Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2024 11:06 AM
पिछले महीने जुलाई में देश में 1.31 करोड़ लोगों ने घरेलू हवाई यात्रा (Domestic air travel) की, जो पिछले साल जुलाई की तुलना में 8.6% और कोविड-पूर्व स्तर से 10% अधिक है। हालांकि, इस साल जून में 1.32 करोड़ यात्रियों का ट्रैफिक दर्ज किया गया था, जो
बिजनेस डेस्कः पिछले महीने जुलाई में देश में 1.31 करोड़ लोगों ने घरेलू हवाई यात्रा (Domestic air travel) की, जो पिछले साल जुलाई की तुलना में 8.6% और कोविड-पूर्व स्तर से 10% अधिक है। हालांकि, इस साल जून में 1.32 करोड़ यात्रियों का ट्रैफिक दर्ज किया गया था, जो जुलाई के मुकाबले 0.5% अधिक था। इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष 2025 के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 5.3 करोड़ रही, जो सालाना आधार पर 5.2% की वृद्धि दर्शाती है।
अप्रैल-जून की पहली तिमाही में भारतीय कैरियर्स से 80.5 लाख यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कीं, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 16.7% अधिक है। यह वृद्धि कोविड-पूर्व की तुलना में 48.7% अधिक है, जब 54.1 लाख यात्रियों ने विदेश यात्राएं की थीं। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण हवाई यात्रा के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि और बिजनेस ट्रैवल की तेजी से बढ़ती मूवमेंट है।
- जुलाई में देश में 91,632 डिपॉर्चर हुए, जो जुलाई 23 से 2% अधिक। अप्रैल में 1 दिन में रिकॉर्ड 4,70,751 यात्रियों ने यात्रा की।
- जुलाई में जून 24 की तुलना में यात्री संख्या में 0.5% की कमी दर्ज की गई, जिसका कारण मॉनसून और स्कूलों का दोबारा खुलना है।
- जुलाई 24 में हर दिन 2,956 डिपॉर्चर रहे, जो जून 2024 के 3,050 से कम रहे।
- जुलाई 24 में प्रति उड़ान यात्रियों की औसत संख्या 143 थी, जो जुलाई 2023 में 139 थी लेकिन जून 2024 के 144 से कम रही।
- घरेलू विमानन उद्योग ने जुलाई 2024 में लगभग 87% की यात्री लोड फैक्टर (पीएलएफ) पर काम किया, जो जुलाई 2023 के 84% और जुलाई 2019 (कोविड से पहले के स्तर) के 82% से अधिक था। यानी ज्यादा यात्री मिल रहे।
इंजन की खराबी बड़ी समस्या, Indigo के 70 प्लेन ग्राउंडेड
- प्रैट एंड व्हिटनी इंजन की समस्याओं के कारण गो एयरलाइंस ने अपने आधे बेड़े को जमीन पर खड़ा रखा। इंडिगो ने भी 70 से अधिक विमान ग्राउंड किए। इससे उड़ानों के संचालन पर असर पड़ा।
- वित्त वर्ष 2025 में इंडस्ट्री का नेट लॉस 3000-4000 करोड़ रुपए रह सकता है। बीते वर्ष 2024 में भी इतना ही घाटा रहा था, जो वित्त वर्ष 2023 में हुए 17.5 हजार करोड़ रुपए की तुलना में काफी कम है।