Edited By ,Updated: 09 Mar, 2025 04:51 AM

नशा एक कोढ़ की तरह है जो न सिर्फ व्यक्ति को तबाह कर देता है बल्कि उसके परिवार की पूरी तबाही का कारण भी बनता है। परिवार, जो समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, उस इकाई के प्रभावित होने का प्रभाव समाज पर पड़ता है। नशे में धुत व्यक्ति अपने परिवार और समाज...
नशा एक कोढ़ की तरह है जो न सिर्फ व्यक्ति को तबाह कर देता है बल्कि उसके परिवार की पूरी तबाही का कारण भी बनता है। परिवार, जो समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, उस इकाई के प्रभावित होने का प्रभाव समाज पर पड़ता है। नशे में धुत व्यक्ति अपने परिवार और समाज को भूल कर अपराध की ऐसी दुनिया में दाखिल हो जाता है जिसमें उसका अंत निश्चित है। परिवार और समाज को आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर कमजोर करने वाले इस नशे के कोढ़ को खत्म करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गहराई से विचार किया। इसको ध्यान में रखते हुए नशों की सप्लाई चेन को तोडऩे से लेकर नशों के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और नशे में धुत नौजवानों का उपचार करने तक की योजना तैयार की गई थी।
इस योजना के तहत मंत्रियों के साथ 5 सदस्यीय कैबिनेट कमेटी बनाई गई। कमेटी की अहम भूमिका नशों संबंधी की जा रही कार्रवाई की निगरानी करना है। कमेटी का नेतृत्व वित्त मंत्री हरपाल चीमा कर रहे हैं और इसमें ‘आप’ के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़़ा, मंत्री बलबीर सिंह, मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और मंत्री तरुणप्रीत सौंद भी शामिल हैं। कमेटी में शामिल मंत्री जहां एक ओर विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और नशों के विरुद्ध एक्शन प्लान का जायजा ले रहे हैं, वहीं वे नशा छुड़ाओ केंद्रों की सहूलियतों की भी जांच कर रहे हैं।
इस योजना का सबसे अहम पहलू पंजाब में बुलडोजर कार्रवाई के रूप में लागू किया गया है जिसे प्रदेश के लोगों की ओर से काफी पसंद किया जा रहा है। अब पंजाब पुलिस जब फील्ड में नशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है तो पुलिस मुलाजिमों का भी सीना फख्र से चौड़ा हो जाता है। एक ओर जहां नशा बेच कर बनाई गई सम्पत्तियों पर मान सरकार का बुलडोजर चल रहा है, वहीं दूसरी ओर नशे के कारण जिन नौजवानों की जिंदगी बर्बाद हो चुकी है उन्हें नशा छुड़ाओ केंद्रों में उपचार करवाने के लिए सहूलियतें मुहैया करवाई जा रही हैं। पंजाब के लोग इस बात के गवाह हैं कि राज्य की पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान नशाखोरी का मुद्दा उठा फिर चाहे वह कांग्रेस हो या फिर अकाली भाजपा सरकार मगर किसी भी सरकार ने दृढ़ इरादे के साथ इसे खत्म करने के लिए प्रयत्न नहीं किए।
अब आम आदमी पार्टी ने इरादा और दृढ़ निश्चय के साथ नशों के विरुद्ध युद्ध शुरू किया है। इस मुहिम के आंकड़ों की बात करें तो नशा विरोधी मुहिम 1 मार्च से शुरू हुई थी और सिर्फ 4 मार्च तक पुलिस ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टैंस एक्ट (एन.डी.पी.एस.) के तहत 580 एफ.आई.आर. दर्ज कर 789 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। करीब 74 किलो हैरोइन, 19.5 किलो अफीम और 77 किलो सिंथैटिक ड्रग्स जब्त की गई है। कुल मिलाकर 4 दिनों में करीब 170 किलो नशा बरामद किया गया है। इसके साथ ही सरकारी जमीनों पर नाजायज कब्जे कर इमारतों का निर्माण और नशा तस्करी से संबंधित 60 के करीब इमारतों को जमींदोज कर दिया गया है। इन लोगों की ओर से गैर-कानूनी ढंग और तस्करी के माध्यम से करोड़ों रुपए की सम्पत्ति बनाई गई है। सरकार ने तो अपना काम शुरू कर दिया है अब समाज के विभिन्न वर्गों को इस मुहिम का समर्थन करने की जरूरत है। पंजाब के बुद्धिजीवियों, मीडिया, सामाजिक संस्थाओं और महिलाओं को भी आगे आना पड़ेगा। बुद्धिजीवियों को अपने विचारों और अपने लेखों के माध्यम से नशों के विरुद्ध युद्ध का समर्थन करना चाहिए।
पंजाब के अंदर न केवल नशा तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है बल्कि सरकार की ओर से सीमा पार आने वाले नशों को रोकने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार अपना एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार कर रही है। इसके लिए सरकार ने एंटी ड्रोन लगाने वाली कंपनियों का ट्रायल किया है। पंजाब पुलिस की कुशलता पर पूरे देश को गर्व है मगर कई बार तकनीकी कारणों के चलते चुनौतियां बढ़ जाती हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम को अपनाया जाएगा। मुख्यमंत्री मान का यह बयान कि राज्य सरकार नशा तस्करों और उनके परिवारों को बिजली, पानी और अन्य सहूलियतों को सबसिडी न देने को यकीनी बनाएगी। यदि नशा तस्करों के खिलाफ मिसाल कायम करने के लिए एन.डी.टी.एस. एक्ट में किसी संशोधन की जरूरत पड़ी तो पंजाब सरकार इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी और केंद्र सरकार के पास यह मुद्दा उठाकर नशों के खिलाफ बड़ी लड़ाई को सार्वजनिक और सामाजिक लहर का रूप दिया जाएगा।-दीपक बाली(एडवाइजर सांस्कृतिक एवं पर्यटन विभाग, पंजाब सरकार)