5 reasons market crash: इन वजहों से बाजार में हाहाकार, निवेशकों को तगड़ा झटका

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Feb, 2025 01:13 PM

5 reasons for market crash investors get a big shock

भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को एक बार फिर से भारी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, बीएसई सेंसेक्स 862.9 अंक गिरकर 75,430.70 पर आ गया। वहीं निफ्टी 257.3 अंक लुढ़ककर 22,814.50 पर पहुंच गया। यह लगातार छठवां दिन है, जब सेंसेक्स और निफ्टी...

बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को एक बार फिर से भारी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, बीएसई सेंसेक्स 862.9 अंक गिरकर 75,430.70 पर आ गया। वहीं निफ्टी 257.3 अंक लुढ़ककर 22,814.50 पर पहुंच गया। यह लगातार छठवां दिन है, जब सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। इस गिरावट के चलते निवेशकों को करीब ₹7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। छोटे और मझोले शेयरों में भी बिकवाली जारी रही। वहीं रियल्टी शेयरों में आज सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। पिछले 6 दिनों में सेंसेक्स 2,800 अंक से अधिक टूट चुका है। वहीं निफ्टी करीब 900 अंक लुढ़क चुका है।

शेयर बाजार में गिरावट के 5 कारण....

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ फैसलों से ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बढ़ गई है। यूरोपियन यूनियन (EU) ने इसका कड़ा जवाब देते हुए अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यूरोपियन यूनियन की प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयन ने कहा स तरह के टैरिफ पर हम 'बिना जवाब दिए नहीं रहेंगे।' इस टैरिफ वॉर की आशंका ने बाजार में दबाव बढ़ा दिया है।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल हुईं

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसलों से अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Fed) पर दबाव बढ़ गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन, जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में आगे कटौती नहीं होने का संकेत दे दिया है। यह शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे एक अहम कारण रहे। ब्याज दरें ऊंची रहने से भारत जैसे इमर्जिंग बाजारों से विदेशी निवेशकों की निकासी बढ़ सकती है, जिससे भारतीय बाजारों पर नेगेटिव असर पड़ा है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार ने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, वह देश की इकोनॉमी से जुड़े मूल सिद्धांतों को नहीं बदल सकते। ऊंचे टैरिफ दर से अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी, जिससे फेडरल रिजर्व को सख्त मॉनिटरी पॉलिसी अपनानी पड़ेगी। इससे अंत में अमेरिकी शेयर बाजार में भी गिरावट आ सकती है और उसके बाद उन्हें पॉलिसी में बदलाव की जरूरत पड़ेगी। तब तक, बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी।'

कमजोर Q3 नतीजों से निवेशकों की चिंता बढ़ी

दिसंबर तिमाही के कमजोर नतीजों ने बाजार में और दबाव बढ़ा दिया। हाल ही में बर्जर पेंट्स, गोपाल स्नैक्स और आयशर मोटर्स जैसी कंपनियों के आए नतीजे भी उम्मीद से कमजोर रहे। इन कंपनियों की धीमी अर्निंग्स ग्रोथ ने बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा दिया है।

स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन चिंता का विषय

स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में पिछले 2 महीनों से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि इस गिरावट के बावजूद मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के वैल्यूएशन अभी भी ऊंचे बने हुए हैं। Nifty Smallcap Index अपने दिसंबर 2024 के उच्चतम स्तर से 20% से अधिक गिर चुका है, जबकि Nifty Midcap Index सितंबर के उच्चतम स्तर से 18% से अधिक गिरा है।

विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली जारी

रुपए में कमजोरी के बीच विदेशी निवेशकों (FII) की ओर से भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकालना जारी है। मंगलवार 11 फरवरी को उन्होंने भारतीय बाजार में 4,486.41 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की। फरवरी महीने में अबतक वे भारतीय बाजा से करीब 17,129.53 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी कर चुके हैं। इससे पहले जनवरी में भी उन्होंने भारतीय बाजार से ₹78,027 करोड़ की बिकवाली की थी। 
 

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