mahakumb

पोस्टर ब्वॉय बने सुनील जाखड़

Edited By ,Updated: 26 Oct, 2024 05:23 AM

sunil jakhar became the poster boy

पंजाब  भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ जो 2 महीने से राजनीतिक कार्रवाई से गायब थे, अब राज्य में 4 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों के लिए भगवा पार्टी के पोस्टर ब्वॉय के रूप में वापस आ गए हैं।

पंजाब  भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ जो 2 महीने से राजनीतिक कार्रवाई से गायब थे, अब राज्य में 4 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों के लिए भगवा पार्टी के पोस्टर ब्वॉय के रूप में वापस आ गए हैं। पार्टी ने पहला प्रचार वीडियो जारी किया जिसमें सुनील जाखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकत्र्ताओं और समर्थकों के साथ अलग-अलग शॉट्स में नजर आए। 28 सैकेंड के इस वीडियो की टैगलाइन है ‘बाकी गल्लां छडडो पंजाब दी गल जरूरी है’।

योगी आदित्यनाथ हमेशा डिमांड में रहते हैं : कोई भी चुनाव हो, उत्तर प्रदेश के सी.एम. योगी आदित्यनाथ हमेशा डिमांड में रहते हैं और सबसे ज्यादा उम्मीदवार आदित्यनाथ को अपना प्रचारक बनाने की ख्वाहिश रखते हैं। महाराष्ट्र, झारखंड में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल, असम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात, मेघालय, सिक्किम और उत्तराखंड में उपचुनावों के साथ, एक बार फिर से सबका ध्यान आदित्यनाथ पर है।  भाजपा ने महाराष्ट्र में अपना अभियान शुरू कर दिया है और मुंबई में कई जगहों पर उत्तर प्रदेश के सी.एम. योगी आदित्यनाथ के पोस्टर लगाए गए हैं, जिन पर योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा लिखा हुआ है। 

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मथुरा में आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत से बातचीत की, जहां राज्य में आगामी विधानसभा उप-चुनावों सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। आर.एस.एस. महासचिव दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद थे। यह बैठक आर.एस.एस. और उसके सहयोगी संगठनों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले हुई है। योगी उत्तर प्रदेश ब्रज पर्यटन विकास बोर्ड की समीक्षा करने के लिए मथुरा में थे, जिसके वे अध्यक्ष हैं। मोहन भागवत परखम गांव में आयोजित 10 दिवसीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए मथुरा में डेरा डाले हुए हैं।मुख्यमंत्री और आर.एस.एस. के बीच बातचीत 2027 में होने वाले राज्यव्यापी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति को एकीकृत करने की ओर भी ले जा सकती है। चर्चा है कि आर.एस.एस. यह संदेश देना चाहता है कि योगी आदित्यनाथ भाजपा का भविष्य हैं। 

कांग्रेस टी.एम.सी. का विरोध नहीं चाहती : कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने पश्चिम बंगाल में 6 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए अलग-अलग उम्मीदवार उतारे हैं, जो संकेत देता है कि राज्य में दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही चुनावी समझ शायद खत्म हो गई है। यह प्रतिबिंब राज्य इकाई के नेतृत्व में बदलाव के बाद आया है। ममता बनर्जी के मुखर आलोचक अधीर रंजन चौधरी की जगह शुभंकर सरकार को नियुक्त किया गया है। कांग्रेस नहीं चाहती कि उसे टी.एम.सी. के प्रति बहुत अधिक विरोधी के रूप में देखा जाए। वाम दलों के साथ कांग्रेस के पिछले गठजोड़ ने सी.एम. ममता बनर्जी को परेशान किया है, जिनकी तृणमूल कांग्रेस (टी.एम.सी.), जो कि एक इंडिया ब्लॉक घटक भी है, ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे के समझौते में प्रवेश करने से इंकार कर दिया था। 

13 नवंबर को मतदान करने वाले 6 निर्वाचन क्षेत्र नौहाटी, हरोआ, मिदनापुर, सीताई (एस.सी.), मदारीहाट (एस.टी.), और तलडांगरा हैं। तृणमूल कांग्रेस ने 2021 के विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने उत्तर बंगाल में मदारीहाट जीता था। इस साल की शुरूआत में विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी।

उत्तर प्रदेश के राजनीतिक ताने-बाने में एक नाटकीय बदलाव : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव परिणामों के प्रतिबिंब ने राज्य के राजनीतिक ताने-बाने में एक नाटकीय बदलाव किया है, जिसमें अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने आश्चर्यजनक रूप से उभर कर  शक्तिशाली भाजपा के खिलाफ पर्याप्त चुनावी बढ़त हासिल की है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने अब लखनऊ में पार्टी कार्यालय के पास होर्डिंग लगाए हैं जिसमें सपा प्रमुख की बड़ी तस्वीर के साथ ‘सत्ताओं का शासक’ संदेश लिखा है। होॄडग पर लिखे शब्दों में अखिलेश यादव को 2027 का नेता बताया गया है। महाराष्ट्र की राजनीति ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार बारामती से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और उन्हें एन.सी.पी. (एस.पी.) के अपने भतीजे युगेंद्र पवार से चुनौती मिलने की संभावना है, जो पवार परिवार पर अपनी पकड़ साबित करने के लिए परिवार के भीतर दूसरी राजनीतिक लड़ाई है। 

 एन.सी.पी. (एस.पी.) लोकसभा चुनावों के बाद से बारामती विधानसभा क्षेत्र में युगेंद्र पवार को बढ़ावा दे रही है, जहां उन्होंने सुप्रिया सुले के चुनाव अभियान में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी और अपनी चाची सुनेत्रा के खिलाफ उनके लिए 48,000 से अधिक वोटों की बढ़त सुनिश्चित करने में कामयाब रहे थे। हालांकि महायुति गठबंधन की सीट बंटवारे की पूरी व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है, लेकिन एन.सी.पी. गुट के 52-54 सीटों पर चुनाव लडऩे की उम्मीद है।-राहिल नोरा चोपड़ा

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!