Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 May, 2024 11:38 AM
सोने की कीमतें आसमान पर हैं। फिर भी दुनियाभर के कई प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंक गोल्ड की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल जनवरी से अप्रैल तक चार महीनों में अपने भंडार में 24 टन सोना जोड़ा है। भू-राजनीतिक तनाव के बीच...
बिजनेस डेस्कः सोने की कीमतें आसमान पर हैं। फिर भी दुनियाभर के कई प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंक गोल्ड की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल जनवरी से अप्रैल तक चार महीनों में अपने भंडार में 24 टन सोना जोड़ा है। भू-राजनीतिक तनाव के बीच अस्थिरता से बचने के लिए केंद्रीय बैंक अपने रिजर्व को डाइवर्सिफाई कर रहा है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक उसने इस साल के पहले चार महीनों में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब लगभग डेढ़ गुना सोना खरीदा है। पिछले साल जनवरी से अप्रैल के दौरान आरबीआई ने अपने गोल्ड रिजर्व में 16 टन की बढ़ोतरी की थी। बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 26 अप्रैल 2024 तक आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के रूप में 827.69 टन सोना था, जो दिसंबर के अंत तक 803.6 टन था।
भारत सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक रहा है लेकिन देश का केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को जमा करने में शायद ही कभी इतना सक्रिय रहा हो। साल 1991 में जब देश को विदेशी मुद्रा संकट का सामना करना पड़ा था, तब केंद्रीय बैंक ने अपने सोने के भंडार का एक हिस्सा गिरवी रख दिया था। सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना हुई थी। हालांकि सारा सोना केंद्रीय बैंक के खजाने में वापस आ गया है लेकिन उसने दिसंबर 2017 से ही बाजार खरीद के जरिए अपने स्टॉक को जोड़ना शुरू किया। 2022 में बैंक ने बाजारों से जमकर सोना खरीदा था। पिछले साल 2023 आरबीआई ने सोने की कम खरीद की लेकिन इस साल फिर वह आक्रामक तरीके से सोना खरीद रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में सोना
कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 के अंत तक 7.75% थी जो अप्रैल 2024 के अंत तक लगभग 8.7 प्रतिशत हो गई। वॉल्यूम के अलावा, केंद्रीय बैंक सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण वैल्यूएशन लाभ भी कमा रहा है। अधिकांश अन्य उभरते बाजार केंद्रीय बैंकों की तरह, आरबीआई भी करेंसी में अस्थिरता के विरुद्ध बचाव के लिए अपने भंडार में विविधता ला रहा है। आरबीआई के अर्थशास्त्रियों ने इकॉनमी की स्थिति के आकलन करते हुए कहा है कि वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने से उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। 2024 की पहली तिमाही में उन्होंने 290 टन सोना खरीदा। यह कुल वैश्विक सोने की मांग का एक चौथाई हिस्सा है।