Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Mar, 2025 05:34 PM
केंद्रीय श्रम सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्यबल में 70% महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने महिला उद्यमियों को मार्गदर्शन और उद्यम पूंजी सहायता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
नई दिल्लीः केंद्रीय श्रम सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्यबल में 70% महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने महिला उद्यमियों को मार्गदर्शन और उद्यम पूंजी सहायता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सेवा क्षेत्र में महिलाओं पर आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए श्रमबल भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 23% से बढ़कर 2023-24 में 42% हो गई है, जबकि श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) इसी अवधि में 22% से बढ़कर 40.3% हो गया है।
डावरा ने कहा कि महिलाओं के लिए नौकरी की सुरक्षा, वेतन असमानता और घरेलू व पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच संतुलन जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। हालांकि, पिछले छह वर्षों में महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ी है। विशेष रूप से शिक्षित महिलाएं बड़ी संख्या में कार्यबल से जुड़ रही हैं, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है।
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने और नेतृत्व व निर्णय लेने की भूमिकाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रौद्योगिकी, वित्त और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति मजबूत करनी चाहिए, जिससे देश के आर्थिक विकास में उनका योगदान और बढ़ सके।