Tea Price Hike: चाय की चुस्की होगी महंगी! देश के बड़े ब्रांड्स बढ़ा रहे दाम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Sep, 2024 10:55 AM

a sip of tea will become expensive big brands of the country

भारत में चाय का खासा महत्व है लेकिन अब इसे पीना महंगा पड़ सकता है। देश की दो प्रमुख पैकेज्ड चाय बेचने वाली कंपनियां हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) जल्द ही चाय की कीमतें बढ़ाने वाली हैं। एक रि

बिजनेस डेस्कः भारत में चाय का खासा महत्व है लेकिन अब इसे पीना महंगा पड़ सकता है। देश की दो प्रमुख पैकेज्ड चाय बेचने वाली कंपनियां हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) जल्द ही चाय की कीमतें बढ़ाने वाली हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, चाय के घटते भंडार और बढ़ती उत्पादन लागत का असर इसकी कीमतों पर पड़ेगा, जिससे सुपरमार्केट में मिलने वाली चाय महंगी हो जाएगी और ग्राहकों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।

HUL ने की कीमतें बढ़ाने की पुष्टि

HUL के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि इस सीजन में चाय की लागत में बढ़ोतरी आई है, जिससे चाय की खरीद मूल्य पर असर पड़ा है। चाय एक कमोडिटी-लिंक्ड श्रेणी में आती है, इसलिए कंपनी को इसकी कीमतों की निगरानी करना अनिवार्य हो गया है। हालांकि, कंपनी अपने ग्राहकों और मुनाफे दोनों को ध्यान में रखते हुए फैसला करेगी। वहीं टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने इस विषय पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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दोनों कंपनियों के लिए चाय का कारोबार महत्वपूर्ण

चाय की बिक्री टाटा कंज्यूमर और HUL की आमदनी का बड़ा हिस्सा है। HUL की कुल कमाई का 25% हिस्सा चाय से आता है, जबकि टाटा कंज्यूमर का 58% बेवरेज बिजनेस चाय पर निर्भर है। टाटा टी, Tetley, Teapigs और Tata Starbucks जैसे ब्रांड्स टाटा कंज्यूमर के तहत आते हैं, जबकि लिप्टन, ताज महल और Brooke Bond जैसे ब्रांड्स HUL के अंतर्गत हैं।

चाय उत्पादन में कमी

असम और पश्चिम बंगाल, जो देश के सबसे बड़े चाय उत्पादक राज्य हैं, वहां उत्पादन में गिरावट आई है। जनवरी से जुलाई तक चाय उत्पादन में 13% की कमी आई है। इससे चाय की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। उत्तर भारत में चाय की कीमतें 21% बढ़कर 255 रुपए प्रति किलोग्राम और दक्षिण भारत में 12% बढ़कर 118 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं।

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कंपनियों पर प्रॉफिट मार्जिन का दबाव

HUL और टाटा कंज्यूमर को अब चाय खरीदने के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। HUL 45% अधिक और टाटा कंज्यूमर 23% अधिक लागत का सामना कर रही हैं। इसके चलते कंपनियां अपने मुनाफे को बचाने के लिए चाय की कीमतों में वृद्धि कर सकती हैं।

मूल्य वृद्धि का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि 1% से 3% की वृद्धि से ग्राहकों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा लेकिन इससे अधिक की वृद्धि चाय की मांग को प्रभावित कर सकती है। कई प्रीमियम ब्रांड्स ने पहले ही कीमतों में इजाफा कर दिया है। कीमत बढ़ाते समय कंपनियों को अपने मुनाफे और ग्राहकों की खर्च क्षमता, दोनों का ध्यान रखना होगा।

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