5 महीने में डूबे ₹91000000000000, फरवरी बना काल, क्या कहते हैं जानकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Feb, 2025 06:25 PM

9100000000000000 in 5 months february became a disaster

फरवरी के आखिरी कारोबारी दिन भी शेयर मार्केट में गिरावट रही। शेयर बाजार में लगातार पांचवें महीने गिरावट आई है। साल 1996 में औपचारिक शुरुआत के बाद यह पहला मौका है जब निफ्टी में लगातार पांच महीने गिरावट आई है। सितंबर के आखिर से बाजार में गिरावट का दौरा...

बिजनेस डेस्कः फरवरी के आखिरी कारोबारी दिन भी शेयर मार्केट में गिरावट रही। शेयर बाजार में लगातार पांचवें महीने गिरावट आई है। साल 1996 में औपचारिक शुरुआत के बाद यह पहला मौका है जब निफ्टी में लगातार पांच महीने गिरावट आई है। सितंबर के आखिर से बाजार में गिरावट का दौरा है और इस दौरान निवेशकों के 91.13 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। अगर इतिहास पर नजर डालें तो निफ्टी में चार या उससे ज्यादा महीनों तक गिरावट सिर्फ छह बार ही हुई है। सबसे लंबी गिरावट सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 के बीच देखी गई थी। तब निफ्टी लगातार आठ महीनों तक गिरा था और 31.4% तक नीचे आया था।

फरवरी बना काल

शेयर बाजार का यह कोहराम यूं तो अक्टूबर से चल रहा है लेकिन फरवरी का महीना शेयर बाजार का काल बनकर साबित हुआ है। केवल फरवरी के महीने में करीब 4000679.68 करोड़ की चपत लग चुकी है। 31 जनवरी को बीएसई का मार्केट कैप 4,24,02,091.54 लाख करोड़ था। 28 फरवरी को बाजार बंद होने तक 3,84,01,411.86 करोड़ का नुकसान हो चुका है।

5 महीनों का हाल

अक्टूबर से लेकर जनवरी तक बाजार की चाल कैसी रही। आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी के महीनें में 17,93,014.9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। वहीं दिसंबर में निवेशकों के 4,73,543.92 लाख करोड़ रुपए डूबे। बात नवंबर की केवल यही एक महीना था जहां निवेशकों को करीब 1,97,220.44 लाख करोड़ का फायदा हुआ था। फरवरी के बाद सबसे खराब महीना जो रहा वो था अक्टूबर का। अक्टूबर में बीएसई का मार्केट कैप 29,63,707.23 लाख करोड़ रुपए कम हो गया। साल 1996 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब बाजार में लगातार 5 महीने से गिरावट देखी जा रही हो। इससे पहले बाजार की ऐसी हालत साल 1996 में देखने को मिली थी।

क्या कहते हैं जानकार

भारतीय शेयर बाजार की गिरावट में चीन की भूमिका भी अहम है। बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि पिछले महीने तेजी से गिरावट के बाद चीन के मार्केट में निवेश में तेजी आई है जबकि भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों का निवेश दो साल के निचले लेवल पर आ गया है। अक्टूबर 2024 के बाद से, भारत का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर कम हो गया है, जबकि चीन का 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है। निफ्टी में 1.55 फीसदी की गिरावट के ठीक विपरीत, चीन का हैंग सेंग इंडेक्स केवल एक महीने में 18.7 फीसदी चढ़ गया है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार अभी करेक्शन मोड में हैं ऐसे में कोई भी नया निवेश करने से पहले अच्छी तरह कंपनी के फंडामेंटल चेक लें और अपने एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही निवेश करें।
 
 

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