Edited By ,Updated: 15 Oct, 2024 05:04 AM
स्वर्गीय रतन टाटा को कुत्तों से बहुत लगाव था। बताया जा रहा है कि जब से वह अस्पताल में दाखिल हुए, उनके पालतू कुत्ते गोवा ने कुछ नहीं खाया था। उनके अंतिम संस्कार के समय भी एक वीडियो में वह बहुत विचलित और उदास दिखा। एक लेख में बताया गया था कि जब रतन...
स्वर्गीय रतन टाटा को कुत्तों से बहुत लगाव था। बताया जा रहा है कि जब से वह अस्पताल में दाखिल हुए, उनके पालतू कुत्ते गोवा ने कुछ नहीं खाया था। उनके अंतिम संस्कार के समय भी एक वीडियो में वह बहुत विचलित और उदास दिखा। एक लेख में बताया गया था कि जब रतन टाटा अपने दफ्तर जाते थे, तो सड़क के कुत्ते उन्हें घेर लेते थे। वे दफ्तर के अंदर उन्हें लिफ्ट तक छोडऩे आते थे। उस दफ्तर में जहां बिना अनुमति के किसी मनुष्य का प्रवेश भी वर्जित था। यह भी देखने में आता है कि अपने पालक के लिए उनके पालतू कई बार जान गंवा देते हैं। कई बार उनकी रक्षा करने के कारण भी वे जान दे देते हैं।
एक वीडियो में देख रही थी कि गायों का एक विशाल झुंड बड़े मैदान में खड़ा था। उनसे बहुत दूर एक लड़का खड़ा था, जिसकी पालतू गाय भी इसी झुंड में थी। एक दूसरा लड़का, इस लड़के के पास आया और दिखावे के लिए गाय के मालिक को पीटने लगा। गाय पूंछ उठाकर दौड़ी आई और दूर तक उस नकली हमलावर का पीछा किया। कुछ साल पहले विदेश में एक तोते ने शोर मचाकर अपने मालिक को जगाया था, क्योंकि घर में आग लग गई थी। बचपन में पड़ोस के गांव के एक जमींदार ने हाथी पाला हुआ था। हाथी किसी बात पर मालिक से नाराज हो गया। उसने सूंड में लपेटकर मालिक को जमीन पर पटक दिया। मालिक की मृत्यु हो गई। लेकिन बाद में हाथी को इतना अफसोस हुआ कि मालिक का जहां अंतिम संस्कार हुआ था, एक महीने तक वह बिना खाए-पिए वहीं खड़ा रहा और प्राण त्याग दिए। घोड़ों पर लिखी 2 पुस्तकें ‘ब्लिट्ज’ और ‘ब्लैक ब्यूटी’ अनोखी हैं। इन्हें पढ़कर घोड़ों की दुनिया और उनकी तकलीफों के बारे में जाना जा सकता है।
न्यूजीलैंड का वह वीडियो तो आपने देखा ही होगा जिसमें एक महिला ने 2 शेर पाले हुए थे। बाद में उन्हें शेरों के अभयारण्य में छोड़ दिया गया। जब भी महिला उनसे मिलने जाती वे कूदकर उसके ऊपर चढऩे की कोशिश करते, चाटते। बाघों के बारे में ‘बॉर्न फ्री’ सीरीज की तीनों किताबें पढ़ी जा सकती हैं। उसमें भी एक महिला ने एक शिशु शेरनी पाली थी। बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया गया। जब वह मां बनी तो अपने परिवार के साथ उस महिला से मिलने घर आई। विदेश की एक घटना यह भी पढ़ी थी कि एक आदमी को एक मगरमच्छ नदी के किनारे घायल अवस्था में मिला था। वह उसे घर ले आया। उसका इलाज किया। जब वह ठीक हो गया, तो वह आदमी उसे नदी में छोड़ आया। लेकिन आश्चर्य, सवेरे जब उसने दरवाजा खोला, तो मगरमच्छ बरामदे में सो रहा था।
उत्तर प्रदेश की वह घटना तो याद ही होगी। एक लड़के को एक घायल सारस मिला था। उसने उसका इलाज कराया। ठीक होने के बाद वह सारस उसका दोस्त बन गया। लड़का जहां जाता, सारस उसके साथ जाता। जब अधिकारियों को यह बात पता चली तो वे उसे ले गए और चिडिय़ाघर में रख दिया। अपने सारस के बिछोह में यह लड़का बहुत दुखी हुआ। एक बार जब वह उससे मिलने चिडिय़ाघर में गया, तो उसे देखते ही सारस पंख फैलाकर नाचने लगा। छत्तीसगढ़ में एक स्त्री ने मैना पाल रखी थी। उसका नाम रामश्री रखा था। महिला सवेरे-सवेरे खेत पर काम करने चली जाती थी। घर में जब महिला की अनुपस्थिति में कोई उससे मिलने आता था, तो मैना उड़कर खेतों तक जाती थी और महिला को सूचना देती थी।
मशहूर लेखक रस्किन वांड ने अपने दादा जी के बारे में एक संस्मरण लिखा था। उनके दादा जी वन विभाग में थे। उन्हें एक बार एक बाघ का शिशु जंगल में मिला था। उसे वह घर लाकर पालने लगे। सुबह घूमने जाते, तो अपने साथ ले जाते। लेकिन यह बाघ बड़ा होने पर लोगों के पालतू कुत्तों और मुर्गिंयों पर हमला बोलने लगा तो उन्हें चिंता हुई। कहीं किसी मनुष्य पर ही हमला न कर दे। इसलिए वह उसे चिडिय़ाघर में छोड़ आए। कई साल बाद उन्हें अपने बाघ की याद आई तो वह उससे मिलने गए। बाघ के पिंजरे में हाथ डालकर उसे सहलाने लगे, तो वह उनका हाथ चाटने लगा। तभी वहां वह आदमी आ गया जो बाघों की देखभाल करता था। उसने उन्हें पहचान कर कहा-साहब यह आपका बाघ नहीं है। वह तो पिछले साल निमोनिया से मर गया। यानी कि जानवर भी उन लोगों को पहचानते हैं, जो उनसे लगाव रखते हैं।
हाल ही में एक इतनी दिलचस्प घटना पढ़ी कि लगा कि आपसे भी शेयर करूं। ओटावा, कनाडा में हाफ मैराथन दौड़ हो रही थी। तभी एक बकरी आकर धावकों के साथ दौडऩे लगी। लोगों ने बकरी का वीडियो फेसबुक पर डाल दिया। मालिक ने यह देखा तो कार लेकर अपनी बकरी को लेने आया, मगर लोगों ने बकरी को वापस नहीं ले जाने दिया। बकरी ने दौड़ पूरी की। उसे विशिष्ट मैडल भी दिया गया। जानवरों के बारे में जब भी ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती हैं, मन भर आता है। ये कितने भोले-भाले होते हैं। जो कुछ राहत दे उसका कितना भरोसा करते हैं और कई बार मारे भी जाते हैं। जानवरों की दुनिया कितनी अनोखी और दिलचस्प है।-क्षमा शर्मा