के भीतर अन्य 4 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं। युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन की आबादी में लगभग एक चौथाई की गिरावट आई है, साथ ही जन्म दर में गिरावट ने इसकी दीर्घकालिक जनसांख्यिकीय चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
विकसित होता युद्धक्षेत्र : संघर्ष के 3 साल बाद भी,क्षेत्रीय नियंत्रण अस्थिर बना हुआ है,जिसमें रूसी और यूक्रेनी दोनों सेनाएं क्रमिक लाभ प्राप्त कर रही हैं। पूर्वी यूक्रेन में, रूसी सैनिकों ने डोनेटस्क में आगे बढ़ते हुए कुराखोव जैसे शहरों पर कब्जा कर लिया है और पोक्रोवस्क की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों में यूक्रेनी सुरक्षा मजबूत बनी हुई है,रूसी प्रगति को रोकने के लिए ड्रोन युद्ध और जवाबी हमले की रणनीति का लाभ उठा रही है। उत्तर में, रूसी सेना ने मई 2024 में खारकीव क्षेत्र में घुसपैठ की, यूक्रेनी सैनिकों द्वारा खदेड़े जाने से पहले कई गांवों पर कब्जा कर लिया। अस्थायी युद्ध विराम कराने के प्रयासों में तेजी आई है, अमरीका ने रूस की मंजूरी पर निर्भर करते हुए शत्रुता में 30 दिन की रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस योजना में मानवीय उपायों को प्राथमिकता दी गई है जिसमें कैदियों की अदला-बदली और रूस ले जाए गए यूक्रेनी बच्चों की वापसी शामिल है।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने यूक्रेन से प्रस्तावित शर्तों को स्वीकार करने का आग्रह किया है जबकि रूस के प्रति उनका रुख उल्लेखनीय रूप से कम टकराव वाला रहा है। क्या स्थायी शांति प्राप्त की जा सकती है? चल रही बातचीत के बावजूद, दीर्घकालिक समाधान मायावी बना हुआ है।-मनीष तिवारी(वकील, सांसद एवं पूर्व मंत्री)