Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Dec, 2024 06:11 PM
आईपीओ मार्केट में एक और कंपनी की एंट्री करने वाली है। नीलसॉफ्ट लिमिटेड जो इंजीनियरिंग सर्विस और सॉल्यूशन (ईआरएंडडी) के क्षेत्र में कार्यरत है, आईपीओ मार्केट में एंट्री करने की तैयारी कर रही है। टोक्यो के फुजिता कॉर्पोरेशन द्वारा समर्थित इस कंपनी ने...
बिजनेस डेस्कः आईपीओ मार्केट में एक और कंपनी की एंट्री करने वाली है। नीलसॉफ्ट लिमिटेड जो इंजीनियरिंग सर्विस और सॉल्यूशन (ईआरएंडडी) के क्षेत्र में कार्यरत है, आईपीओ मार्केट में एंट्री करने की तैयारी कर रही है। टोक्यो के फुजिता कॉर्पोरेशन द्वारा समर्थित इस कंपनी ने पूंजी जुटाने के लिए अपने आईपीओ को लेकर पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास एक ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है। अब कंपनी को सेबी की मंजूरी का इंतजार है। 33 साल पुरानी इस कंपनी की योजना बाजार में अपनी हिस्सेदारी जारी करने की है।
आईपीओ की डिटेल
नीलसॉफ्ट आईपीओ में ₹100 करोड़ तक के शेयरों के फ्रेश इश्यू शामिल हैं। इसके अलावा प्रमोटरों और अन्य शेयरधारकों द्वारा 80 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है। नीलसॉफ्ट आईपीओ में ओएफएस के तहत रूपा शाह द्वारा हरीशकुमार शाह के साथ संयुक्त रूप से 11,45,384 शेयर, नेट्सॉफी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1,255,784 शेयर, निशित शाह द्वारा रूपा शाह के साथ संयुक्त रूप से 147,764 शेयर, हरीशकुमार द्वारा 41,376 इक्विटी शेयर बेचने वाले शेयरधारक शामिल हैं।
क्या होगा पैसे का
आईपीओ से हुई कमाई का नीलसॉफ्ट लिमिटेड ने पूंजीगत व्यय और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल करेगी। इसके तहत कंपनी ने ₹69.63 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि नीलसॉफ्ट आईपीओ में लगभग 75% शेयर योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) को आवंटित किए गए हैं और नेट ऑफर का कम से कम 15% और 10% क्रमशः गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों को अलॉट है।
आपको बता दें कि इक्विरस कैपिटल और आईआईएफएल कैपिटल सर्विसेज नीलसॉफ्ट आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं। इसके अलावा लिंक इनटाइम इंडिया आईपीओ रजिस्ट्रार है। नीलसॉफ्ट शेयरों को भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई पर सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव है।
1991 में स्थापना
नीलसॉफ्ट की स्थापना 1991 में हुई थी और वित्तीय वर्ष 1992 में परिचालन शुरू हुआ था। यह कंपनी इंजीनियरिंग प्रोसेस आउटसोर्सिंग (ईपीओ) सेवाएं भी देती है। इसके अलावा कंपनी डिजिटल बदलाव को सक्षम करने के लिए अनुकूलित सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन विकसित करती है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2023 में परिचालन से कंपनी का राजस्व ₹291.03 करोड़ से 11.96% बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024 में ₹325.85 करोड़ हो गया। कर के बाद लाभ वित्तीय वर्ष 2023 में ₹46.64 करोड़ से 24.05% बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024 में ₹57.85 करोड़ हो गया।