23 राज्यों ने 10 साल में स्टांप शुल्क से कमाए 13 लाख करोड़, मकानों की बिक्री में आया भारी उछाल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jul, 2024 01:27 PM

23 states earned 13 lakh crores from stamp duty in 10 years

अर्थव्यवस्था में तेजी और कोरोना के बाद बढ़ती मांग से मकानों की बिक्री में भारी उछाल आया है। इससे पिछले 10 वर्षों में 23 राज्यों ने संपत्तियों के पंजीकरण के एवज में 13.7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की स्टांप ड्यूटी वसूली है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के...

नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था में तेजी और कोरोना के बाद बढ़ती मांग से मकानों की बिक्री में भारी उछाल आया है। इससे पिछले 10 वर्षों में 23 राज्यों ने संपत्तियों के पंजीकरण के एवज में 13.7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की स्टांप ड्यूटी वसूली है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2015 से 2019 के बीच 23 राज्यों में स्टांप शुल्क की वार्षिक चक्रवृ्द्धि दर 10.4 फीसदी रही है। महामारी के बाद वित्त वर्ष 2019 से 2024 के बीच यह दर 12.5 फीसदी रही है। इससे संकेत मिलता है कि कोरोना के बाद मकानों की बिक्री में अच्छा उछाल आया है। 23 राज्यों में से 16 राज्यों में स्टांप ड्यूटी बढ़ी है।

10 वर्षों में स्टांप शुल्क दर में काफी बदलाव आया है। कोरोना के समय कुछ राज्यों ने शुल्क को शून्य कर दिया था। हालांकि, अब यह कोरोना के पहले के स्तर पर वापस आ गया है। लोगों की आय स्तर में वृद्धि और खुद का घर होने की चाहत से मकानों की बिक्री में तेजी आई है। इससे स्टांप शुल्क की वसूली भी बढ़ी है। 5 वर्षों में तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, ओडीशा और मेघालय में स्टांप शुल्क में कमी आई है।

भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में मजबूत गति से बढ़ने के लिए तैयार है। रियल एस्टेट क्षेत्र से बुनियादी ढांचे को पर्याप्त बढ़ावा देकर इसे और तेज किया जा सकता है। वर्ष 2030 तक रियल एस्टेट क्षेत्र के 83 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। रियल एस्टेट उद्योग 2047 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 15 फीसदी से अधिक योगदान कर सकता है। अभी यह सात फीसदी है। महंगी संपत्ति की बिक्री में भी लगातार वृद्धि हुई है, जो बढ़ती आय और दबी हुई मांग का संकेत है।

विदेशी निवेशकों ने जनवरी से जून के दौरान भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में 3.1 अरब डॉलर का निवेश किया है। जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुल निवेश का करीब 65 फीसदी हिस्सा है। पिछले 10 वर्षों में कई राज्यों ने स्टांप शुल्क बढ़ाया है तो कई ने घटाया है। उत्तर प्रदेश ने सबसे ज्यादा 5.5 फीसदी घटाया है। इस राज्य में पहले स्टांप शुल्क 12.5 फीसदी था जो अब सात फीसदी है। मध्य प्रदेश ने 8 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी किया है। हरियाणा ने बढ़ाकर 5 से 7 फीसदी कर दिया है जो पहले 3 से 7 फीसदी था। छत्तीसगढ़ ने 8 से घटाकर पांच फीसदी किया है।
 

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!