Edited By ,Updated: 08 Jan, 2025 05:36 AM
आजकल देश में शादीशुदा महिलाओं द्वारा पति को बगैर तलाक के छोडऩे और अलग रहने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। यह एक चिंताजनक सामाजिक मुद्दा है।
आजकल देश में शादीशुदा महिलाओं द्वारा पति को बगैर तलाक के छोडऩे और अलग रहने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। यह एक चिंताजनक सामाजिक मुद्दा है। आखिर महिलाएं ऐसे कदम क्यों उठा रही हैं, इसका गहन विश्लेषण संवेदनशील भी है और रोचक भी। एक शादीशुदा स्त्री अपने पति को छोडऩे का निर्णय कई कारणों से ले सकती है और यह हर व्यक्ति की परिस्थितियों, अनुभवों और भावनाओं पर निर्भर करता है। पति-पत्नी का संबंध जटिल होता है और कई बार परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं कि स्त्री को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ता है।
सबसे पहले, यदि पत्नी को पति की ओर से भावनात्मक, मानसिक या शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता है, तो वह यह कदम उठा सकती है। शारीरिक हिंसा, अपमानजनक व्यवहार, गालियां, मानसिक दबाव या अन्य किसी प्रकार का शोषण व्यक्ति के आत्मसम्मान और मानसिक शांति को नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय तक इस तरह के अत्याचार को सहन करना किसी के लिए भी संभव नहीं होता और अक्सर पत्नी ऐसी स्थिति से बाहर निकलने के लिए तलाक या अलगाव का कदम उठाती है। अगर पति का विवाहेत्तर संबंध है या उसने धोखा दिया है, तो स्त्री के लिए यह बहुत बड़ा आघात हो सकता है। विवाह में विश्वास और ईमानदारी का बहुत महत्व होता है और जब यह टूटता है तो पत्नी को लगता है कि संबंध को बचाना संभव नहीं है। अगर दोनों के बीच संचार की कमी है और वे अपनी भावनाओं, विचारों या समस्याओं को सांझा नहीं कर पाते, तो रिश्ते में दरार आ सकती है।
लगातार तकरार और अनबन रिश्ते को कमजोर कर देती है। अगर बातचीत से समस्या का समाधान नहीं हो पाता, तो महिला को लगता है कि रिश्ते में कोई भविष्य नहीं है और वह अलग हो जाती है। अगर महिला को लगता है कि वह अपनी पहचान और करियर में आगे बढ़ सकती है और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकती है, तो वह अलगाव का कदम उठा सकती है। कभी-कभी पति के साथ लगातार तनाव, संघर्ष और समस्या होने से महिला का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। यदि उसका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता है और वह महसूस करती है कि यह रिश्ते में बने रहने से ठीक नहीं हो रहा है, तो वह पति से अलग हो सकती है। एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने की चाहत कभी-कभी पत्नी को अलगाव की ओर ले जाती है।
कुछ महिलाएं अपने जीवन में व्यक्तिगत विकास और आत्म साक्षात्कार के लिए एक अलग रास्ता अपनाती हैं। यदि वे महसूस करती हैं कि उनके जीवन का उद्देश्य और दिशा कुछ और है, तो वह अपने पति से अलग होने का निर्णय ले सकती हैं। यह स्थिति तब होती है जब पत्नी को लगता है कि वह अपने जीवन के लक्ष्यों और सपनों को पति के साथ मिलकर नहीं पूरा कर सकती। कभी-कभी पारिवारिक दबाव, समाज की अपेक्षाएं और संस्कार भी किसी महिला को अपने पति से अलग होने के लिए प्रेरित करते हैं। इस तरह की स्थितियां विशेषकर तब उत्पन्न होती हैं जब पत्नी को परिवार या समाज के द्वारा उत्पन्न गलतफहमियों या दबाव का सामना करना पड़ता है। यदि पति शराब या किसी अन्य नशे की लत में है और इस कारण घर में शांति नहीं रहती या वह परिवार की देखभाल नहीं करता, तो पत्नी को यह महसूस होता है कि इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं है। इस स्थिति में वह पति से अलग होने का निर्णय ले सकती है।
यदि किसी महिला को लगता है कि उसका समय व्यर्थ जा रहा है और वह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ समय बिता रही है जो उसकी भावनाओं, इच्छाओं या सपनों को नहीं समझता, तो यह उसे इस रिश्ते से बाहर निकलने के लिए प्रेरित कर सकता है। घर के वातावरण में शांति और प्यार की कमी के कारण बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बच्चों के लिए बेहतर भविष्य और वातावरण सुनिश्चित करने के लिए वह अपने पति से अलग होने का निर्णय ले सकती है। हर महिला का जीवन और परिस्थिति अलग होती है और इसलिए यह निर्णय भी व्यक्तिगत और स्थिति विशेष होता है। हालांकि, ऐसे निर्णय को लेने से पहले महिला को अपनी भावनाओं, मानसिक स्थिति और भविष्य बारे पूरी तरह से विचार कर लेना चाहिए।- डा. वरिन्द्र भाटिया