Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Jan, 2025 12:19 PM
13 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 800 अंक से अधिक गिरकर 76,580.57 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 246.35 अंक की गिरावट के साथ 23,185.15 पर कारोबार कर रहा था। सभी प्रमुख सेक्टरल...
बिजनेस डेस्कः 13 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 800 अंक से अधिक गिरकर 76,580.57 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 246.35 अंक की गिरावट के साथ 23,185.15 पर कारोबार कर रहा था। सभी प्रमुख सेक्टरल इंडेक्स लाल निशान में थे, जिनमें पीएसयू बैंक और रियल एस्टेट सेक्टरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इस गिरावट के पीछे घरेलू कारकों के साथ-साथ कमजोर वैश्विक संकेत भी जिम्मेदार थे।
सुबह करीब 9:20 बजे, सेंसेक्स 798.34 अंक (1.03%) गिरकर 76,580.57 पर था, जबकि निफ्टी 246.35 अंक (1.05%) गिरकर 23,185.15 पर कारोबार कर रहा था।
निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 2% की गिरावट आई, जबकि निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स लगातार चौथे दिन गिरा। मेटल, ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर भी दबाव में रहे। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमश: 1% और 0.8% नीचे रहे, जबकि आईटी सेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए केवल 0.4% की गिरावट दर्ज की।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 4 मुख्य कारण रहे
कमजोर ग्लोबल संकतों ने बिगाड़ा बाजार का मूड
कमजोर ग्लोबल संकतों ने बाजार का मूड बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई। अमेरिकी जॉब मार्केट के शुक्रवार को आए आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में जल्द कटौती की उम्मीदों को और कमजोर कर दिया। इसके चलते शुक्रवार को अमेरिकी शेयर मार्केट भी लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुए। इसका असर आज एशियाई बाजारों पर भी दिखा और आज सुबह के कारोबार के दौरान एशिया-प्रशांत इलाके के लगभग सभी प्रमुख मार्केट्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
डॉलर इंडेक्स 2022 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर
इस बीच डॉलर इंडेक्स बढ़कर अब 2022 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसने भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ा दिया है। सोमवार को भारतीय रुपया कमजोर होकर 86.18 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला।
FIIs की लगातार बिकवाली
विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली ने बाजार के सेंटीमेंट को हिलाकर रख दिया है। जनवरी में अब तक विदेशी निवेशक 21,357.46 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। पिछले तीन महीनों के दौरान FIIs ने 1,77,402.49 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों कीलगातार बिकवाली के पीछे मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है, जो अब 109 से ऊपर है।
क्रूड ऑयल के दाम में उछाल
क्रूड ऑयल के दाम में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। सोमवार सुबह WTI क्रूड ऑयल के दाम 1.83% बढ़कर 77.97 डॉलर पर कारोबार कर रही थे। वहीं ब्रेंटक्रूड की कीमतें 1.74% बढ़कर 81.15 डॉलर पर कारोबार कर रही थीं। यह इनका पिछले 3 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है।