नए भाजपा अध्यक्ष की खोज

Edited By ,Updated: 19 Oct, 2024 05:11 AM

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भाजपा ने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें के. लक्ष्मण को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है।

भाजपा ने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें के. लक्ष्मण को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (एन.ई.सी.) के निर्णय के बाद, पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आगामी राष्ट्रव्यापी संगठनात्मक चुनावों के लिए लक्ष्मण का समर्थन करने के लिए पार्टी उपाध्यक्ष रेखा वर्मा और सांसद संबित पात्रा और नरेश बंसल को सह-चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। नड्डा जनवरी 2020 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके प्रतिस्थापन के चुनाव की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए उनका 3 साल का कार्यकाल बढ़ाया गया था। पार्टी संविधान के अनुसार, आम सहमति से चुने जाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है, जबकि भाजपा का ‘थिंक टैंक’ ओ.बी.सी. या एस.सी. राष्ट्रीय अध्यक्ष  बनाने को उत्सुक है क्योंकि इसके कारण उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में अपनी ताकत बढऩे की उम्मीद है।

भाजपा का जोर अब उत्तर प्रदेश पर है जहां लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी केवल 32 सीटें हासिल करने में सफल रही थी। यू.पी. में हार भगवा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका थी। इसके शीर्ष नेताओं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यू.पी. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल थे, ने राज्य भर में दर्जनों चुनावी रैलियों को संबोधित किया था। पार्टी प्रमुख पद के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है उनमें भूपेंद्र यादव और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम शामिल हैं।

निगाहें अब महाराष्ट्र चुनाव पर : महाराष्ट्र 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना के लिए तैयार है। महा विकास अघाड़ी की निगाहें फिर से शरद पवार और पश्चिमी महाराष्ट्र की 70 सीटों पर टिकी होंगी, जिन्हें राज्य का चीनी का कटोरा कहा जाता है। इस क्षेत्र पर लंबे समय से कांग्रेस और एन.सी.पी. का दबदबा रहा है, जो सहकारी क्षेत्र को नियंत्रित करते हैं, चाहे वह सहकारी चीनी मिलें हों, कपास मिलें हों, डेयरी और कृषि उत्पाद हों, क्रैडिट सोसायटी हों या बैंक हों। 
महाराष्ट्र ऑटोमोबाइल, आई.टी. और कृषि उद्योग का भी केंद्र है जो पुणे, सतारा, सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर और अहमदनगर में फैला हुआ है। 2019 के विधानसभा चुनाव में शरद पवार के नेतृत्व वाली एन.सी.पी. ने 27 सीटें जीतीं, भाजपा ने 20 सीटें, कांग्रेस ने 12 और अन्य 5 सीटें अविभाजित शिवसेना के खाते में गईं। हालांकि, इस चुनाव में एन.सी.पी. में शरद पवार और अजित पवार के बीच विभाजन से एक अधिक जटिल तस्वीर देखने को मिली। दोनों ही सत्ता को मजबूत करने और क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।  इस साल की शुरूआत में लोकसभा चुनाव में अजित की पत्नी सुनेत्रा पवार बारामती में सुप्रिया सुले से हार गई थीं। मराठा आरक्षण, कृषि संकट और उप-राष्ट्रवाद विधानसभा चुनाव में प्रबल मुद्दे होंगे और यह पश्चिमी महाराष्ट्र में शरद पवार और अजित पवार के लिए असली परीक्षा होगी। 

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव : चुनाव आयोग ने 13 नवंबर को उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है, लेकिन इंडिया गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस और सपा अभी तक सीट बंटवारे के समझौते पर नहीं पहुंच पाई हैं। सोमवार को दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस अब 3 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन सपा रिश्ता बचाने के लिए गाजियाबाद और खैर जैसी 2 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और अन्य कांग्रेस नेताओं ने उपचुनावों के लिए टिकट वितरण की चिंताओं को कम करके सपा के साथ गठबंधन के महत्व पर जोर दिया। दोनों पार्टियां मुस्लिम और दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की होड़ में हैं, खासकर फूलपुर, मीरापुर और मझवां जैसी सीटों पर। इन उपचुनावों के नतीजे 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक परिदृश्य को आकार दे सकते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल या प्रियंका गांधी द्वारा सीट बंटवारे के मुद्दे पर कोई फैसला लिए जाने के बाद ही अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। 

झारखंड में एन.डी.ए.और इंडिया ब्लॉक के बीच सीधा मुकाबला :  झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक और भाजपा के नेतृत्व वाले एन.डी.ए. के बीच सीधा मुकाबला है। हालांकि दोनों गठबंधनों ने अभी तक सीट बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप नहीं दिया है। झामुमो ने मैया सम्मान योजना को अपने अभियान का केंद्रबिंदू और आकर्षण बनाया है और इसकी अगुवाई गांडेय की विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन कर रही हैं। 
अगस्त में शुरू की गई इस कल्याणकारी योजना के तहत वंचित समुदायों की 18 से 50 वर्ष की महिलाएं अब हर महीने 2500 रुपए प्राप्त करने की पात्र होंगी। (14 अक्तूबर को कैबिनेट ने राशि 1000/- से बढ़ा दी है) यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोग योजना से परिचित हों और जमीनी स्तर से फीडबैक प्राप्त करें। सोरेन सरकार ने 23 सितंबर को मैया सम्मान यात्रा शुरू की, ताकि 2 अक्तूबर को संपन्न हुई भाजपा की परिवर्तन यात्रा का मुकाबला किया जा सके। 

अब एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी जाति जनगणना का समर्थन किया : विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगभग 90 प्रतिशत आबादी के सिस्टम से बाहर होने की समस्या को दूर करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की गंभीर वकालत कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह जनगणना प्रभावी नीति निर्माण के लिए आवश्यक है क्योंकि इससे दलितों, ओ.बी.सी. और आदिवासियों सहित विभिन्न समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की पहचान करने में मदद मिलेगी। वह केंद्र पर राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण कराने का दबाव बना रहे हैं। अब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, जो भाजपा के प्रमुख सहयोगी रहे हैं, ने भी जाति जनगणना का समर्थन करते हुए कहा है कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए। भाजपा के सहयोगी अजित पवार, चिराग पासवान और अनुप्रिया पटेल ने भी राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की वकालत की है। इस बीच बिहार के विपक्ष के नेता (एल.ओ.पी.) तेजस्वी यादव ने बिहार के लिए विशेष दर्जे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की।-राहिल नोरा चोपड़ा

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