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2009 का उरुम्की नरसंहार : जब शांतिपूर्ण मार्च खूनखराबे में बदल गया

Edited By ,Updated: 06 Jul, 2022 06:11 AM

the 2009 urumqi massacre when the peaceful march turned into bloodshed

13 साल पहले उरुम्की की सड़कों पर शांति उस समय आक्रोश में बदल गई, जब आंतरिक चीन में उइगर कारखाने के श्रमिकों की हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शनों का बहरे कानों पर कोई असर नहीं पड़ा। बाद

13 साल पहले उरुम्की की सड़कों पर शांति उस समय आक्रोश में बदल गई, जब आंतरिक चीन में उइगर कारखाने के श्रमिकों की हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शनों का बहरे कानों पर कोई असर नहीं पड़ा। बाद में उस शाम को उन्हें चीनी सैनिकों की ओर से निर्दयी प्रतिशोधी न्याय मिला, जिन्होंने सैंकड़ों उइगर नागरिकों को कुचल दिया, उनके शरीर ट्रकों में लादे और गायब हो गए। जुलाई 2009 के उरुम्की दंगे कई दिनों तक जारी हिंसक दंगों की एक शृंखला की शुरूआत थे, जो 5 जुलाई 2009 को उत्तर पश्चिमी चीन में शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (एक्स.यू.ए.आर.) की राजधानी उरुम्की में हुए थे। 

नारायणगंज : संचेतन नागरिक समाज ने उरुमकी हत्याकांड की 13वीं बरसी पर 5 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे मानव शृंखला बनाने के बाद धरना-प्रदर्शन किया। रैली पगला बाजार से शुरू हुई और अलीगांग स्कूल, नारायणगंज में समाप्त हुई। उइगर मुसलमानों पर चीनी अत्याचारों को उजागर करने वाले बंगला और अंग्रेजी में लिखे नारों के साथ बैनर, पोस्टर और झंडों के साथ लगभग 600 लोगों के एक विशाल विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए नैशनल वर्कर्स लीग फतौला क्षेत्रीय समिति के सचिव एस.एम. हुमायूं कबीर, और अन्य वक्ताओं ने लाखों उइगर मुसलमानों को कैद करने के लिए चीन की निंदा की और लोगों से चीन की अमानवीय गतिविधियों के लिए निंदा करने का आग्रह किया। 

ढाका : इस अवसर को चिह्नित करने के लिए बंगलादेश सोशल एक्टिविस्ट फोरम ने नैशनल प्रैस क्लब, ढाका के सैमिनार हॉल में 11:45 बजे (5 जुलाई को) चीनियों द्वारा उइगरों के उत्पीडऩ को उजागर और 2009 के उरुम्की नरसंहार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को याद करने के लिए एक चर्चा बैठक का आयोजन किया। ढाका विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. अल्लामा अताउर्रहमान मियाजी सहित वक्ता गुलाम मुस्तफा भुइयां, बांग्लादेश एन.ए.पी. महासचिव, अहमद उस्मानी, टीकाकार हजरत अल्लामा अलहाज सहित अन्य ने सामूहिक रूप से उइगर मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से चीन के शिनजियांग प्रांत में चल रहे, पर अत्याचारों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्रीय प्रैस छतर और पलटन रोड के सामने बैनर, पोस्टर पकड़ कर एक मानव शृंखला भी आयोजित की, जिसे देखने, भाग लेने के लिए लोग एकत्र हुए। 

बी.बी.एस.एस. वैल्फेयर एसोसिएशन ने अलग से ढाका में प्रमुख स्थानों पर एक साइकिल रैली, पोस्टरिंग और विरोध सभा का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न स्कूलों-कॉलेजों के छात्रों, पत्रकारों, नेताओं और राजनीतिक दलों के कार्यकत्र्ताओं ने भाग लिया। साइकिल रैली सुबह 10 बजे धानमंडी से शुरू हुई और रासेल स्क्वायर होते हुए हातीरझील पर उसका समापन हुआ। साइकिल रैली में पत्रकारों, प्रमुख हस्तियों और छात्रों सहित 150 से अधिक लोगों ने भाग लिया। विरोध बैठक की अध्यक्षता संगठन के संस्थापक अध्यक्ष तौफीक अहमद तफसीर ने की। जातीय स्वच्छसेबक पार्टी के केंद्रीय नेता इमदादुल हक चालेक, बंगलादेश के केंद्रीय नेता जस्दार मोहिउद्दीन, जातीय पार्टी के केंद्रीय नेता नासिरुद्दीन मुंशी ने संगठन के महासचिव और गाजी टी.वी. के निर्माता शफीकुल इस्लाम द्वारा आयोजित संक्षिप्त चर्चा में भाग लिया। 

निश्चित रूप सेें, उरुम्की दंगे उइगरों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुए, लेकिन जातीय तनाव यदि सदियों तक नहीं, तो दशकों तक बना रहा। 2009 के उरुम्की नरसंहार की तुलना 1989 के तिनानमिन स्क्वायर नरसंहार से की गई। ये विरोध प्रदर्शन चीनी सरकारी बलों के उइगर मुस्लिम भाइयों पर उत्पीडऩ के खिलाफ बंगलादेश के मुसलमानों के समर्थन को उजागर करते हैं।

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