Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jun, 2024 05:39 PM
उत्तर भारतीय चाय उद्योग को प्रतिकूल मौसम के कारण चालू फसल वर्ष के जून तक छह करोड़ किलोग्राम उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ रहा है। एक चाय संगठन ने यह अनुमान लगाया है। पिछले साल की इसी अवधि की तुलना करने पर देश में चाय का प्रोडक्शन घटता दिख रहा...
बिजनेस डेस्कः उत्तर भारतीय चाय उद्योग को प्रतिकूल मौसम के कारण चालू फसल वर्ष के जून तक छह करोड़ किलोग्राम उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ रहा है। एक चाय संगठन ने यह अनुमान लगाया है। पिछले साल की इसी अवधि की तुलना करने पर देश में चाय का प्रोडक्शन घटता दिख रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पहली और दूसरी फसल साल की सबसे हाई क्वालिटी वाली चाय पैदा करती है। इसके नष्ट होने से बिना किसी शक के चाय उत्पादकों के राजस्व पर असर पड़ेगा और चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं।
क्यों घटा इस साल चाय का प्रोडक्शन
उत्तर भारतीय चाय उद्योग में शामिल असम और पश्चिम बंगाल के राज्य खतरनाक हालात का सामना कर रहे हैं। मई में बेतहाशा गर्मी और बारिश की कमी के साथ-साथ अत्यधिक बारिश और धूप की कमी ने चाय के उत्पादन पर बुरी तरह असर डाला है। भारतीय चाय संघ (टीएआई) के अध्यक्ष संदीप सिंघानिया ने अनुमान लगाया कि पिछले साल की तुलना में जून तक चाय की संयुक्त फसल का नुकसान छह करोड़ किलोग्राम हो सकता है।
असम और पश्चिम बंगाल से ज्यादा घटा चाय उत्पादन
उन्होंने कहा, "संघ के सदस्य चाय बागानों से मिली सूचना के मुताबिक असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मई 2024 के दौरान पिछले साल की तुलना में क्रमशः लगभग 20 फीसदी और 40 फीसदी की कमी रहने का अनुमान है.. भारतीय चाय बोर्ड के निकाले गए आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2024 तक असम में चाय उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 8 फीसदी और पश्चिम बंगाल में लगभग 13 फीसदी की गिरावट आएगी।