सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का युग

Edited By ,Updated: 19 Oct, 2024 05:20 AM

the era of micro small and medium enterprises

वर्तमान समय में, विश्व तीव्र गति से एक ऐसे तकनीकी भविष्य की ओर बढ़ रहा है,जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता वैश्विक आख्यान का केंद्र बिंदु बन गया है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित विकसित भारत का लक्ष्य हमारे युवाओं, विशेष रूप से...

वर्तमान समय में, विश्व तीव्र गति से एक ऐसे तकनीकी भविष्य की ओर बढ़ रहा है,जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता वैश्विक आख्यान का केंद्र बिंदु बन गया है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित विकसित भारत का लक्ष्य हमारे युवाओं, विशेष रूप से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से आने वाले समुदायों,महिलाओं, दिव्यांगजनों, पूर्वसैनिकों और आर्थिक रूप से वंचित नागरिकों जैसे पारंपरिक रूप से कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों से उद्यमिता को एक व्यवहार्य करियर मार्ग के रूप में लेने के लिए प्रेरित करना है। उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम का विजन केवल कारोबार के सृजन तक ही नहीं, बल्कि इससे आगे तक जाता है। यह बेरोजगारी को संबोधित करने के साथ-साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। 

इसके साथ ही, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.ई.)सैक्टर में ऋण गारंटी योजना की घोषणा से प्रसन्नता की लहर है, जो मशीनरी के लिए 100 करोड़ रुपए तक के जमानत-मुक्त ऋण उपलब्ध कराती है और यह सीधे तौर पर किफायती ऋण तक पहुंच की महत्वपूर्ण चुनौती को संबोधित करती है तथा कारोबारियों को अपने व्यवसाय में उन्नत प्रौद्योगिकी में निवेश करने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए सशक्त बनाती है। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में संकट की अवधि के दौरान ऋण सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण व्यवस्था को शुरू किया गया है जो सरकार-गारंटीड निधि द्वारा समर्थित है और ये व्यवसायों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बनने से रोकने में मदद करता है और समग्र आर्थिक स्थिरता बनाए रखता है। 

‘तरुण’ श्रेणी के तहत उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण को दोगुना करके 20 लाख रुपए करना एक काफी बड़ा प्रोत्साहन है,जो व्यवसायों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में सक्षम बनाता है। कम टर्नओवर सीमा और विस्तारित पात्रता के साथ व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली में सुधार एम.एस.एम.ई. के लिए तरलता और वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाता है। 

3 वर्षों के भीतर सभी प्रमुख एम.एस.एम.ई. समूहों में सिडबी शाखाओं का नियोजित विस्तार अधिक सुलभ वित्तीय सेवाओं का आश्वासन देती है, जिससे स्थानीय आॢथक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण ईकाइयों और 100 एन.ए.बी.एल.-मान्यता प्राप्त खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होगा और नए बाजार के अवसर खुलेंगे। पी.पी.पी. मोड में ई-वाणिज्य निर्यात केंद्र का निर्माण एक और दूरदर्शी पहल है, जो एम.एस.एम.ई. और पारंपरिक कारीगरों को वैश्विक बाजारों तक अधिक आसानी से पहुंचने और डिजिटल बदलाव तथा अंतर्राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने में सक्षम बनाता है। 

नियोक्ता के कल्याण का भी ध्यान रखा जा रहा है। इस योजना के तहत नियोक्ताओं को एक लाख रुपए प्रति माह तक कमाने वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मी के लिए 2 वर्ष के लिए 3,000 रुपए मासिक तक की प्रतिपूर्ति की जाती है, जिसका लक्ष्य 50 लाख नए कामगारों को रोजगार देना है। सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास और क्रेश स्थापित करने के लिए उद्योगों के साथ भागीदारी करके एक ठोस कदम उठा रही है, साथ ही विशेष कौशल विकास कार्यक्रम और महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूह (एस.एच.जी.) उद्यमों के लिए बाजार तक पहुंच उपलब्ध करा रही है। इसका आदर्श वाक्य है समावेशिता। दूसरी ओर, शैक्षणिक संस्थान ज्ञान और नवाचार के केंद्र हैं, लेकिन कभी-कभी उनमें व्यवहारिक अनुप्रयोग संदर्भों का अभाव पाया जाता है। एम.एस.एम.ई. नवप्रवत्र्तनकारी योजना इस अंतर को पाटती है और एक पारस्परिक संबंध बनाती है, जो दोनों क्षेत्रों को लाभ पहुंचाती है और इसकी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था और व्यापक हो जाती है। 

छात्रों के लिए, यह वास्तविक दुनिया की व्यावसायिक चुनौतियों और अवसरों के लिए मूल्यवान संपर्क मुहैया कराता है। एम.एस.एम.ई. के लिए, ये नए परिप्रेक्ष्य और नवीनतम शैक्षणिक शोध तक पहुंच प्रदान करता है, जो संभावित रूप से उनकी परिचालन चुनौतियों के लिए नव-प्रवर्तनकारी समाधान की ओर ले जाता है। आज तक, हमने पिछले 10 वर्षों में 17 करोड़ नौकरियों की उल्लेखनीय बढ़ौतरी देखी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हम एक ऐसे भारत की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जहां विकास हर घर तक पहुंचे और हर व्यक्ति के जीवन को छुए तथा हमारी सामूहिक ऊर्जा को विश्वगुरु बनने के आदर्श की ओर ले जाए। (लेखिका केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री हैं।)-सुश्री शोभा करंदलाजे

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