Edited By ,Updated: 05 Sep, 2024 05:08 AM
एक ओर जहां इन दिनों भारत में महिलाओं के यौन उत्पीडऩ तथा उनके विरुद्ध अन्य अपराधों की आंधी सी आई हुई है, वहीं फ्रांस के पैरिस में भी एक महिला के उत्पीडऩ का घिनौना मामला सामने आया है।
एक ओर जहां इन दिनों भारत में महिलाओं के यौन उत्पीडऩ तथा उनके विरुद्ध अन्य अपराधों की आंधी सी आई हुई है, वहीं फ्रांस के पैरिस में भी एक महिला के उत्पीडऩ का घिनौना मामला सामने आया है। वहां ‘डोमिनिक पेलिकॉट’ (71) नामक एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी (72) को हर रात नशे की दवाएं देकर स्वयं उससे बलात्कार करने के अलावा कई अनजान पुरुषों से 10 वर्षों तक उसका बलात्कार करवाने का मामला सामने आया है। इनका विवाह 50 वर्ष पूर्व हुआ था और वह 3 बच्चों की मां है। अब इनमें तलाक हो चुका है।
इस संबंध में पुलिस ने बलात्कार के 91 मामलों में शामिल 72 लोगों की पहचान करके उनमें से 51 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। 26 से 73 वर्ष आयु के बीच के इन आरोपियों में फायरमैन, लॉरी ड्राइवर, काऊंसलर, बैंक कर्मी, जेल गार्ड, नर्स (पुरुष) और पत्रकार तक शामिल हैं। इनमें से अनेकों ने एक बार तो कुछ ने 6-6 बार यह अपराध किया। पुलिस के संज्ञान में यह मामला आने के बाद अब इसकी अदालत में सार्वजनिक सुनवाई शुरू हो गई है जो 20 दिसम्बर तक चलेगी।
पुलिस के अनुसार आरोपी ‘डोमिनिक पेलिकॉट’ एक वैबसाइट के जरिए विभिन्न पुरुषों से संपर्क करके अपनी पत्नी से सम्बन्ध बनाने के लिए उनको आमंत्रित करता था। पत्नी को गहरी नींद में सुलाने के लिए वह उसके खाने-पीने की चीजों में नींद की गोलियां मिला देता और फिर लोगों से अपनी पत्नी का बलात्कार करवाता तथा इस गंदी घटना की वीडियो भी बनाता था। पुलिस ने उसके कम्प्यूटर की जांच की तो उसमें उसकी पत्नी के सैंकड़ों वीडियो मिले जिनमें वह बेहोश नजर आ रही थी और वीडियो में अलग-अलग पुरुष उसका बलात्कार करते दिखाई दे रहे थे।
आरोपी द्वारा अपनी ही पत्नी का दूसरों से बलात्कार करवाने का सिलसिला 2011 से 2020 तक चलता रहा। पुलिस ने आरोपी को सितम्बर, 2020 में उस समय पकड़ा था जब वह एक शापिंग सैंटर में महिलाओं का गुप्त रूप से वीडियो बना रहा था। हर धर्म में नारी को पुरुष की अर्धांगिनी (बैटर हॉफ) का दर्जा देकर उसके साथ सम्मानजनक और बराबरी का व्यवहार करने की बात कही गई है परंतु इसके विपरीत पुरुषों द्वारा महिलाओं के साथ इस प्रकार का घिनौना आचरण किसी भी दृष्टिï से स्वीकार्य नहीं है और इसके लिए, चाहे किसी देश में हों, दोषियों को कठोरतम व शिक्षाप्रद दंड मिलना चाहिए।—विजय कुमार