Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Mar, 2025 12:35 PM

अडानी समूह (Adani Group) ने वित्त वर्ष 2026 में पूंजीगत व्यय के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा है। यह निवेश मुख्य रूप से ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में समूह ने लगभग 92,000 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय...
बिजनेस डेस्कः अडानी समूह (Adani Group) ने वित्त वर्ष 2026 में पूंजीगत व्यय के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा है। यह निवेश मुख्य रूप से ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में समूह ने लगभग 92,000 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय पर खर्च किए हैं। समूह के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में होने वाले कुल पूंजीगत व्यय में 60,000 करोड़ रुपए आंतरिक स्रोतों से जुटाए जाएंगे, जबकि शेष राशि शेयर और बॉन्ड जारी कर हासिल की जाएगी।
कर्ज प्रबंधन और लागत में कमी
वित्त वर्ष 2025 में अडानी समूह ने दीर्घकालिक ऋण पर ब्याज लागत को औसतन 10.4% से घटाकर 8.1% कर दिया, जिससे उसे सालाना 4,000 करोड़ रुपए की बचत हुई। समूह की योजना आने वाले वर्षों में भी पूंजी लागत को 75 से 100 आधार अंक तक कम बनाए रखने की है। समूह की सकल उधारी वित्त वर्ष 2025 में 2.4 लाख करोड़ रुपए और शुद्ध कर्ज 1.85 लाख करोड़ रुपए रहा। कंपनी हर साल नए ऋण लेकर 40,000 करोड़ रुपए के पुराने कर्ज का भुगतान कर रही है, जिससे उसे ब्याज लागत में औसतन 1.72% की बचत होती है।
विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की योजना
वित्त वर्ष 2025 में अडानी समूह ने अडानी विल्मर और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस सहित विभिन्न कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर 2 अरब डॉलर जुटाए। इस राशि का उपयोग ऋण भुगतान और पूंजीगत व्यय के लिए किया गया। समूह के अधिकारियों का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में समूह का बाजार पूंजीकरण 53% बढ़ा है, जबकि शुद्ध लाभ (PAT) में 49% की वृद्धि हुई है।
बंदरगाह और हवाईअड्डों में विस्तार
अडानी पोर्ट्स एंड सेज (APSEZ) ने वित्त वर्ष 2025-2029 के दौरान भारत में बंदरगाहों के विस्तार और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 80,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। इसमें 45,000 करोड़ रुपये देसी बंदरगाहों के विस्तार और 20,000-25,000 करोड़ रुपये लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में खर्च किए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अडानी पोर्ट्स अपने बंदरगाह कारोबार का विस्तार करने की संभावनाएं तलाश रहा है। समूह का लक्ष्य 2030 तक भारत के बंदरगाहों से 80-85 करोड़ टन माल आवाजाही करना है।
इसके अलावा, अडानी समूह का नवी मुंबई में नया हवाई अड्डा अगली तिमाही तक चालू होने की उम्मीद है, जिससे यह समूह का आठवां हवाई अड्डा होगा।