Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Feb, 2025 12:34 PM
![698 crore profit from 1 dollar investment sebi has taken action](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/12_13_474957141sebi-ll.jpg)
सिक्योरिटी एंड मार्केट एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिमाचल प्रदेश की कंपनी एलएस इंडस्ट्रीज और इससे जुड़ी 4 अन्य कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें मार्केट से बैन कर दिया है। इन कंपनियों पर शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने और दुबई से...
बिजनेस डेस्कः सिक्योरिटी एंड मार्केट एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिमाचल प्रदेश की कंपनी एलएस इंडस्ट्रीज और इससे जुड़ी 4 अन्य कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें मार्केट से बैन कर दिया है। इन कंपनियों पर शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने और दुबई से जुड़े एक बड़े इनवेस्टर के जरिए गड़बड़ी करने का आरोप है। जांच में सामने आया है कि दुबई के इनवेस्टर जहांगीर पणिक्कवीट्टिल पेरुम्बरामबाथू (JPP) ने महज 1 डॉलर के निवेश से 698 करोड़ रुपए तक का मुनाफा कमाया।
सेबी की जांच में खुलासा हुआ कि JPP ने कंपनी के 10.28 करोड़ शेयर एक डॉलर में खरीदे थे और कंपनी का रेवेन्यू जीरो होने के बावजूद इसके शेयरों में वैल्यू 10 फरवरी 2025 तक 698 करोड़ रुपए हो गई। जेपीपी के निवेश, जिसकी कीमत अब कंपनी के हाई वैल्यू $328.6 मिलियन है, ने FEMA विनियमों के संभावित उल्लंघनों पर चिंताएं पैदा कर दी हैं। कंपनी के पहले के डायरेक्टर सुएट मेंग चाय ने कंपनी की 12.12 फीसदी की हिस्सेदारी जेपीपी को सिर्फ 1 डॉलर में ट्रांसफर कर दी थी। इसके बाद इसके शेयरों के दामों में एकाएक तेजी थी।
मार्केट में हेरफेर का खुलासा, SEBI ने की सख्त कार्रवाई
SEBI की जांच में खुलासा हुआ है कि JPP ने जुलाई-सितंबर और नवंबर-दिसंबर 2024 के दौरान दो बार ऐसे समय में ट्रेड किया, जब बाजार में तेजी थी। इसके बाद, 27 सितंबर 2024 को उन्होंने अपने ज्यादातर शेयर 267.50 रुपए के उच्चतम स्तर पर बेच दिए। सेबी के एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह की पंप एंड डंप स्कीम से खुदरा निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है, इसलिए इन्हें समय रहते रोकना जरूरी है।
कैसे हो रही है जांच?
सेबी ने अपनी जांच में कंपनी के शेयरों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव और हेरफेर पाया है। अब रेगुलेटर PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) और LODR (Listing Obligations and Disclosure Requirements) नियमों के तहत विस्तृत जांच कर रहा है। सेबी का कहना है कि बाजार की सुरक्षा और निवेशकों के हितों को बचाने के लिए इस तरह की कार्रवाई बेहद जरूरी है।