Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jan, 2025 03:14 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के KLEMS डेटाबेस के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रोजगार सृजन, कृषि, विनिर्माण, और सेवा क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2024 के दौरान पीएम मोदी के कार्यकाल में 17.9 करोड़ नई...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक के KLEMS डेटाबेस के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रोजगार सृजन, कृषि, विनिर्माण, और सेवा क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2024 के दौरान पीएम मोदी के कार्यकाल में 17.9 करोड़ नई नौकरियां सृजित हुईं, जबकि 2004 से 2014 के यूपीए शासन में यह आंकड़ा केवल 2.9 करोड़ था। ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब केंद्रीय बजट 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और मोदी सरकार से रोजगार सृजन और खपत बढ़ाने पर फोकस रखने की उम्मीद की जा रही है।
KLEMS डेटा उत्पादन में पाँच प्रमुख इनपुट – पूंजी (K), श्रम (L), ऊर्जा (E), सामग्री (M) और सेवा (S) के बारे में जानकारी प्रदान करता है। डेटाबेस 27 उद्योगों के लिए बनाया गया है, जिन्हें मिलाकर छह सेक्टर बनाए गए हैं। RBI के नवीनतम डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष ही 4.6 करोड़ नौकरियां सृजित की गईं। प्रधानमंत्री मोदी सरकार के दौरान 2014 से 2024 के बीच रोज़गार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि UPA शासन के दौरान 2004 और 2014 के दौरान यह वृद्धि केवल 6 प्रतिशत थी।
क्षेत्रवार वृद्धि पर आरबीआई के आंकड़े भी पीएम मोदी सरकार के तहत काफी सुधार दिखाते हैं। उदाहरण के लिए, पीएम मोदी सरकार के दौरान कृषि क्षेत्र में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यूपीए के दौरान 16 प्रतिशत की गिरावट आई थी। यूपीए के 2004-2014 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 2014-2024 के दौरान 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत, सेवा क्षेत्र ने भी 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की, जबकि यूपीए शासन के दौरान यह 25 प्रतिशत थी। रोजगार के मोर्चे पर आंकड़े भी मौजूदा सरकार को खुश करते हैं। 2014 से 2023 के बीच इसमें 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि यूपीए शासन में यह 25 प्रतिशत थी। युवाओं की रोजगार दर भी 2017-2018 में 31.4 प्रतिशत से बढ़कर 2023-2024 में 41.7 प्रतिशत हो गई है।
सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को नौकरी मिले और नौकरियों का सृजन हो। यह तभी संभव है जब कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करें, जो खपत बढ़ने पर होता है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने राजकोषीय अनुशासन पर जोर दिया है और इसके लिए प्रोत्साहन दिए जाने के साथ-साथ प्रमुख आय श्रेणियों में कर कटौती की जरूरत है ताकि लोगों को अधिक उपभोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।